
कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में अगस्त 2018 से इबोला वायरस के लगातार नए मामले सामने आए हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने इबोला से पीड़ित मरीज़ों की जान बचाने और बीमारी को व्यापक रूप से फैलने से रोकने में अहम भूमिका निभाई है. डीआरसी के पूर्वी हिस्से में घातक इबोला बीमारी से पिछले एक साल में हज़ारों लोग प्रभावित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने बुतेम्बो में एक केंद्र स्थापित किया है जहां इबोला से संक्रमित मरीज़ों के बच्चों की देखभाल की जाती है.

इबोला प्रभावित इलाक़ों में असुरक्षा का माहौल है और स्वास्थ्य केंद्रों पर हमले भी किए गए हैं. स्थानीय लोग अक्सर राहतकर्मियों को अविश्वास की नज़र से देखते हैं और इस वजह से संयुक्त राष्ट्र, कॉंगो सरकार और अन्य साझेदार संगठनों के काम में अवरोध खड़े होते हैं.

इबोला से निपटने के प्रयासों के तहत स्थानीय लोगों की सामुदायिक समितियां भी बनाई गई हैं जहां उन्हें बीमारी के ख़तरे के बारे में समझाया जाता है. साथ ही डर कम करने और जल्द उपचार पाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. ल्वान्ज़ो काहिन्दो बुतेम्बो में एक महिला समूह का हिस्सा हैं और हर दिन 15 परिवारों से मिलती हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला का फैलना विश्व के सबसे बड़े और जटिल मानवीय संकटों में से एक है. विश्व खाद्य संगठन प्रभावित इलाक़ों में इबोला संक्रमण के बाद उपचार से ठीक हो गए मरीज़ों सहित पांच लाख से ज़्यादा लोगों को भोजन सामग्री का वितरण कर रहा है.