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WHO: योरोप में किशोरों के बीच शराब व निकोटीन के सेवन में वृद्धि, तत्काल कार्रवाई का आग्रह

कई देशों में किशोरों के बीच ई-सिगरेट का सेवन, चिन्ताजनक स्तर तक बढ़ गया है.
NSPLASH/Nery Zarate
कई देशों में किशोरों के बीच ई-सिगरेट का सेवन, चिन्ताजनक स्तर तक बढ़ गया है.

WHO: योरोप में किशोरों के बीच शराब व निकोटीन के सेवन में वृद्धि, तत्काल कार्रवाई का आग्रह

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरूवार को जारी एक नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि योरोप, मध्य एशिया व कैनेडा में, किशोरों के बीच धूम्रपान और शराब पीने का चलन बढ़ता जा रहा है. यही नहीं, मादक द्रव्यों (Drugs) के सेवन में लड़कियाँ अब लड़कों की बराबरी पर हैं, या उनसे भी आगे निकल चुकी हैं.

विश्व स्वास्थ्य एजेंसी के इन तीनों क्षेत्रों से प्राप्त आँकड़ों के अध्ययन से पता चला है कि 15 वर्ष के हर दो में से एक से अधिक बच्चों ने, उत्सुकतावश शराब का सेवन किया है, जबकि हर पाँच में एक किशोर ने हाल ही में ई-सिगरेट का सेवन किया है. इसकी रोकथाम के लिए WHO ने तुरन्त आवश्यक क़दम उठाने का आग्रह किया है.

योरोप में WHO के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूज ने कहा है, “योरोपीय क्षेत्र व उससे परे भी – बच्चों के बीच हानिकारक पदार्थो के व्यापक सेवन का चलन, एक बेहद गम्भीर स्वास्थ्य जोखिम है.”

“यह जानते हुए 20-25 साल तक व्यक्ति के मस्तिष्क का विकास होता रहता है, किशोरों को इन ज़हरीले व ख़तरनाक उत्पादों से बचाना ज़रूरी है.” 

सबसे अधिक प्रचलित शराब, उसके बाद ई-सिगरेट

किशोरों में, सबसे ज़्यादा शराब का सेवन प्रचलित है; 15 साल के 57 प्रतिशत बच्चों ने इसे आज़माने की बात स्वीकार की है और 37 प्रतिशत ने पिछले महीने इसका सेवन करना स्वीकार किया है. 

सभी आयु समूहों में लगभग 10 में से एक युवा को इससे भरपूर नशे का अहसास हुआ है. इसमें उनके अब तक के जीवनकाल में कम से कम दो बार नशा करना शामिल है. 

यह दर, 13 साल की उम्र के बच्चों में पाँच प्रतिशत से बढ़कर, 15 साल की उम्र में 20 प्रतिशत हो जाती है, जो युवजन में शराब के बढ़ते दुरुपयोग की सूचक है.

ई-सिगरेट की लोकप्रियता भी बढ़ी है और इसने पारम्परिक सिगरेट को भी पीछे छोड़ दिया है. 15 साल के 32 प्रतिशत बच्चों ने इसका सेवन आज़माया है और 20 प्रतिशत ने पिछले 30 दिनों में इसका सेवन किया है. 

इसके आँकड़े पारम्परिक सिगरेट पीने वाले किशोरों के बराबर ही हैं, जिनमें 15-वर्षीय बच्चों में से 25 प्रतिशत ने अपने जीवनकाल में पारम्परिक सिगरेट पीने तथा 15 प्रतिशत ने पिछले महीने ही इसका प्रयोग करना स्वीकार किया.

भांग का सेवन

आश्चर्यजनक रूप से, भांग के सेवन में ज़रूर थोड़ी गिरावट आई है: सर्वेक्षण में शामिल 15 वर्ष के बच्चों में से 12 प्रतिशत ने 2022 में इसे आज़माया, जबकि 2018 में यह दर 14 प्रतिशत थी. 

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जीवन के शुरुआती वर्षों में भांग का सेवन करने से, बाद में उसकी लत लगने या उसके सेवन के समस्या भरे चलन सामने आ सकते हैं.

रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि हालाँकि पारम्परिक रूप से लड़के, लड़कियों की तुलना में अधिक शराब पीते और धूम्रपान करते हैं, लेकिन अब यह प्रवृत्ति बदल रही है. 

15 साल की उम्र तक धूम्रपान, शराब और ई-सिगरेट का सेवन करने में अब लड़कियाँ या तो लड़कों के बराबर हैं या उनसे भी आगे निकल चुकी हैं.

हानिकारक उत्पादों का प्रचार

डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने व्यापक रोकथाम उपाय लागू करने का आहवान करते हुए, वीडियो गेम, मनोरंजक कार्यक्रमों व मल्टीमीडिया मंचों पर युवजन को लक्षित करते हुए निर्मित अन्य सामग्री में, इस तरह के पदार्थों के प्रचार को लेकर चिन्ता व्यक्त की.

डॉक्टर हैंस क्लूज ने कहा, "आज, बच्चे हानिकारक उत्पादों के लक्षित ऑनलाइन प्रचार के निरन्तर सम्पर्क में हैं, और वीडियो गेम जैसे लोकप्रिय खेलों से यह सम्पर्क सामान्य बन जाता है. 

युवजन के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए, डब्ल्यूएचओ पहले से ही देशों के साथ मिलकर उन्हें, ऐसे ज़हरीले व नशे की लत लगाने वाले उत्पादों से बचाने की दिशा में काम कर रहा है, जो भविष्य में उनके जीवन की गुणवत्ता पर असर डाल सकते हैं.”

युवजन के बीच शराब, निकोटीन और तम्बाकू के सेवन पर अंकुश लगाने के लिए, डब्ल्यूएचओ ने देशों से, करों में वृद्धि, उत्पाद की उपलब्धता व बिक्री स्थानों पर प्रतिबन्ध लगाने, तथा ख़रीद के लिए न्यूनतम क़ानूनी आयु निर्धारित करने जैसे क़दम उठाने की सिफ़ारिश की है.

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने निकोटीन और तम्बाकू उत्पादों में मेन्थॉल समेत सभी तरह के विशिष्ट स्वादों को भी प्रतिबंधित करने का आहवान किया है. साथ ही, मुख्यधारा व सोशल मीडिया मंचों पर विज्ञापनों पर व्यापक रोक लगाने की अपील की है.