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WHO: स्कूलों में धूम्रपान और 'वेपिंग' पर प्रतिबन्ध लगाने का आग्रह

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वैश्विक स्तर पर लगभग आधे बच्चे, तम्बाकू के धुएँ से प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं.
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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वैश्विक स्तर पर लगभग आधे बच्चे, तम्बाकू के धुएँ से प्रदूषित हवा में साँस लेते हैं.

WHO: स्कूलों में धूम्रपान और 'वेपिंग' पर प्रतिबन्ध लगाने का आग्रह

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को धूम्रपान और 'वेपिंग' पर प्रतिबन्ध लगाने का आहवान करते हुए चेतावनी दी कि युवजन को "निर्दयता" से तम्बाकू व निकोटीन उत्पादों का निशाना बनाया जा रहा है, "चाहे फिर वो कक्षा के भीतर हों, बाहर खेल रहे हों या स्कूल बस के इन्तज़ार में खड़े हों." 

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, तम्बाकू उद्योग के इस दृष्टिकोण के कारण ई-सिगरेट का प्रयोग बढ़ता जा रहा है. 10 में से नौ जन, 18 साल की उम्र से पहले धूम्रपान करना शुरू कर देते हैं - और कई तो 11 साल की छोटी उम्र में ही इस लत की चपेट में आ जाते हैं.

डब्ल्यूएचओ ने कहा, "चूँकि बच्चे अपने दिन का लगभग एक-तिहाई समय स्कूल में बिताते हैं, यहीं पर उन्हें साथियों के दबाव का सामना भी करना पड़ता है इसलिए स्कूलों की भूमिका इसमें काफ़ी महत्वपूर्ण हो जाती है."

उन्होंने कहा कि स्कूल "बच्चों द्वारा धूम्रपान और तम्बाकू व निकोटीन के उपयोग की गम्भीर समस्या से निपटने के लिए एक विशिष्ट महत्वपूर्ण स्थिति में हैं."

ई-सिगरेट का आर्कषण

हालाँकि योरोप में किशोरों की धूम्रपान की आदत में गिरावट जारी है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने बताया कि नए और उभरते तम्बाकू एवं निकोटीन उत्पादों के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है - जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट भी शामिल है.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने बताया कि एकल-उपयोग सिगरेट और ई-सिगरेट बाज़ार में उतारकर, इन उत्पादों को युवजन के लिए अधिक किफ़ायती बना दिया गया है. इनमें से ज़्यादातर उत्पादों पर स्वास्थ्य चेतावनी भी नहीं दी जाती है.

डब्ल्यूएचओ में योरोपीय क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक, डॉक्टर हैंस हेनरी क्लूज ने कहा, "अगर हम तत्काल क़दम नहीं उठाते हैं, तो तम्बाकू उद्योग के अनैतिक आचरण के कारण, तम्बाकू और निकोटीन उपयोगकर्ताओं की अगली पीढ़ी जल्दी ही हमारे सामने खड़ी दिखाई देगी."

वेपिंग में एक तरल पदार्थ को गर्म करके, एरोसोल के ज़रिए साँस खींची जाती है.
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नया मार्गदर्शन

हाल ही में वैश्विक उत्तर के कई देशों में बच्चों की स्कूल वापसी के समय, डब्ल्यूएचओ ने दो नए प्रकाशन जारी किए है: "तम्बाकू और निकोटीन से मुक्ति: स्कूलों के लिए मार्गदर्शिका," और "निकोटिन- और तम्बाकू-मुक्त स्कूल टूलकिट." 

यह प्रकाशन ऐसे समय जारी किए गए हैं, जब पिछले ही महीने संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकारियों ने एक चेतावनी जारी की है, जिसमें कम्पनियों को अवैध ई-सिगरेट की बिक्री बन्द करने की चेतावनी दी गई है.

युवाओं को आकर्षित करने के लिए, इनमें से कई ई-सिगरेट, स्कूलों की आम आपूर्ति, कार्टून चरित्र और यहाँ तक ​​कि टेडी बियर के आकार की होती हैं.

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य संवर्धन निदेशक, डॉक्टर रुएडिगर क्रेच ने कहा, "कक्षा के भीतर, बाहर खेल के दौरान या स्कूल बस स्टॉप पर इन्तज़ार करते समय, हमें युवाओं को घातक अप्रत्यक्ष धुएँ और विषाक्त ई-सिगरेट उत्सर्जन के साथ-साथ, इन उत्पादों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों से भी बचाना चाहिए." 

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उन्होंने आगे कहा, "यह बेहद चिन्ताजनक है कि तम्बाकू उद्योग अब भी युवजन को निशाना बना रहा है और उनके स्वास्थ्य को नुक़सान पहुँचाकर भारी मुनाफ़ा कमा रहा है."

स्कूल युवाओं के लिए सुरक्षित स्थान होने चाहिए, जहाँ वे निकोटीन उत्पादों के सम्पर्क या इस्तमाल के दबाव में न आएँ. युवाओं को धूम्रपान शुरू करने से रोकने में मदद करने के लिए, स्कूल में धूम्रपान और निकोटीन मुक्त वातावरण बनाना आवश्यक है.

डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों में उन देशों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने तम्बाकू और निकोटीन मुक्त स्कूल परिसर सुनिश्चित करने हेतु सफलतापूर्वक नीतियाँ लागू की हैं. इनमें भारत, इंडोनेशिया, आयरलैंड, किर्गिस्तान, मोरक्को, क़तर, सीरिया, सऊदी अरब और यूक्रेन शामिल हैं.

'सम्पूर्ण-स्कूल' दृष्टिकोण

डब्ल्यूएचओ ने निकोटीन और तम्बाकू मुक्त परिसर सुनिश्चित करने के लिए "सम्पूर्ण-स्कूल" दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसके लिए शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और अभिभावकों के विचार भी जानने ज़रूरी हैं.

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के दस्तावेज़ों में, धूम्रपान छोड़ने के इच्छुक छात्रों की मदद करने, शिक्षा अभियानों, नीति-निर्माण व उन्हें लागू करने समबन्धी जानकारी भी शामिल है.

शिक्षकों और नीति-निर्माताओं को दी गई सलाह इस प्रकार है:

• स्कूल परिसरों में निकोटीन और तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबन्ध लगाना

• स्कूलों के पास उत्पादों की बिक्री पर रोक 

• कक्षाओं के पास प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापनों और निकोटीन एवं तम्बाकू उत्पादों के प्रचार पर प्रतिबन्ध

• स्कूल की किसी भी परियोजना के लिए, तम्बाकू एवं निकोटीन उद्योगों द्वारा प्रायोजन से इनकार करना. 

तम्बाकू के धुएँ के ख़तरे

डब्ल्यूएचओ के चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर केर्स्टिन स्कॉटे ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए, चेतावनी दी कि तम्बाकू से "हर साल 80 लाख लोगों, यानि हर चार सेकंड में एक व्यक्ति" की मौत होती है. वहीं, 13 लाख लोग तम्बाकू के धुएँ से मौत के मुँह में चले जाते हैं. ये वो लोग हैं, जो स्वयं इन उत्पादों का उपयोग न करने के बावजूद, अप्रत्यक्ष धुएँ में साँस लेते रहे हैं.

डॉक्टर केर्स्टिन स्कॉटे ने कहा कि "दुनिया के आधे बच्चे तम्बाकू-दूषित वायु में साँस लेने को मजबूर हैं, जिससे हर साल तम्बाकू के धुएँ के सम्पर्क में आने से 51 हज़ार बच्चे मौत का शिकार हो जाते हैं."