तम्बाकू सेवन के आदी लोगों की संख्या में गिरावट, लक्ष्य प्राप्ति के लिये लम्बा सफ़र बाक़ी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों की संख्या में गिरावट आई है, और यह वर्ष 2015 में एक अरब 32 करोड़ से कम हो कर, अब एक अरब 30 करोड़ पर पहुँच गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने तम्बाकू सेवन के वैश्विक रुझानों पर अपनी चौथी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2025 तक यह आँकड़ा, एक अरब 27 करोड़ तक पहुँच जाएगा.
रिपोर्ट बताती है कि 60 देश अब, वर्ष 2010 से 2025 के बीच, तम्बाकू का सेवन करने वालों लोगों की संख्या में, 30 प्रतिशत की कमी लाने के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं. यह लक्ष्य स्वैच्छिक रूप से निर्धारित किया गया है.
दो साल पहले 32 देश इस रास्ते पर थे.
संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि यह आँकड़ा उत्साहजनक है, मगर अभी बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है.
''If tobacco was a virus, it would long ago have been called a pandemic, and the world would marshal every resource to stop it.''- Dr @DrTedros Adhanom Ghebreyesus, @WHO Director-General.🔗https://t.co/KGfN8SJqoB pic.twitter.com/B77M8zT2u4
FCTCofficial
“हमें अभी एक लम्बा रास्ता तय करना है, और तम्बाकू कम्पनियाँ, इन घातक सामग्रियों के सेवनों के ज़रिये प्राप्त होने वाले विशाल मुनाफ़े को बनाए रखने के लिये हर तिकड़म का इस्तेमाल करना जारी रखेंगी.”
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, नए तथ्य दर्शाते हैं कि तम्बाकू उद्योग जगत ने, कोविड-19 महामारी का इस्तेमाल 80 देशों की सरकारों के साथ अपना प्रभाव बढ़ाने के लिये किया.
रिपोर्ट में सदस्य देशों से तम्बाकू नियंत्रण पर स्वास्थ्य संगठन की फ़्रेमवर्क सन्धि (WHO FCTC) में उल्लेखित उपायों को तेज़ी से लागू किये जाने का आग्रह किया गया है.
बताया गया है कि यूएन एजेंसी की सन्धि के अनुरूप उपायों की मदद से प्रगति तो सम्भव हुई है, मगर इस सफलता को बरक़रार रख पाना सरल नहीं है.
तम्बाकू के इस्तेमाल पर रोक और रोकथाम हस्तक्षेपों के लिये वैश्विक निवेश का सुझाव भी पेश किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रति वर्ष, राष्ट्रीय स्तर पर तम्बाकू छोड़ने के लिये प्रेरित करने वाली फ़ोन लाइन्स, एसएमएस आधारित सन्देशों और अन्य उपायों के ज़रिये, वर्ष 2030 तक 15 करोड़ से अधिक लोगों का, तम्बाकू सेवल छोड़ने में मदद दी जा सकती है.
मुख्य निष्कर्ष
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, तम्बाकू से हर साल 80 लाख लोगों की मौत होती है.
70 लाख लोगों की मौत, सीधे तौर पर तम्बाकू का सेवन करने की वजह से होती है, जबकि लगभग 10 लाख लोग, तम्बाकू का इस्तेमाल करने वाले लोगों के सम्पर्क में आने से मौत का शिकार होते हैं.
पिछले वर्ष, वैश्विक आबादी के लगभग 22 फ़ीसदी हिस्से ने तम्बाकू का सेवन किया – इनमें 36 प्रतिशत पुरुष और क़रीब आठ प्रतिशत महिलाएँ हैं.
13 से 15 वर्ष आयु वर्ग में लगभग तीन करोड़ 80 लाख बच्चे, फ़िलहाल तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें एक करोड़ 30 लाख लड़कियाँ और ढाई करोड़ लड़के हैं.
नाबालिग़ों के तम्बाकू ख़रीदे जाने पर पाबन्दी है, और यूएन एजेंसी ने बच्चों के तम्बाकू के सेवन पर पूरी तरह रोक लगाने का लक्ष्य स्थापित किया है.
औसतन, ऊपरी मध्य-आय वाले देशों में प्रगति की रफ़्तार बेहद कम है. 29 देशों में डेटा की गुणवत्ता कम या अपर्याप्त है और रुझान को परखने के लिये ज़्यादा निगरानी की आवश्यकता है.
क्षेत्रानुसार भिन्नताएँ
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के सभी क्षेत्रों में, सबसे अधिक गिरावट अमेरिकी क्षेत्र में नज़र आई है, जहाँ तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों की औसत दर, वर्ष 2010 में 21 प्रतिशत से कम होकर पिछले साल 16 प्रतिशत तक आ गई.
अफ़्रीका में यह दर 15 प्रतिशत से 10 प्रतिशत पर पहुँच गई है और अफ़्रीकी महाद्वीप पर तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों की संख्या सबसे कम है.
योरोप में, कुल 18 प्रतिशत महिलाएँ, तम्बाकू का सेवन करती हैं, जो किसी अन्य WHO क्षेत्र की अपेक्षा सबसे अधिक है.
इसकी तुलना में अन्य क्षेत्र, महिलाओं द्वारा तम्बाकू सेवन की दर में वर्ष 2025 तक, कम से कम 30 प्रतिशत तक की कमी लाने के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं.
दक्षिण-पूर्ण एशिया, तम्बाकू सेवन मामले में सबसे अधिक दर वाले क्षेत्रों में है, जहाँ 43 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल करते हैं – यानि स्थानीय आबादी का लगभग 29 प्रतिशत.
मगर, इस क्षेत्र में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों की संख्या में सबसे तेज़ गिरावट भी दर्ज की जा रही है.
पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र के लिये अनुमान जताया गया है कि यह पुरुषों द्वारा सबसे अधिक सेवन वाला क्षेत्र बन जाएगा. संकेत बताते हैं कि वर्ष 2025 में 45 प्रतिशत से अधिक पुरुष तम्बाकू का सेवन कर रहे होंगे.