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ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता आपूर्ति के लिए नई योजना घोषित

ग़ाज़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ मानवीय और पुनर्निर्माण संयोजक सिगरिड काग, मध्य पूर्व की स्थिति के बारे में सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए (24 अप्रैल 2024).
UN Photo/Loey Felipe
ग़ाज़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र की वरिष्ठ मानवीय और पुनर्निर्माण संयोजक सिगरिड काग, मध्य पूर्व की स्थिति के बारे में सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए (24 अप्रैल 2024).

ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता आपूर्ति के लिए नई योजना घोषित

मानवीय सहायता

युद्धग्रस्त ग़ाज़ा में जीवनरक्षक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए एक नई व्यवस्था, अगले कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है. ग़ाज़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवीय और पुनर्निर्माण संयोजक सिगरिड काग ने, बुधवार को सुरक्षा परिषद में ये जानकारी दी है.

उन्होंने सुरक्षा परिषद में राजदूतों को बताया, “इस व्यवस्था को अमल में लाने से, ग़ाज़ा में पहुँचने वाली सहायता सामग्री को प्राथमिकता दिए जाने, उसके पहुँचने के बारे मे आकलन लगाने, सहायता सामग्री की मौजूदगी और आपूर्ति के बारे में सटीक जानकारी हासिल करना सम्भव होगा.”

यह नई योजना, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2720 से निकली है जिसे दिसम्बर 2023 में पारित किया गया था. उसी प्रस्ताव के ज़रिए सिगरिड काग का पद सृजित किया गया था और उनसे संयुक्त राष्ट्र की एक ऐसी व्यवस्था बनाने का अनुरोध किया गया जिससे युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता आपूर्ति को तेज़ किये जा सके, जहाँ अब अकाल जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं.

7 अक्टूबर (2023) को दक्षिणी इसराइल में हमास के हमले के बाद ग़ाज़ा में इसराइली हमले और लगातार बमबारी में 34 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और भीषण तबाही हुई है. हमास के हमले में 1,200 लोगों के मारे जाने की ख़बरें हैं और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बनाया गया था.

संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय सहायता एजेंसियाँ, मानवीय सहायता आपूर्ति को अनुमति दिए जाने में इसराइली अधिकारियों द्वारा देरी किए जाने की ख़बरें देती रही हैं, जबकि बढ़ती ज़रूरतों को देखते हुए, बहुत विशाल पैमाने और स्तर पर मानवीय सहायता आपूर्ति की आवश्यकता है.

सिगरिड काग ने सुरक्षा परिषद में कहा है, “जैसाकि प्रस्ताव में मंशा ज़ाहिर की गई थी, इस व्यवस्था को, ग़ाज़ा पट्टी में सक्रिय तमाम मानवीय सहायता साझीदारों के काम को आसान बनाने और समर्थन देने के लिए तैयार किया गया है.”

ग़ाज़ा में निगरानी ‘यथासम्भव’ शीघ्र शुरू होगी

सिगरिड काग ने बताया कि ये व्यवस्था शुरू में, साइप्रस और जॉर्डन के सहायता मार्गों पर लागू की जाएगी, और जल्द ही मिस्र के साथ भी, उसके रास्ते के बारे में तकनीकी विचार विमर्श पूरा किया जाएगा.

उन्होंने यह भी कहा कि इसराइल को भी इस व्यवस्था के लागू किए जाने के बारे में सूचित कर दिया गया है.

सिगरिड काग ने बताया, “ग़ाज़ा के भीतर पुष्टिकरण और निगरानी, यथाशीघ्र शुरू होगी. आगामी सप्ताहों के दौरान, ग़ाज़ा में मेरा कार्यालय भी काम करना शुरू कर देगा.”

ग़ाज़ा में महीनों की इसराइली बमबारी में, इमारतों और बुनियादी ढाँचे को भीषण नुक़सान हुआ है.
© UNRWA

हवा का रुख़ पलटने की ज़रूरत

सिगरिड काग ने नागरिक आबादी की विशाल ज़रूरतों को पूरा करने का काम, सुरक्षित तरीक़े से जारी रखने के लिए, अब हवा का रुख़ पलट दिए जाने की महत्ता को रेखांकित किया.

इसका मतलब है कि मानवीय सहायता आपूर्ति और वितरण की गुणवत्ता और तादाद को विशाल पैमाने पर बढ़ाया जाना होगा. 

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को ठोस रूप में जारी रखने के लिए, राजनैतिक इच्छाशक्ति का कोई और विकल्प नहीं है.

सिगरिड काग ने सहायता एजेंसियों को भोजन सामग्री, दवाओं और अन्य चीज़ों को, सुरक्षित रूप में ज़रूरतमन्द लोगों तक पहुँचाने के लिए, निर्बाध पहुँच मुहैया कराई जानी होगी, ताकि एजेंसियाँ, सभी मार्गों और सीमा चौकियों से होकर, ग़ाज़ा के हर एक हिस्से में सहायता सामग्री पहुँचाने में समर्थ हो सकें.

उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता अभियान, ट्रकों की गिनती पर सीमित नहीं किए जा सकते. ये तरीक़ा मानवीय सहायता की पर्याप्तता के बारे में अनुमान लगाने का, बिल्कुल भी कोई सही तरीक़ा नहीं है. निश्चित रूप से इस गिनती भर से, बुनियादी मानवीय ज़रूरतों को पूरा करना पर्याप्त नहीं हो सकता.

सिगरिड काग ने कहा कि इस सन्दर्भ में, फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता एजेंसी – UNRWA की जगह कोई अन्य एजेंसी नहीं ले सकती है और एक मानवीय जीवनरेखा के रूप में इसकी बहुत अहमियत है और उसे अपना शासनादेश पूरा करने की अनुमति दी जानी होगी.

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© WFP