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WHO: ग़ाज़ा में पहुँच रही मदद राहत 'बहुत कम, बहुत देर से'

ग़ाज़ा में एक स्वास्थ्यकर्मी घायल बच्चों की देखभाल करते हुए.
© WHO
ग़ाज़ा में एक स्वास्थ्यकर्मी घायल बच्चों की देखभाल करते हुए.

WHO: ग़ाज़ा में पहुँच रही मदद राहत 'बहुत कम, बहुत देर से'

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – WHO ने, पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में युद्ध में कोई कमी नहीं होने के हालात में, मंगलवार को पूरे क्षेत्र में बेहतर पहुँच सुनिश्चित किए जाने की गुहार लगाई है, जहाँ जारी युद्ध में फँसे आम लोगों की मदद के लिए राहत "बहुत कमबहुत देर से" पहुँच रही है.

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि डॉक्टर रिक पीपरकोर्न ने कहा, "युद्धविराम नहीं भी होता है, तो भी यह अपेक्षा तो है कि मानवीय सहायता गलियारे प्रभावकारकी होंगे... अभी के हालात से कहीं बेहतर और अधिक निरन्तर तरीक़े से."

उन्होंने कहा, "यह बहुत कम है. बहुत देर हो चुकी है और विशेष रूप से ग़ाज़ा के उत्तर में."

भोजन के लिए भीख

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की आपातकालीन चिकित्सा टीमों के समन्वयक सीन केसी ने पुष्टि की है कि मानवीय सहायता - और विशेष रूप से भोजन - की पूरे ग़ाज़ा में सख़्त ज़रूरत है. उत्तरी क्षेत्रों में ख़ासतौर से हालात बहुत ख़राब हैं.

उन्होंने ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े - रफ़ाह से वीडियो के माध्यम से जिनीवा में पत्रकारों से कहा, "उत्तर में भोजन उपलब्धता की स्थिति बिल्कुल भयावह है, वहाँ भोजन लगभग बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं है."

उन्होंने कहा, “जिस किसी से भी हम बात करते हैं वह भोजन की भीख मांगते हैं और आकर पूछते हैं, 'कहाँ है, भोजन कहाँ है?' लोग चिकित्सा सामग्री पहुँचाने में हमारी मदद करते हैं. लेकिन वे हमसे लगातार कह रहे हैं कि हमें खाना लेकर वापस आना होगा.”

इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि, डॉक्टर रिक पीपरकोर्न ने उस अपील को दोहराते हुए और दक्षिण में बढ़ती युद्ध गतिविधियों के बारे में चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि कर्मचारियों और आपूर्ति को "सुरक्षित व तेज़ी से" पहुँचाने की गतिविधियाँ कमज़ोर पड़ी हैं, "क्योंकि ग़ाज़ा में किसी भी क़दम के लिए, युद्धक गतिविधियों में कमी की आवश्यकता होती है...".

डॉक्टर पीपरकोर्न ने बताया कि ग़ाज़ा में और अधिक आवश्यक खाद्य आपूर्ति प्राप्त करने के अलावा, जिस चीज़ की तत्काल आवश्यकता है, वो है मानवीय सहायता और ग़ाज़ा पट्टी के भीतर श्रमिकों की आसान आवाजाही, "ताकि हम लोगों तक पहुँच सकें, चाहे वे कहीं भी हों".

ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में अभी तक 23 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएँ और बच्चे हैं. लगभग 59 हज़ार लोग घायल भी हुए हैं, जो ग़ाज़ा की आबादी का लगभग 2.7 प्रतिशत है.

संयुक्त राष्ट्र 'पूरी तरह मुस्तैद'

डब्ल्यूएचओ के अधिकारी डॉक्टर पीपरकोर्न ने ज़ोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी संगठन, ग़ाज़ावासियों तक सहायता पहुँचाने के लिए "पूरी तरह से तैयार" हैं, जिन्होंने मौजूदा युद्ध की व्यापक तकलीफ़ों को सहन किया है.

हालाँकि डॉक्टर पीपरकोर्न ने बताया कि ग़ाज़ा के मध्य क्षेत्रों और ख़ान यूनिस के दक्षिण में, युद्ध और निकासी आदेशों ने, मरीज़ों व एम्बुलेंसों के लिए अस्पतालों तक पहुँच को प्रभावित किया है.

उन्होंनेसाथ ही यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ के लिए, भारी तबाही का सामना कर रहीं स्वास्थ्य सुविधाओं तक चिकित्सा सामग्री और ईंधन पहुँचाना "अविश्वसनीय रूप से जटिल" हो गया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी डॉक्टर पीपरकोर्न ने येरूशेलम से बताया कि निकासी क्षेत्रों के पास स्थित तीन अस्पताल, मुख्य रूप से चिन्ता का विषय हैं - योरोपीय ग़ाज़ा अस्पताल, नासिर चिकित्सा परिसर और अल-अक्सा – जो ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में लगभग 20 लाख लोगों के लिए "जीवनरेखा" हैं.

स्वास्थ्यकर्मियों की ज़िन्दगियों को जोखिम

डॉक्टर पीपरकोर्न ने कहा कि “सहायता सामग्री की बाधित आपूर्ति और अनेक अस्पतालों में चिकित्सा कर्मचारियों की पहुँच व वहाँ से गम्भीर अवस्था वाले मरीज़ों को, सुरक्षा के भय से निकालने में कठिनाइयाँ, आपदा के अनुकूल हालात हैं. और इन हालात से और भी अधिक अस्पतालों में कामकाज ठप हो जाएगा, जैसा कि ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में देखा गया है. अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसा नहीं होने देना चाहिए.” 

ग़ाज़ा पट्टी में जीवनरक्षक मानवीय कार्यों के लिए "घटती जगह" का एक संकेत यह तथ्य है कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी, दो सप्ताह से उत्तरी ग़ाज़ा तक नहीं पहुँच सकी है.

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, 26 दिसम्बर के बाद से, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुल छह नियोजित मानवीय सहायता मिशनों को रद्द करना पड़ा है. 

डॉक्टर पीपरकोर्न ने बताया, "हमारी टीमें सहायता आपूर्ति करने के लिए मुस्तैद हैं, लेकिन हम सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने के लिए आवश्यक अनुमति प्राप्त नहीं कर पाए हैं."