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'ग़ाज़ा युद्ध है बच्चों पर एक युद्ध', UNRWA

ग़ाज़ा में भीषण बमबारी के बीच छोटे बच्चे भोजन मिलने का इन्तज़ार कर रहे हैं.
© UNDP PAPP/Abed Zagout
ग़ाज़ा में भीषण बमबारी के बीच छोटे बच्चे भोजन मिलने का इन्तज़ार कर रहे हैं.

'ग़ाज़ा युद्ध है बच्चों पर एक युद्ध', UNRWA

मानवीय सहायता

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए सहायता एजेंसी - UNRWA ने कहा है कि "ग़ाज़ा में युद्ध, बच्चों पर युद्ध साबित हो रहा है और ग़ाज़ा युद्ध बच्चों के बचपन और उनके भविष्य पर एक युद्ध है." इस बीच बीती रात, इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में हवाई हमले किए जाने की ख़बरें आई हैं.

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UNRWA ने कहा है कि पिछले चार वर्षों के दौरान, दुनिया भर में टकरावों में जितने बच्चों की मौत हुई है, उससे कहीं अधिक बच्चे, ग़ाज़ा युद्ध में मौत का शिकार हो चुके हैं.

एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिप लज़ारिनी ने ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नवीनतम आँकड़ों पर हैरानी जताई है कि ग़ाज़ा में पिछले चार महीनों के दौरान लगभग 12 हज़ार 300 बच्चे मारे गए हैं. 

इस संख्या की तुलना, दुनिया भर में टकरावों की स्थिति में, 2019 से 2022 के बीच, मारे गए बच्चों की 12 हज़ार 193 संख्या से अधिक है.

युद्धविराम की पुकार

फ़िलिपे लज़ारिनी ने ग़ाज़ा में तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने की अन्तरराष्ट्रीय पुकारों को दोहराया है. ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक इस युद्ध में 31 हज़ार 184 से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं और 72 हज़ार 889 घायल हो चुके हैं.

इसराइली सेना के आँकड़ों के अनुसार, ग़ाज़ा में इसराइल का ज़मीनी आक्रमण शुरू होने के बाद से, 12 मार्च तक, 247 इसराइली सैनिक ग़ाज़ा में मारे जा चुके हैं और 1,475 घायल हुए हैं.

इस बीच संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसियों ने ग़ाज़ा में भीषण स्थिति के बारे में गम्भीर चेतावनियाँ जारी की हैं, जहाँ लगभग 5 लाख 76 हज़ार लोग अकाल के निकट हैं. यह संख्या, ग़ाज़ा की लगभग 25 प्रतिशत आबादी है.

बच्चों पर सबसे अधिक क़हर

यूएन राहत समन्वय एजेंसी - OCHA ने बताया है कि कम से कम 25 लोगों की मौत, भुखमरी या भोजन-पानी नहीं मिलने के कारण हो चुकी है, जिनमें से 21 बच्चे हैं.

यूएन बाल एजेंसी - UNICEF ने कहा है कि भूख और बीमारियों का सामना नहीं कर पाने वालों में अधिक संख्या बच्चों की है. 

एजेंसी ने चेतावनी दी है कि ग़ाज़ा में युद्ध के कारण पहले ही लगभग 10 लाख बच्चे व किशोर, अपने घरों से दूर हो चुके हैं, और लगभग 17 हज़ार बच्चे विस्थापित हैं, जो या तो अपने माता-पिता से बिछड़ चुके हैं या उनके साथ कोई वयस्क नहीं है.

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इस बीच यूएन सहायता एजेंसियाँ, ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में कुछ राहत सामग्री पहुँचाने में सफल हुई हैं.

अस्पतालों को मदद

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग़ाज़ा में सोमवार को, दो अन्य अस्पतालों तक सहायता के लिए पहुँच सके हैं. इन अस्पतालों के नाम हैं - अल शिफ़ा और अल हेलू अस्पताल.

उससे पहले सप्ताहान्त के दौरान, अल अहिल अरब अस्पताल और अल सहाबा अस्पतालों में सहायता पहुँच हासिल की थी.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि ग़ाज़ा के अस्पतालों में स्थिति दयनीय बनी हुई है क्योंकि अधिकतर अस्पताल अपनी न्यूनतम क्षमता के साथ ही काम कर पा रहे हैं.