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मध्य पूर्व: प्रतिशोधपूर्ण कार्रवाई के ख़तरनाक चक्र को रोकने की पुकार

उत्तरी ग़ाज़ा के सचल आपात क्लीनिक में एक लड़के का उपचार किया जा रहा है.
© WHO
उत्तरी ग़ाज़ा के सचल आपात क्लीनिक में एक लड़के का उपचार किया जा रहा है.

मध्य पूर्व: प्रतिशोधपूर्ण कार्रवाई के ख़तरनाक चक्र को रोकने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

इसराइल द्वारा कथित रूप से ईरान में एक परमाणु ऊर्जा स्टेशन के नज़दीक शुक्रवार तड़के हवाई कार्रवाई किए जाने की ख़बरों के बीच, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी शान्ति अपील दोहराते हुए कहा है कि मध्य पूर्व क्षेत्र में बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई के इस ख़तरनाक चक्र को रोका जाना होगा.

महासचिव कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में बदला लेने से प्रेरित किसी भी कृत्य की निन्दा की गई है और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट प्रयासों का आहवान किया है, ताकि ऐसे क़दमों से होने वाले विनाशकारी नतीजों की पहले से ही रोकथाम की जा सके.

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल ग्रोस्सी ने इन्हीं चिन्ताओं को दोहराते हुए सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने का आग्रह किया. 

IAEA ने ईरान के परमाणु स्थलों को कोई क्षति नहीं पहुँचने की पुष्टि की है और ज़ोर देकर कहा है कि परमाणु केन्द्रों को सैन्य टकराव में कभी भी निशाना नहीं बनाया जाना होगा.

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मीडिया में अपुष्ट ख़बरों के अनुसार, इसराइल द्वारा ईरान के इसफ़हान प्रान्त में ड्रोन हमले किए गए, जहाँ परमाणु केन्द्र और सैन्य शिविर स्थित हैं.

जिनीवा स्थित यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने भी सभी पक्षों से तनाव में कमी लाने के लिए तत्काल क़दम उठाने की अपील की है.

इस बीच, ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायताकर्मियों के अनुसार फ़लस्तीनी आबादी, विशेष रूप से गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के समक्ष जोखिम है.

इसराइली सैन्य कार्रवाई में अहम मेडिकल सामान व उपकरण बर्बाद हो गए हैं और लोगों को भूख-प्यास, कुपोषण व भय से जूझना पड़ रहा है.

यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य मामलों के लिए यूएन एजेंसी (UNFPA) में फ़लस्तीन के लिए प्रतिनिधि डोमिनिक ऐलन ने जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रसव के दौरान जटिलताएँ पेश आने के मामले, युद्ध से पहले की तुलना में लगभग दो गुना बढ़ गए हैं.

मातृत्व सेवाओं पर असर

इसकी वजह कुपोषण, पानी की कमी और डर को बताया गया है, जिससे गर्भवती महिलाओं की बच्चों को सुरक्षित और समय पर जन्म देने की क्षमता पर असर होता है. 

उन्होंने बताया कि ग़ाज़ा में उनकी टीम का मिशन इसी सप्ताह समाप्त हुआ है, जिसमें इसराइली सैन्य कार्रवाई में उत्तरी, मध्य और दक्षिणी इलाक़ों में अस्पतालों व स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को पहुँची क्षति का आकलन किया गया.

UNFPA प्रतिनिधि डोमिनिक ऐलन ने येरूशेलम से वीडियो लिंक के ज़रिये जानकारी देते हुए कहा कि वहाँ स्थिति हृदयविदारक है और उसे शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता है. 

उनके अनुसार मेडिकल उपकरण, अल्ट्रासाउंड मशीन, उनकी स्क्रीन को तोड़ा गया है, तारों को काट दिया गया है. उन्होंने आशंका जताई कि मातृत्व वार्ड में बड़े पैमाने पर पहुँचाई गई क्षति को जानबूझकर अंजाम दिया गया है.

हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों के 7 अक्टूबर को इसराइल पर आतंकी हमलों के बाद, इसराइल ने ग़ाज़ा पट्टी में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी. 

रफ़ाह के अल-हेलाल अल-ऐमिराती अस्पताल में 77 बच्चों के लिए केवल 20 इनक्यूबेटर हैं.
© UNFPA Palestine/Bisan Ouda
रफ़ाह के अल-हेलाल अल-ऐमिराती अस्पताल में 77 बच्चों के लिए केवल 20 इनक्यूबेटर हैं.

लड़ाई शुरू होने से पहले दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित ख़ान यूनिस में नासेर अस्पताल में मातृत्व वार्ड को UNFPA टीम द्वारा समर्थन व आपूर्ति मुहैया कराई जा रही थी.

यूएन एजेंसी का कहना है कि युद्ध में भारी क्षति पहुँचने के बाद अस्पताल को फिर से पूर्ण रूप से संचालित करने के लिए जल, साफ़-सफ़ाई सेवाओं व जनरेटर की मरम्मत के साथ-साथ विशाल प्रयासों की आवश्यकता होगी.  

भय की जकड़ में

यूएन मिशन सोमवार, 8 अप्रैल को आरम्भ हुआ था और इस सप्ताह बुधवार को उसने आप कामकाज पूरा किया, जिसे यूएन स्वास्थ्य संगठन, आपात सहायता कार्यालय और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी के साथ साझेदारी में किया गया.

इस मिशन के तहत ग़ाज़ा में 10 अस्पतालों का दौरा किया गया, जिनमें मध्य ग़ाज़ा में स्थित अल अक़्सा अस्पताल भी है, जहाँ घायल मरीज़ों का तांता लगा हुआ था और मातृत्व वार्ड में सेवाओं को समर्थन नहीं था.

वहीं दक्षिण में स्थित ऐमिराती अस्पताल में स्वास्थ्य निदेशक ने यूएन टीम को बताया कि सामान्य आकार के साथ जन्म लेने नवजात शिशु अब देखने को नहीं मिल रहे हैं.

इसराइली कार्रवाई की आशंका से जकड़े रफ़ाह में, यूएन टीम के अनुसार बड़े पैमाने पर भय व्याप्त है और वहाँ शरण लेने वाले 12 लाख फ़लस्तीनी अनिश्चितता से घिरे हुए हैं.

प्रतिनिधि डोमिनिक ऐलन के अनुसार, ग़ाज़ा में उनकी दाइयों, चिकित्सकों, गर्भवती महिलाओं, सहकर्मियों समेत अन्य लोगों से बात हुई और उन्हें डर को महसूस किया जा सकता है. रफ़ाह, फ़िलहाल एक शरण स्थल है, यह सुरक्षित भले ही ना हो, मगर लोगों ने वहाँ पनाह ली हुई है.