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यूक्रेन: 'न्यायसंगत शान्ति' की ख़ातिर, रूस से अपनी बन्दूकें ख़ामोश करने की पुकार

यूक्रेन की राजधानी किएव में एक व्यक्ति अपनी आवासीय इमारत के पास, जिसे दिसम्बर 2023 में हुए एक आक्रमण में, भारी नुक़सान पहुँचा.
© UNOCHA/Viktoriia Andriievska
यूक्रेन की राजधानी किएव में एक व्यक्ति अपनी आवासीय इमारत के पास, जिसे दिसम्बर 2023 में हुए एक आक्रमण में, भारी नुक़सान पहुँचा.

यूक्रेन: 'न्यायसंगत शान्ति' की ख़ातिर, रूस से अपनी बन्दूकें ख़ामोश करने की पुकार

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने यूक्रेन की स्थिति के बारे में, मंगलवार को मानवाधिकार परिषद को जानकारी देते हुए कहा कि देश में रूसी आक्रमण के बाद से, लोगों के हताहत होने और पीड़ाओं का सिलसिला जारी है.

उन्होंने जिनीवा स्थिति मानवाधिकार परिषद को बताया कि संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR ने, यह आक्रमण शुरू होने के बाद से ही,  स्थिति पर सावधानीपूर्वक नज़र रखी है.

नवीनतम जानकारी के अनुसार, चार दिसम्बर तक, 10 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 560 से अधिक बच्चे हैं.

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इनके अलावा, साढ़े 18 हज़ार आम लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है. आँकड़ों को सत्यापित करने की कठिनाइयों के कारण, वास्तविक संख्याएँ कहीं अधिक होने की सम्भावना है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा, “मैं यूक्रेनियों के के साथ सहानुभूति रखता हूँ, जिन्हें शान्ति का अधिकार है, और जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप शान्ति के हकदार हैं.”

उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि इसके बजाय लम्बा और गहरा टकराव, आने वाली पीढ़ियों के जीवन और मानवाधिकारों को प्रभावित करेगा.”

यूक्रेन में मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) ने दशकों से विकसित पद्धति का उपयोग करके, संकट के दौरान हालात के बारे में, कड़ी मेहनत से, दस्तावेज़ तैयार किए हैं.

वोल्कर टर्क ने रिपोर्ट के निष्कर्षों की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया जिनमें मुख्य रूप से रूसी सेनाओं द्वारा, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के गम्भीर उल्लंघनों के बारे में बताया गया है.

रिपोर्ट के निष्कर्ष

दस्तावेज़ों के अनुसार, वर्ष 2023 के दौरान, एक अगस्त से 30 नवम्बर के बीच, दो हज़ार 440 आम लोग हताहत हुए.

इन आँकड़ों में, उस अवधि से पिछले चार महीनों की तुलना में, हताहत होने वालों की संख्या में 25 प्रतिशत की कमी और 2022 में इसी अवधि की तुलना में 46 प्रतिशत की कमी देखी गई, जिसका श्रेय अग्रिम मोर्चों पर स्थिरता, आम लोगों की निकासी और मज़बूत वायु रक्षा प्रणालियों जैसे कारकों को जाता है.

मिसाइल का ख़तरा

अलबत्ता, युद्ध की अग्रिम पंक्ति से दूरस्थ स्थानों पर रहना, सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि रूसी सशस्त्र बलों ने, घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्रों में निरन्तर मिसाइल हमले किए हैं. पिछले कुछ दिनों में कीव पर हुए हमलों में, 50 से अधिक लोग घायल हो गए और अनेक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं.

वोल्कर टर्क ने कहा, “देश भर में लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं.” हमलों में अनाज भंडारण और परिवहन सुविधाओं को भी निशाना बनाया गया है जो अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत संरक्षित नागरिक वस्तुएँ हैं.

फ़रवरी 2022 में आक्रमण शुरू होने से, एक हज़ार 300 से अधिक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गई हैं, पिछले चार महीनों में इस तरह की 100 से अधिक घटनाएँ दर्ज की गई हैं. बारूदी सुरंगों और विस्फोटक सामग्रियों से जीवन को ख़तरा बना हुआ है.

मानव अधिकारों के उल्लंघन

रूसी-क़ब्जे वाले क्षेत्रों में, लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने, लोगों की जबरन गुमशुदगी और रूसी सशस्त्र बलों द्वारा व्यापक दुर्व्यवहार के चलन की ख़बरें मिलती रहती हैं, जिनके सबूत भी हैं.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने, रूसी हिरासत केन्द्रों तक पहुँच की कमी के बावजूदबताया है कि लोगों को मनमाने तरीक़े से हिरासत लिए जाने, गुप्त बन्दीकरण और जबरन गुमशुदगी के परिणामस्वरूप, कम से कम 100 आम लोगों की मौत की संख्या को रेखांकित किया है.

वोल्कर टर्क ने यह भी याद दिलाया कि क़ाबिज़ शक्ति को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, यथासम्भव यथास्थिति बनाए रखनी चाहिए, और अपने स्वयं के क़ानूनों और प्रथाओं को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करते हुए लागू करने के रूसी प्रयासों की आलोचना की. इनमें रूसी सेना में सेवा करने के लिए, यूक्रेनी पुरुषों को भर्ती करना भी शामिल है.

यूक्रेन से पुकार

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, यूक्रेन में मुक़दमों में, “साँठ-गाँठ” की परिभाषा का दायरा सीमित करने का आग्रह किया वैध समझी जाने वाली गतिविधियों के लिए भी लोगों को दोषी सिद्ध किए जाने पर चिन्ता व्यक्त की.

रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन में 30 नवम्बर तक, कथित “साँठ-गाँठ” के सम्बन्ध में, राजधानी कीव में, अधिकारियों ने लगभग आठ हज़ार 600 आपराधिक आरोप दायर किए गए हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों में, अभियुक्तों को, मुक़दमे जारी रहने के दौरान हिरासत में ही रखे जाने के अदालती आदेश जारी किए गए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अनेक लोगों को ऐसे आचरण के लिए दोषी ठहराया गया है जो क़ानून के दायरे में हो सकता है - जिनमें, उदाहरण के लिए, क़ब्जे वाले क्षेत्रों में सामाजिक सेवाओं और स्कूलों का निरन्तर संचालन सुनिश्चित करने के लिए काम करना शामिल है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, सभी देशों से, दोनों पक्षों, विशेषकर रूसी महासंघ से, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय क़ानून का अनुपालन करने के लिए तत्काल और निर्णायक उपाय किए जाने का आहवान किया.

उन्होंने कहा, “इस त्रासदीपूर्ण और दूरगामी परिणामों वाले टकराव का अन्ततः एक मात्र समाधान है: एक न्यायसंगत शान्ति.”