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7 अक्टूबर को इसराइल में, हमास के हमलों के दौरान कथित यौन हिंसा की जाँच का आग्रह

दक्षिणी इसराइल के एक रिहायशी इलाक़े में क्षतिग्रस्त इमारत के पास खड़े राहतकर्मी.
© Magen David Adom Israel
दक्षिणी इसराइल के एक रिहायशी इलाक़े में क्षतिग्रस्त इमारत के पास खड़े राहतकर्मी.

7 अक्टूबर को इसराइल में, हमास के हमलों के दौरान कथित यौन हिंसा की जाँच का आग्रह

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, 7 अक्टूबर को इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में, हमास के आतंकी हमलों के दौरान कथित यौन हिंसा की निन्दा करते हुए, उसकी जाँच का आग्रह किया है. इस बीच फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में मानवीय सहायता एजेंसियों ने कहा कि दक्षिणी इलाक़े में इसराइल की लगातार भीषण बमबारी और उसके कारण, बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन की वजह से, मानवीय स्थितियाँ बेहद ख़राब हो गई है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, ग़ाज़ा में संकट पर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति के सम्बन्ध में दोहरे मानक अपनाए जाने के आरोपों का भी खंडन किया है.

उन्होंने ध्यान दिलाया है कि उन्हें दक्षिणी इसराइल में समुदायों पर हमास के हमले के दौरान, यौन हिंसा के आरोपों से अवगत कराया गया था.

उन्होंने कहा कि यह "दर्दनाक रूप से स्पष्ट" था कि "नृशंस" हमलों की पूरी तरह से, स्वतंत्र रूप से जाँच होनी चाहिए "क्योंकि यह हम पर पीड़ितों क़र्ज़ है".

वोल्कर टर्क ने साथ ही, 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप, इसराइली रक्षा बलों द्वारा ग़ाज़ा में चलाए गए "विनाशकारी" युद्ध की भी निन्दा की. 

लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अप्रैल 2022 में रूसी बलों द्वारा यूक्रेन के बुचा में आम लोगों की कथित सामूहिक हत्याओं जैसी गम्भीर घटनाओं की मानवाधिकार जाँच शुरू होने में कई महीने लग गए थे.

उन्होंने कहा, "हम पीड़ितों के क़र्ज़दार हैं कि आरोपों की गम्भीर जाँच हो और उन्हें न्याय मिले." 

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बताया कि उनके कार्यालय ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार जाँचकर्ताओं की एक टीम को प्रवेश की अनुमति देने के लिए, अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में इसराइल को एक अनुरोध भेजा किया था.

उन्होंने कहा, "मैंने इस आहवान को दोहराया है और मुझे उम्मीद है कि इस पर ध्यान दिया जाएगा."

ग़ाज़ा के युद्धग्रस्त इलाक़े ख़ान यूनिस में, ध्वस्त इमारतों के बीच, कुछ महिलाएँ खाना पकाते हुए.
© UNRWA/Ashraf Amra

यूएन जांचकर्ताओं को रास्ता दें

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, जिनीवा में पत्रकारों से बातचीत में, युद्ध रोके जाने की अपनी पूर्व पुकारें दोहराईं. उन्होंने साथ ही युद्धरत पक्षों पर प्रभाव रखने वाले देशों से, युद्ध के क़ानूनों के अनुरूप नागरिकों की रक्षा को प्राथमिकता दिए जाने का भी आहवान किया.

उनकी ये टिप्पणियाँ आने से पहले, उनके कार्यालय ने कहा कि "नागरिक बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाने या उस पर गम्भीर प्रभाव छोड़ने वाले हमलों का चलन, इसराइल द्वारा अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के अनुपालन के बारे में गम्भीर चिन्ताएँ पैदा करता ,है और अत्याचार अपराधों के जोखिम को गम्भीर हद तक बढ़ाता है".

उन्होंने कहा, "मैं एक तत्काल क़दम के रूप में, युद्ध को तत्काल समाप्त करने का आहवान करता हूँ. सभी पक्ष इस बात से अवगत हैं कि फ़लस्तीनी और इसराइली लोगों के लिए शान्ति और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए वास्तव में क्या आवश्यक है; हिंसा और प्रतिशोध का परिणाम केवल अधिक घृणा और कट्टरपन्थ के रूप में हो सकता है. विशाल कष्टों को समाप्त करने का एकमात्र तरीक़ा, फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइल के क़ब्ज़े को समाप्त करना और दो-देशों की स्थापना का समाधान पेश करना है."

वोल्कर टर्क ने इसराइल के सेवारत और पूर्व उच्च-स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ, हमास के लोगों द्वारा दिए गए "अमानवीय और भड़काऊ बयानों" के बारे में अपनी गम्भीर चिन्ताओं को भी दोहराया.

उन्होंने कहा, "इतिहास ने हमें दिखाया है कि इस तरह की भाषा किस तरह का रास्ता खोल सकती है."

"यह न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि एक सक्षम अदालत ऐसे बयानों को, जिन परिस्थितियों में वे दिए गए थे, अत्याचार अपराधों को उकसाने के रूप में देख सकती है."