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ग़ाज़ा में युद्ध और स्वास्थ्य संकट से 'महामारी फैलने’ का ख़तरा: WHO

शिशुओं को अल-शिफ़ा अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी की जा रही है.
© UNICEF/Eyad El Baba
शिशुओं को अल-शिफ़ा अस्पताल से सुरक्षित बाहर निकालने की तैयारी की जा रही है.

ग़ाज़ा में युद्ध और स्वास्थ्य संकट से 'महामारी फैलने’ का ख़तरा: WHO

मानवीय सहायता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आपातकालीन कार्रवाई निदेशक माइक रायन ने सोमवार को कहा है कि ग़ाज़ा में नागरिकों को लगी असंख्य चोटों और बढ़ते सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के मिले-जुले असर से, महामारी फैलने के लिए अनुकूल हालात बन सकते हैं.

WHO के डॉक्टर माइक रायन ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि फ़लस्तीनी चरमपंथियों और इसराइली बलों के बीच जारी लड़ाई में बन्धक बने, या फिर बमबारी के बीच रहने को मजबूर लोगों के पास कोई सुरक्षित आश्रय स्थल नहीं है, जिससे "अनगिनत बच्चे" ख़तरे में हैं.

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उन्होंने कहा, ग़ाज़ा में 1,500 से अधिक बच्चे लापता हैं, जिनमें से अनेक के मलबे में दबे होने की सम्भावना है. वहीं, स्वास्थ्य प्रणाली "अत्यधिक दबाव" में है.

उन्होंने कहा कि सप्ताहान्त में सबसे बड़े अस्पताल, अल शिफ़ा से कई मरीज़ों को बाहर निकालने के बाद, उत्तरी ग़ाज़ा में स्थित इंडोनेशियाई अस्पताल में बचे हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी अगले कुछ दिनों में सुरक्षित बाहर निकालने की ज़रूरत पड़ सकती है.

डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय कार्यालय ने ट्वीट के ज़रिए दिए एक वक्तव्य में कहा कि एजेंसी, इंडोनेशियाई अस्पताल पर हुए हमलों में अनेक लोगों के मारे जाने की ख़बरों से स्तब्ध है. इसमें अस्पतालों में रह रहे मरीज़ों के साथ-साथ उनकी देखभाल करने वाले लोग भी शामिल थे.

डॉक्टर माइक रायन ने आगाह किया कि इसराइली बलों के आगे बढ़ते रहने की चेतावनी के कारण, UNRWA केन्द्रों और स्कूलों में लोगों की भीड़ जमा हो रही है, जिससे "महामारी फैलने का ख़तरा बढ़ रहा है." साथ ही, हाल ही में हुई ठंडी बारिश, बच्चों में निमोनिया के मामले बढ़ा सकती है.

पानी, भोजन और ईंधन की कमी के कारण इलाज से वंचित रह जाने वाले घायलों की स्थिति गम्भीर है, और आशंका है कि जल्द ही सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम भी इतने ही गम्भीर बन सकते हैं.

डॉक्टर माइक रायन ने कहा कि यह सब 'महामारी पनपने की अनुकूल परिस्थितियाँ' है, जबकि स्वस्थ रहने के लिए प्रतिरोधक क्षमता के विकास हेतु आवश्यक कैलोरी सेवन फ़िलहाल "ज़रूरी स्तर" से नीचे है.

अल शिफ़ा के कुछ मरीज़ अब भी 'गम्भीर स्थिति' में हैं.

डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपातकालीन अधिकारी रॉब होल्डन ने दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह से ब्रीफ़िंग के दौरान, ग़ाज़ा शहर के युद्धग्रस्त अल शिफ़ा अस्पताल से, समय से पहले पैदा हुए, 31 बच्चों को ख़तरनाक हालात में सुरक्षित बाहर निकालने पर विस्तृत जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी रैड क्रैसेंट के साथ मिलकर सप्ताहान्त में हुए इस दो-स्तरीय अभियान में, क्षेत्र से नवजात शिशुओं और परिवार के शेष सदस्यों को निकालने में कामयाबी मिली है.

उन्होंने बताया कि उनमें से 28 शिशुओं को सोमवार को इलाज के लिए, मिस्र रैड क्रैसेंट की देखभाल में सीमा पार भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि उनमें से तीन शिशुओं को, दक्षिणी ग़ाज़ा में रह रहे अपने परिवारों के साथ दोबारा मिलवा दिया गया है.

अल शिफ़ा में बचे 220 मरीज़ों के बारे में उन्होंने कहा कि उनमें से कई बच्चे "जान जाने की स्थिति में" हैं, उन्हें डायलिसिस की ज़रूरत है और एक व्यक्ति गहन देखभाल में है.

उन्होंने कहा कि 25 मरीज़ों की रीढ़ की हड्डी में गम्भीर चोटें थीं और फ़लस्तीनी रैड क्रैसेंट के सहयोग से, डब्ल्यूएचओ उन्हें दक्षिण की ओर ले जाने के प्रयास कर रहा है.

इसराइल के साथ दैनिक ईंधन आपूर्ति पर सहमति बनी

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बुधवार को न्यूयॉर्क में संवाददाताओं को बताया कि इसराइली अधिकारियों ने, मिस्र से ग़ाज़ा में प्रति दिन लगभग 70 हज़ार लीटर ईंधन भेजने की अनुमति दी है, "जो आवश्यक मानवीय कार्रवाई के लिए न्यूनतम आवश्यकताओं से अभी भी बहुत कम है."

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र राहत तथा कार्य एजेंसी - UNRWA ईंधन वितरित करेगी, जिससे भोजन वितरण और जैनरेटर सुविधाएँ एवं अस्पताल, पानी एवं स्वच्छता सुविधाएँ, आश्रय व अन्य महत्वपूर्ण सेवाएँ दोबारा शुरू की जा सकें.

रविवार को, UNRWA और UNICEF ने ग़ाज़ा के मध्य क्षेत्र के दक्षिण में पानी और स्वच्छता सुविधाओं के लिए लगभग साढ़े 19 लीटर ईंधन वितरित किया, "जिससे जैनरेटर चलाकर, राहत कार्रवाई दोबारा शुरू करना सम्भव हुआ," लेकिन वो केवल 24 घंटों के लिए ही पर्याप्त था.

“वाडी ग़ाज़ा के उत्तर में, समस्त जल एवं स्वच्छता सुविधाएँ बन्द हैं, और 28 अक्टूबर को इसराइली ज़मीनी हमले शुरू होने के बाद से बोतलबन्द पानी नहीं बँटा है, जिससे निर्जलीकरण व जलजनित बीमारियों के ख़तरे को लेकर चिन्ताएँ बढ़ गई हैं.”

उन्होंने UNRWA का हवाला देते हुए यह भी कहा कि शनिवार को जबालिया के अल फ़ख़ौरी स्कूल पर सीधे हमले में मारे गए लोगोंं की संख्या लगभग 24 है, और अन्य कई घायल हुए हैं.

घटना के समय, इस सुविधा में आन्तरिक रूप से विस्थापित लगभग 7,000 लोगों ने शरण ले रखी थी.

संयुक्त राष्ट्र के राजनयिक प्रयासों पर न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जारी एक नोट में कहा गया है कि राजनैतिक मामलों की प्रमुख, रोज़मैरी डीकार्लो ने रविवार को इसराइली राष्ट्रपति, आइसैक हर्ज़ोग व अन्य वरिष्ठ इसराइली अधिकारियों से मुलाक़ात की है.

उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास के हमले में बन्धक बनाए लोगों के परिवारों से भी भेंट की.

सोमवार को उन्होंने ज़मीन पर तैनात इसराइली अधिकारियों और संयुक्त राष्ट्र सहयोगियों के साथ बैठकें की. मंगलवार को वो फ़लस्तीनी नेताओं से मिलने के लिए पश्चिमी तट के रमल्ला जा रही हैं.