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सीरिया: बदतरीन हालात से जूझ रहे हैं आम नागरिक, यूएन के शीर्ष अधिकारियों की चेतावनी

सीरिया में लगभग 68 लाख लोग घरेलू विस्थापन का शिकार हुए हैं.
© UNOCHA Syria
सीरिया में लगभग 68 लाख लोग घरेलू विस्थापन का शिकार हुए हैं.

सीरिया: बदतरीन हालात से जूझ रहे हैं आम नागरिक, यूएन के शीर्ष अधिकारियों की चेतावनी

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को आगाह किया है कि सीरिया में पिछले 12 वर्षों से जारी हिंसक टकराव के बीच, आम नागरिक एक ऐसे मानवीय संकट से जूझ रहे हैं, जो बद से बदतर होता जा रहा है.  

इस बीच, यूएन महासभा ने देश में अब भी लापता एक लाख लोगों के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया है.

सीरिया के लिए यूएन की विशेष उप दूत नजत रोश्दी ने कहा कि सीरिया में जारी हिंसा और आम लोगों की पीड़ा हमें ध्यान दिलाती है कि कूटनैतिक प्रयासों को जारी रखने के लिए कितना कुछ दाँव पर लगा हुआ है. 

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“अन्तत:, हमें सुरक्षा परिषद के प्रस्ता 2254 के अनुरूप एक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम की आवश्यकता है.” 

यूएन की विशेष दूत ने मौजूदा परिस्थितियों से अवगत कराते हुए कहा कि हाल के दिनों में जानलेवा ड्रोनm हमलों, गोलाबारी, आतंकी हमलों और सरकार के समर्थन में हवाई कार्रवाई हुई हैं.  

“सीरियाई लोग लगातार बिगड़ते मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं.”

इस पृष्ठभूमि में, सीरियाई नागरिक विशाल स्तर पर विस्थापन, आर्थिक संकट के साथ-साथ हिरासत में लिए जाने, ग़ायब या लापता हो जाने की त्रासदी से भी जूझ रहे हैं. 

नजत रोश्दी ने कहा कि ये सभी कारक दर्शाते हैं कि सीरिया में नए सिरे से कूटनीति को वास्तविक समाधान में बदलना कितना अहम है, ताकि स्थानीय नागरिकों की तात्कालिक चिन्ताओं को दूर किया जा सके, विभिन्न पक्षों में भरोसे का निर्माण हो और एक राजनैतिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ा जाए.

मानवीय राहत प्रयास 

संयुक्त राष्ट्र में आपात राहत मामलों के यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि देश पिछले 12 वर्षों से हिंसक टकराव से ग्रस्त है, आर्थिक बदहाली का शिकार है, और यहाँ की 90 फ़ीसदी जनता अब निर्धनता रेखा के नीचे जीवन गुज़ार रही है. 

हिंसा के बीच खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में तेज़ उछाल आया है और हैज़ा का प्रकोप है. उन्होंने कहा कि फ़रवरी 2023 में भीषण भूकम्प से हुए नुक़सान के बाद शुरू हुए पुनर्निर्माण प्रयास, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सीरियाई लोगों को बेहतर भविष्य देने का एक अवसर हैं. 

इसके साथ ही, सीमा-पार से संचालित किए जाने वाले राहत अबियानों की अवधि को भी अगले 12 महीनों के लिए बढ़ाए जाने पर बल दिया गया है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार लगाते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों के पास सबसे निर्बल समुदायों तक राहत पहुँचाने के लिए सीमित संसाधन हैं. 

देश में मानवीय सहायता अभियान के लिए पाँच अरब 40 करोड़ डॉलर की धनराशि की अपील की गई थी, जिसमें से केवल 12 प्रतिशत का ही प्रबन्ध हो पाया है.

उन्होंने सचेत किया कि 20 करोड़ डॉलर उपलब्ध ना होने के कारण, विश्व खाद्य कार्यक्रम को अगले महीने, सीरियाई नागरिकों के लिए आपात खाद्य सहायता में 40 प्रतिशत तक की कटौती के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

यूएन अवर महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि इन मुदादों को तभी हल किया जा सकता है जब हम वर्षों से पीड़ा झेल रहे लोगों के लिए साझेदारी और समर्थन के साथ आगे आएं.

लापता सीरियाई नागरिक

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरूवार दोपहर एक प्रस्ताव का मसौदा पारित किया है, जिसके ज़रिये सीरिया में लापता हुए एक लाख लोगों के बारे में जानकारी के लिए एक निकाय का गठन किया जाएगा. यह अपनी तरह की पहली संस्था होगी.

इस प्रस्ताव के पक्ष में 83 वोट डाले गए, जबकि विरोध में 11 मत पड़े. 62 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. 

इस प्रस्ताव पर मतदान से पहले, यूएन की विशेष उप दूत नजत रोश्दी ने सुरक्षा परिषद को बताया था कि अनेक लापता लोगों के परिजन, आज महासभा में होने वाले मतदान पर उम्मीद के साथ अपनी नज़रें गड़ाए हुए हैं. 

उनके अनुसार यह देश के भीतर और बाहर मौजूद लोगों को कुछ हद तक सांत्वना प्रदान कर सकता है, जोकि सच्चाई जानने की मांग कर रहे हैं.