एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बर्ड फ़्लू फैलने का फ़िलहाल कोई संकेत नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि एच5एन1 एवियन इन्फ़्लुएंज़ा वायरस में फ़िलहाल ऐसे बदलाव आने के संकेत नहीं हैं, जिससे उसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की आशंका बढ़ती हो. यूएन एजेंसी ने फ़िलहाल इस वायरस और संक्रमण मामलों की निरन्तर निगरानी किए जाने का आग्रह किया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका के कई इलाक़ों में लाखों डेयरी मवेशियों में में बर्ड फ़्लू का प्रकोप है और अब तक एक व्यक्ति के संक्रमित होने की जानकारी प्राप्त हुई है.
अब तक कम से कम 220 व्यक्तियों की निगरानी की गई है और 30 का परीक्षण हुआ है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को बताया कि अनेक व्यक्ति संक्रमित पशुओं के सम्पर्क में आए हैं और उनकी निगरानी व परीक्षण अहम है. साथ ही उन्हें आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराई जानी होगी.
डॉक्टर टैड्रॉस के अनुसार, अभी तक वायरस ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि व्यक्तियों में उसके फैलने की स्थिति बनती हो, मगर निरन्तर निगरानी की जानी ज़रूरी है.
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अमेरिका में कच्चे दूध में यह वायरस मिला है, मगर शुरुआती परीक्षण दर्शाते हैं कि दूध को ज़्यादा तापमान पर कुछ देर गर्म करने और फिर ठंडा करने, पाश्चरीकरण (pasteurization) से वायरस ख़त्म हो जाता है.
इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी ने सभी देशों में लोगों को पाश्चरीकृत दूध का इस्तेमाल करने की सलाह दी है, जिसके ज़रिये सम्भावित वायरस के सूक्ष्मजीवों को इस स्तर पर कम किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम ना हो.
इससे दूध को इस्तेमाल करने की अवधि में भी वृद्धि होती है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जोखिम कम
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने बताया कि संगठन का आकलन है कि एच5एन1 एवियन इन्फ़्लुएंज़ा के कारण सार्वजनिक स्वास्त्य जोखिम का स्तर फ़िलहाल कम है. संक्रमित पशुओं के सम्पर्क में आने वाले लोगों के लिए मामूली से सामान्य स्तर पर है.
डॉक्टर टैड्रॉस के अनुसार विश्व भर में इन्फ़्लुएंज़ा की निगरानी के लिए व्यवस्था है, जिसे 130 देशों में स्थित केन्द्रों के एक नैटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है.
हाल के वर्षों में, एच5एन1 जंगली पक्षियों, मुर्ग़ियों, भूमि व समुद्र में स्तनपायी जीवों में तेज़ी से फैला है और अब यह डेयरी मवेशियों को संक्रमित कर रहा है.
वर्ष 2021 से अब तक व्यक्तियों के संक्रमित होने के 28 मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इस वायरस के फैलने का मामले की पुष्टि नहीं हुई है.