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गुटेरेश का इसराइल और हमास से 'राजनैतिक साहस' दिखाने और युद्धविराम पर राज़ी होने का आग्रह

फ़लस्तीनी लोग ख़ान यूनिस इलाक़े में, अस्थाई क़ब्रों में अपने प्रियजन को दफ़नाते हुए. लगभग सात महीने के युद्ध में 34 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं.
© UNOCHA/Ismael Abu Dayyah
फ़लस्तीनी लोग ख़ान यूनिस इलाक़े में, अस्थाई क़ब्रों में अपने प्रियजन को दफ़नाते हुए. लगभग सात महीने के युद्ध में 34 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनी मारे गए हैं.

गुटेरेश का इसराइल और हमास से 'राजनैतिक साहस' दिखाने और युद्धविराम पर राज़ी होने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इसराइल से ग़ाज़ा में अपनी युद्धक गतिविधियों में तेज़ी को रोकने की अपील, मंगलवार को फिर दोहराई है. ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि इसराइली सेना ने, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में स्थित रफ़ाह सीमा चौकी को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है.

ग़ाज़ा का दक्षिणी इलाक़ा – रफ़ाह, मिस्र की सीमा से मिलता है और ग़ाज़ा के अन्य इलाक़ों में इसराइली बमबारी से जान बचाकर भागे लगभग 15 लाख लोग रफ़ाह में पनाह लिए हुए हैं.

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इस तरह की भी गम्भीर ख़बरें आई हैं कि युद्धग्रस्त ग़ाज़ा में मानवीय सहायता सामग्री के भंडार तेज़ी से ख़त्म होते जा रहे हैं, और ईंधन के भंडार भी केवल एक दिन में ख़त्म होने वाले हैं.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा, “रफ़ाह और करेम शेलॉम दोनों की सीम चौकियों को बन्द किए जाने से, पहले ही बहुत ख़राब मानवीय स्थिति, और भी बदतर हो रही है. इन सीमा चौकियों को तुरन्त खोला जाना होगा.”

एंतोनियो गुटेरेश ने इसराइल सरकार से युद्ध को तुरन्त रोके जाने और राजनयिक वार्ता में रचनात्मक तरीक़े से शिकरत करने का आहवान किया है.

उन्होंने कहा, “7 अक्टूबर को 1,100 इसराइली लोगों की मौत, और उसके बाद ग़ाज़ा में 34 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत, क्या हम पहले ही हद से ज़्यादा नहीं देख चुके हैं?”

समझौता बहुत ज़रूरी

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों और इसराइली बन्धकों व उनके परिवारों की असहनीय पीड़ाओं का अन्त करने के लिए, इसराइल सरकार और हमास के नेतृत्व के दरम्यान एक समझौते की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “...अगर ग़ाज़ा में शान्ति के लिए, अनेक सप्ताहों से जल रही सघन कूटनैतिक गतिविधयों का परिणाम युद्धविराम के रूप में नहीं निकलता है तो ये एक त्रासदी होगी. बन्धकों की रिहाई नहीं होगी. और रफ़ाह में एक विध्वंसकारी सैन्य हमला.”

“मैं दोनों पक्षों से राजनैतिक साहस दिखाने और अभी एक समझौता करने के प्रयासों में कोई क़सर बाक़ी नहीं छोड़ने की अपील दोहराता हूँ.”

मानवीय त्रासदी

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर ये भी कहा कि रफ़ाह में पूर्ण स्तर का इसराइली हमला, एक” मानवीय त्रासदी और आपदा” होगी.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “और अधिक आम लोगों की अनगिनत मौतें. अनगिनत और अधिक परिवारों को एक बार फिर विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ेगा – जबकि कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है. क्योंकि ग़ाज़ा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं बचा है.”

“रफ़ाह पर पूर्ण स्तर का हमला किए जाने से, भीषण मानवीय हालात में लोगों तक सहायता पहुँचाने के प्रयासों को उलट-पलट कर रख देगा, जबकि पहले से ही अकाल आसन्न है.”

प्रभाव वाले पक्षों से पुकार

एंतोनियो गुटेरेश ने ये भी चेतावनी दी कि रफ़ाह पर हमले के असर, युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी, इसराइल के क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट और वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र से भी परे महसूस किए जाएंगे.

उन्होंने कहा, “यहाँ तक कि इसराइल के घनिष्ट मित्र भी स्पष्ट हैं: रफ़ाह पर हमला, एक रणनैतिक भूल होगी, एक राजनैतिक विपदा, और एक मानवीय दुस्वप्न.”

“मैं इसराइल पर प्रभाव रखने वाले सभी पक्षों से, और अधिक त्रासदी और विपदा को रोकने के लिए, अपने सम्पूर्ण प्रभाव का इस्तेमाल करने की अपील करता हूँ.”