भारत में राजस्थान प्रदेश के एक पूर्व-सरपंच, श्याम सुन्दर पालीवाल ने एक अनूठी परम्परा शुरू की, जिसके ज़रिये पर्यावरण और लैंगिक समानता को जोड़कर इलाक़े की कायापलट ही कर दी गई. उनकी पहल से न केवल इस सूखे रेगिस्तानी इलाक़े में हरियाली छा गई, बल्कि कभी बोझ मानी जाने वाली लड़कियों के जन्म पर जश्न मनाया जाने लगा.