युवा

तुर्कीये की दिलानाज़ गुलेर, 19 वर्षीय लैंगिक समानता और हिंसा विरोधी कार्यकर्ता हैं व यूथ फ़ॉर डिजिटल लिटरेसी की संस्थापक हैं.
Courtesy of Dilanaz Güler

डिजिटल साक्षरता के ज़रिए, ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा का मुक़ाबला

तुर्कीये की एक किशोर लैंगिक समानता कार्यकर्ता, नारीवाद और ऑनलाइन लिंग आधारित हिंसा से निपटने के लिए, डिजिटल साक्षरता और मीडिया पर मौजूद जानकारी का सोच-समझकर उपभोग करने के लिए प्रेरित करने हेतु काम कर रहीं हैं.

जमाइका में युवजन, एक युवा सम्मेलन में शिरकत करते हुए.
UN Jamaica

अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस: एक बेहतर दुनिया के लिये, सभी पीढ़ियों की एकजुटता ज़रूरी

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस (12 अगस्त) पर कहा है कि ये दिन पीढ़ियों के बीच साझेदारी की शक्ति का उत्सव मनाने का अवसर है. उन्होंने इस अवसर पर कहा है कि एकजुटता और सहभागिता की आश्यकता, आज पहले से कहीं ज़्यादा है.

एक युवा महिला कर्मचारी अंतसिराबे में एक गैस स्टेशन पर काम करती है. मेडागास्कर.
ILO/मार्सेल क्रोज़ेट

ILO: कोविड-19 महामारी के प्रभावों से युवा कामगार सर्वाधिक प्रभावित

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने गुरूवार को कहा है कि इस वर्ष रोज़गार व आमदनी वाला कामकाज नहीं पा सकने वाले युवजन की संख्या सात करोड़ 30 लाख तक पहुँचने का अनुमान है, जोकि कोविड-19 से पहले के हालात से पूरे साठ लाख ज़्यादा संख्या है.

टिकाऊ विकास से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान तलाश करने के लिये, सीरियाई युवाओं को प्रशिक्षण देता एक सत्र.
Basel Almadani

अपराध का सामना करने में, युवजन के साहस व संकल्प की दरकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने अपराध का मुक़ाबला करने के समाधानों को रेखांकित करते हुए, सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा है कि युवजन को अक्सर अनुपात से ज़्यादा अपराध करने वालों के रूप में देखा जाता है, जबकि युवजन ही अक्सर सबसे कमज़ोर हालात वाले होते हैं.

लेबनान में संकट के कारण बच्चे स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के लिये मजबूर हो रहे हैं.
© UNICEF

लेबनान: संकट छीन रहा है - युवाओं से उनका भविष्य - UNICEF 

लेबनान में हर दस में चार युवाओं को पिछले एक साल की अवधि के दौरान, भोजन, दवा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये, शिक्षा पर अपने ख़र्च में कटौती करनी पड़ी है. क़रीब एक-तिहाई युवा अपनी पढ़ाई पूरी तरह से छोड़ने के लिये मजबूर हुए हैं. 

जिनीवा में वर्ष 2021 के युवा सम्मेलन में शिरकत करने वाले कुछ युवा उद्यमी और कार्यकर्ता (नवम्बर 2021)
Magali Girardin

युवा सम्मेलन में, होनहार उद्यमियों व रचनाकारों के चमत्कारी अनुभव

दुनिया के अनेक हिस्सों से, युवा रचनाकारों और उद्यमियों ने, जिनीवा में आयोजित युवा सम्मेलन में इस बारे में, अपने अदभुत अनुभव बाँटे हैं कि उन्होंने किस तरह, अपने समुदायों और पर्यावरण में सकारात्मक बदलाव सम्भव बनाए हैं और अन्य लोग भी ऐसा ही, किस तरह से कर सकते हैं.

यूनीसेफ़ द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि बच्चे और युवजन, पुरानी पीढ़ियों की तुलना में, ज़्यादा आशावादी और वैश्विक नज़रिया रखते हैं.
© UNICEF/Raphael Pouget

बुज़ुर्गों की तुलना में, युवजन में ज़्यादा नज़र आती है 21वीं सदी की भावना

एक पीढ़ीगत सर्वेक्षण में सामने आया है कि कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, उम्र दराज़ लोगों की तुलना में, ऐसे बच्चों और युवाओं की संख्या 50 प्रतिशत ज़्यादा है जो आज भी मानते हैं कि दुनिया एक बेहतर जगह बन रही है. इस महत्वपूर्ण सर्वेक्षण के नतीजे गुरूवार को प्रकाशित हुए हैं.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के प्रयासों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा चुने गए युवा चैम्पियन, उदित सिंघल.
Udit Singhal

एसडीजी हासिल करने में युवाओं की भूमिका है अहम

भारत में संयुक्त राष्ट्र सूचना केन्द्र (UNIC), टिकाऊ विकास लक्ष्य (SDG) प्राप्ति की दिशा में युवाओं की अहम भूमिका को देखते हुए, युवाओं में नवाचार बढ़ाने व एसडीजी लक्ष्य हासिल करने हेतु जागरूकता व उत्साहवर्धन के लिये सक्रिय अभियान चला रहा है. इन प्रयासों का असर अब सामने नज़र आने लगा है और युवजन सुरक्षित भविष्य के समाधानों के प्रति सचेत हो रहे हैं. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के लिये अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद.
UN Photo/Eskinder Debebe

इण्टरव्यू: विनाश व महामारी के बीच नए महासभा प्रमुख का 'उम्मीद भरा सन्देश'

संयुक्त राष्ट्र के 76वें सत्र के लिये महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा है कि दुनिया भर में, कोविड-19 महामारी, विनाश, हिंसक टकराव से जूझ रहे अरबों लोगों के लिये आशा की रौशनी की सख़्त ज़रूरत है. उन्होंने यूएन न्यूज़ की पॉलीना कूबिएक के साथ एक विशेष इण्टरव्यू में बताया कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे प्रतिनिधिक अंग के रूप में महासभा, लोगों में उम्मीदों का संचार करने के लिये सबसे बेहतर स्थिति में है.