यूक्रेन युद्ध

संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित एक बस यूक्रेनी शरणार्थियों को, मोल्दोवा से रोमानिया ले जा रही है.
Victor Lacken/Lensman.eu

मोल्दोवा: सुरक्षा की लम्बी व घुमावदार राह

रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भागने के लिये मजबूर हुए लगभग 7 लाख लोग, पड़ोसी देश मोल्दोवा से होकर गुज़रे हैं, जिससे देश के संसाधनों पर भारी दबाव पड़ा है. संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन एजेंसी (IOM) इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिये, सबसे सम्वेदनशील वर्ग व अधिकारियों की मदद कर रही है.

रूसी आक्रमण के दौरान ओडेसा की सड़कें
Odessa Mayor's Office

‘ओडेसा’ को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल किए जाने पर मेयर की ख़ुशी

यूक्रेन के ऐतिहासिक बन्दरगाह शहर ओडेसा को संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है. ओडेसा के मेयर गेन्नादी ट्रूख़ानोव ने संयुक्त राष्ट्र समाचार के साथ एक साक्षात्कार में, इसे एक बड़ी जीत के रूप में वर्णित किया और कहा कि ये उपलब्धि, ओडेसा की सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखने में सहायता करेगी.

यूक्रेन में हिंसा के कारण भागने के लिये मजबूर, एक माँ अपने बच्चे के साथ शरणार्थी केन्द्र में.
© UNICEF/Alexsey Filippov

पूर्वी योरोप, मध्य एशिया में निर्धनता-पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि

अन्तरराष्ट्रीय ग़रीबी उन्मूलन दिवस पर सोमवार को प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) के एक अध्ययन के अनुसार, बढ़ती मुद्रास्फ़ीति और यूक्रेन युद्ध के कारण, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में बाल निर्धनता में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

एक भारतीय महिला खेत में फ़सल तैयार होने के बाद अनाज और भूसा अलग करते हुए.
World Bank/Ray Witlin

FAO: वैश्विक खाद्य उपलब्धता संकट को रोकने के लिये एकजुटता की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के मुखिया ने बुधवार को कहा है कि यूक्रेन युद्ध ने ऐसे देशों के लिये संकट उत्पन्न कर दिये हैं जो उनकी आबादियों के लिये खाद्य सामग्रियाँ हासिल करने में संघर्ष कर रहे हैं, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को ये सुनिश्चित करना होगा कि ये स्थिति “खाद्य उपलब्धता संकट” में तब्दील ना हो जाए.

अस्पतालों को चेर्निहाइव क्षेत्र में IOM से सोलर लैम्प दिये जा रहे हैं.
यूक्रेनी प्रिज्म एनजीओ

यूक्रेन: अन्धेरे में रौशनी की एक किरण

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण थमने का कोई संकेत नज़र नहीं आ रहा है मगर, संयुक्त राष्ट्र, उन क्षेत्रों में जहाँ गोलीबारी के कारण बिजली के बुनियादी ढाँचे नष्ट हो गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहाँ मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति लगातार जारी रख रहा है, जिसमें सौर लैम्प (solar lamps) भी शामिल हैं. इससे, विशेष रूप से खिड़की रहित तहख़ानों में स्थित आश्रयों में अन्धेरे से कुछ राहत मिलती है.

श्रीलंका के एक गाँव में रहने वाली 36 वर्षीय एस.ए. प्रियंगनी और उनके पति, आर्थिक संकट के कारण पहले ही अपने नौ सदस्यों के परिवार का भरण-पोषण करने के लिये संघर्ष कर रहे थे. खाद्य मुद्रास्फ़ीति के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँचने के साथ ही, उनके लिये दैनिक भोजन ज
© WFP/Josh Estey

श्रीलंका में गम्भीर खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिये, 6.3 करोड़ डॉलर की अपील

श्रीलंका आर्थिक संकट की चपेट में है, जिससे लाखों लोग पर्याप्त भोजन, ईंधन, दवाओं और अन्य आवश्यक चीजें ख़रीदने में असमर्थ हैं. 63 लाख लोग खाद्य-असुरक्षा के शिकार हैं, 67 लाख लोग पोषक आहार नहीं ले पा रहे हैं और इस संकट के और गहराने की सम्भावना है. श्रीलंका में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) 34 लाख लोगों को आपातकालीन खाद्य सामग्री, पोषण और स्कूली भोजन प्रदान करने के प्रयासों में लगा है. यूएन न्यूज़ ने श्रीलंका में विश्व खाद्य कार्यक्रम के देश निदेशक, अब्दुर रहीम सिद्दीक़ी के साथ विस्तार से बातचीत करके, स्थिति की गम्भीरता का जायज़ा लिया.

अफ़्रीका में, खाने-पीने की चीज़ें बेचती एक महिला दुकानदार
IMF

IMF: वैश्विक आर्थिक परिदृश्य हुआ और स्याह, वैश्विक मन्दी भी निकट

अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कोविड-19 महामारी और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से उबरने के प्रयासों में, धुन्धले और अनिश्चित परिदृश्य का सामना कर रही है.

पश्चिमी तट में अनेक समुदायों पर जबरन दूसरे इलाक़ों में विस्थापित किये जाने का जोखिम मंडरा रहा है.
OCHA

हिंसक टकराव, कोविड और जलवायु संकट, वैश्विक लक्ष्यों के लिये जोखिम

आपस में गुंथे वैश्विक संकटों के कारण, यूएन 2030 एजेण्डा पर आधारित 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये ख़तरा पनप रहा है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा गुरूवार को जारी नई रिपोर्ट बताती है कि विश्व भर में खाद्य आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा हालत पर गम्भीर असर हुआ है.

लीबिया में लड़ाई के दौरान, आम लोगों को सबसे ज़्यादा तबाही का सामना करना पड़ा है.
UNMAS/Giovanni Diffidenti

आम लोगों पर युद्ध के घातक परिणामों की 'गम्भीर वास्तविकता' पर सुरक्षा परिषद में चर्चा

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए बताया कि संघर्ष में "व्यापक स्तर पर आम लोगों की मौत होना और घायल होना" जारी है, जिससे युद्ध के समय बमबारी का चपेट में आए लोगों की "गम्भीर वास्तविकता" उजागर होती है.

रोए में विस्थापित बच्चे, डीआरसी के इटुरी प्रान्त में आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिये एक अस्थायी आश्रय.
UN / Eskinder Debebe

विश्व में जबरन विस्थापितों की संख्या हुई 10 करोड़

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने सूचित किया है कि यूक्रेन युद्ध व अन्य संघर्षों के कारण, संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन व उत्पीड़न से भागने के लिये मजबूर लोगों की संख्या, पहली बार 10 करोड़ के चौंका देने वाले आँकड़े पर पहुँच गई है.