यूएन श्रम एजेंसी

मोलदोवा के चिज़िनाउ में एक महिला अपने बच्चे को गोद में लिये हुए भीख माँग रही है.
ILO/Marcel Crozet

चार अरब लोग सामाजिक संरक्षा दायरे से बाहर – यूएन श्रम एजेंसी की चेतावनी

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि कोविड-19 संकट काल में सामाजिक संरक्षा के दायरे में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है, मगर इसके बावजूद, चार अरब से अधिक लोगों को अब भी ये उपाय उपलब्ध नहीं हैं. 

उत्तरी थाईलैण्ड के चियांग राई में वियतनाम की एक प्रवासी कामगार.
UN Women/Pornvit Visitoran

प्रवासी कामगारों की संख्या में 50 लाख की वृद्धि – यूएन श्रम एजेंसी  

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी कामगारों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ 90 लाख तक पहुँच गई है. वर्ष 2017 के बाद से इसमें तीन प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.   

कोविड-19 के कारण ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को, बाल श्रम की ओर धकेले जाने का ख़तरा बढ़ गया है.
UN Photo/Martine Perret

बाल श्रम उन्मूलन के प्रयासों को गहरा झटका

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, दो दशकों में पहली बार, दुनिया भर में बाल मज़दूरी के शिकार बच्चों की संख्या बढ़कर 16 करोड़ तक पहुँच गई है. पिछले चार वर्षों में इस आँकड़े में 84 लाख की वृद्धि हुई है., अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा जारी इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप, वर्ष 2022 के अन्त तक, वैश्विक स्तर पर, 90 लाख अतिरिक्त बच्चों को बाल श्रम में धकेल दिये जाने का ख़तरा है...

फ़्राँस के एक अस्पताल की रसोई में मरीज़ों के लिये भोजन तैयार किया जा रहा है.
ILO Photo/Marcel Crozet

कोविड-19 का श्रम बाज़ार पर असर - बढ़ती बेरोज़गारी, निर्धनता और विषमता

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण श्रम बाज़ार में उपजे संकट के ख़त्म होने के आसार फ़िलहाल नहीं है, और रोज़गार के अवसरों में होने वाली बढ़ोत्तरी, वर्ष 2023 तक इस नुक़सान की भरपाई नहीं कर पाएगी. अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट दर्शाती है कि वैश्विक संकट के कारण, 2022 तक बेरोज़गारों की संख्या बढ़कर 20 करोड़ 50 लाख हो जाएगी, और निर्धनों की संख्या में वृद्धि होने के साथ-साथ विषमता भी बढ़ेगी.  

म्याँमार में बाल श्रमिक.
ILO/Marcel Crozet

बाल मज़ूदरी के बदतरीन रूपों के ख़िलाफ़ सन्धि पर सार्वभौमिक मोहर

संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी – अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सभी 187 सदस्य देशों ने दासता, देह व्यापार और तस्करी सहित बाल मज़दूरी के ख़राब रूपों से बच्चों की रक्षा करने वाली सन्धि को पारित कर दिया है. मंगलवार को प्रशान्त क्षेत्र के एक द्वीपीय देश टोन्गा ने इस सन्धि पर अपनी मोहर लगा दी और ऐसा करने वाला वो आख़िरी देश था.