हिंसक टकराव में विस्फोटक हथियारों से आम लोगों की रक्षा: पाँच अहम बातें
हिंसक संघर्ष के दौरान विस्फोटक हथियारों के प्रयोग के कारण हताहत होने वालों में औसतन 90 फ़ीसदी, रिहायशी इलाक़ों में रहने वाले आम नागरिक होते हैं. इन हथियारों के इस्तेमाल से शहरों, क़स्बों और गाँवों में मानव कल्याण को होने वाली क्षति से बचाव के इरादे से जताई गई राजनैतिक प्रतिबद्धता, लड़ाई में फँसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा क़दम हो सकता है.