वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

उत्पीड़न

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस बात के सबूत हैं कि यूक्रेन में, रूसी सेनाएँ आम लोगों को निशाना बना रही हैं.
© WFP/Anastasiia Honcharuk

यूक्रेन: रूसी सेनाओं द्वारा बलात्कार और उत्पीड़न जारी, यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने, यूक्रेन में रूसी आक्रमण के बारे में अपनी नवीनतम रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दु प्रकाशित किए हैं, जिनमें, रूसी सेनाओं पर युद्धापराध के नए आरोप लगाए गए हैं. 

आपराधिक गुट लाखों लोगों को ऑनलाइन अपराधों में धकेल रहे हैं.
© Unsplash/John Schnobrich

'अमानवीय बर्ताव' का शिकार, लाखों लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी का हिस्सा बनने के लिए मजबूर

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने चेतावनी जारी की है कि दक्षिणपूर्व एशिया में संगठित आपराधिक गुट, लाखों लोगों को जबरन ऑनलाइन धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिनसे हर साल अरबों डॉलर की रक़म जुटाई जाती है.

दुनिया भर में कामकाज के स्थलों पर, लगभग 23 प्रतिशत लोगों को, हिंसा और उत्पीड़न का अनुभव करना पड़ता है.
© Unsplash/Heike Trautmann

ILO: लगभग 23 प्रतिशत लोग हैं, कार्यस्थलों पर हिंसा से पीड़ित

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एक नवीनतम विश्लेषण में कहा गया है कि रोज़गारशुदा लगभग 23 प्रतिशत लोगों को अपने कामकाज के स्थानों पर शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या फिर यौन प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है. संगठन के इस तरह के अपने पहले विश्लेषण में एक स्वतंत्र चैरिटी संस्था लॉयड्स रजिस्टर संस्थान (LRF) और विश्लेषण व मतदान कम्पनी गैलप ने सहयोग दिया है.

अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़-समर्थित मिर्ज़ा मोहम्मद ख़ान क्लीनिक में महिलाएँ.
© UNICEF/Alessio Romenzi

अफ़ग़ानिस्तान: महिलाओं व लड़कियों को 'अदृश्य' बनाने वाले क़दमों की आलोचना

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह ने आगाह किया है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान नेतृत्व, महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर व्यवस्थागत ढंग से लिंग-आधारित भेदभाव व हिंसा को संस्थागत रूप दे रहे हैं.

लीबिया में लड़ाई के दौरान, आम लोगों को सबसे ज़्यादा तबाही का सामना करना पड़ा है.
UNMAS/Giovanni Diffidenti

लीबिया: सभी पक्षों द्वारा मानवता के ख़िलाफ़ अपराध करने की शंका

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त एक लीबिया जाँच मिशन ने सोमवार को कहा है कि ऐसी बहुत सम्भावना है कि देश में वर्ष 2016 से ही, युद्ध से सम्बद्ध सभी पक्षों द्वारा, युद्धापराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों को अंजाम दिया गया है, और इन अपराधों में बाहरी तत्वों का भी हाथ रहा है.