वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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UNESCO

बांग्लादेश में, एक यूनीसेफ़ समर्थित स्कूल में, एक विकलांग बच्ची अपनी शिक्षा प्रगति दर्शाते हुए.
UNICEF/Tapash Paul

यूनेस्को की नई शिक्षा रिपोर्ट में, एक 'नए सामाजिक अनुबन्ध' की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – यूनेस्को ने 2050 तक शिक्षा के एक नए भविष्य की कल्पना करते हुए तीन प्रश्न उठाए हैं: क्या जारी रहे? क्या छोड़ दिया जाए? और किस क्षेत्र में, नए सिरे से रचनात्मक अन्वेषण की आवश्यकता है?

आईसीटी साक्षरता, शिक्षकों के लिये प्रमुख दक्षताओं में से एक के रूप में उभरी है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र.
Vaibhav Gadekar

सतत विकास की कुंजी है शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने भारत में, वर्तमान स्थिति में, शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका के मद्दनेज़र, देश की शिक्षा की स्थिति पर 2021 की रिपोर्ट ‘स्टेट ऑफ द एजुकेशन रिपोर्ट’ (SOER) जारी की है. “शिक्षकों के बिना, कक्षा सम्भव नहीं" नामक यह रिपोर्ट, शिक्षकों, शिक्षण और शिक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित करती है. एक वीडियो रिपोर्ट...

रंजीतसिंह डिसले के प्रयासों के फलस्वरूप परीतेवाड़ी में बाल-विवाह पर रोक लगाने में मदद मिली है और विद्यालय में छात्र-छात्राओं की 100 फ़ीसदी उपस्थिति है.
Vaibhav Gadekar

रंजीतसिंह डिसले  - शिक्षा बाँटने वाले अदभुत अध्यापक

ब्रिटेन के वर्के फ़ाउण्डेशन और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने हाल ही में, भारत में महाराष्ट्र प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में अध्यापक, रंजीतसिंह डिसले  को, ‘वैश्विक शिक्षक पुरस्कार’ (Global Teacher Prize) से सम्मानित किया है. यह सम्मान उन अध्यापकों को दिया जाता है जो शिक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा करते हुए, सामान्य चलन से आगे बढ़कर कुछ अलग कर दिखाते हैं.

ऑडियो
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भारत के मुम्बई में एक लड़की सामुदायिक स्नानघर में हाथ धो रही है.
© UNICEF/Dhiraj Singh

माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा - लड़कियों की शिक्षा जारी रखने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संस्था (UNESCO) ने, भारत में स्त्री देखभाल उत्पाद बनाने वाली कम्पनी, 'व्हिस्पर' (Whisper) के साथ मिलकर #KeepGirlsInSchool अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य, किशोरियों में, माहवारी सम्बन्धित पूर्वाग्रहों और स्वच्छता जानकारी के अभाव में, उनके स्कूल छोड़ने की बढ़ती दर पर रोक लगाना है. इस मुहिम के तहत, स्कूली पाठ्यक्रम में माहवारी स्वच्छता व जागरूकता पर पाठन सामग्री विकसित करने की भी योजना है.