अफ़ग़ानिस्तान में, एक माँ, कुछ ही दिनों में, इस दुनिया में आने वाली अपनी बेटी के लिये, एक ऐसे देश में, अपनी उम्मीदों और डर के बारे में बात कर रही हैं जहाँ एक लड़की को जन्म देना, आशीर्वाद समझने के बजाय, एक अभिशाप भी समझा जा सकता है. देश के, पुरुष प्रधान समाज में, अक्सर महिलाएँ और लड़कियाँ, पुरुषों के हाथों, बुरे बर्ताव और प्रताड़ना का सामना करती हैं, लड़कियों की तुलना में, लड़के ज़्यादा पसन्द किये जाते हैं और उन्हें ज़्यादा अहमियत दी जाती है.