सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के जाँच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2020 में युद्धविराम लागू होने के बाद से बड़े पैमाने वाली युद्धक गतिविधियों में तो कुछ कमी आई है, मगर अब भी सशस्त्र गुट आम लोगों पर बहुत ज़ुल्म ढा रहे हैं, और जानबूझकर व सोचसमझकर लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.