विश्व शौचालय दिवस: सुरक्षित स्वच्छता के लिए, नवाचार की प्रचुरता
दुनिया भर में, 19 नवम्बर को मनाए जाने वाले विश्व शौचालय दिवस पर, स्वच्छ पानी और स्वच्छता तक पहुँच को व्यापक बनाने की दौड़ में नवाचार की प्रचुरता नज़र आ रही है.
दुनिया भर में, 19 नवम्बर को मनाए जाने वाले विश्व शौचालय दिवस पर, स्वच्छ पानी और स्वच्छता तक पहुँच को व्यापक बनाने की दौड़ में नवाचार की प्रचुरता नज़र आ रही है.
संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राजनैतिक फ़ोरम (HLPF) में मंगलवार को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा हुई, और कहा गया कि कुछ प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में अरबों जन अब भी, पानी, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता साधनों तक पहुँच से वंचित हैं, और ये स्थिति, टकरावों और जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न पानी की क़िल्लत से और भी अधिक गम्भीर हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नवीनतम रिपोर्ट दर्शाती है कि विश्व की आधी आबादी की अब भी सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई व्यवस्था (WASH) तक पहुँच नहीं है, जिनकी सुलभता के ज़रिये, वर्ष 2019 में कम से कम 14 लाख मौतों को टाला जा सकता था.
एक महत्वपूर्ण ‘जल कार्रवाई एजेंडा’ को पारित किए जाने के साथ संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हो गया. इस एजेंडा में मानवता के सबसे मूल्यवान संसाधन की सुरक्षा के लिए लगभग 700 संकल्प लिए गए हैं, और सदस्य देशों समेत अन्य हितधारकों ने सर्वजन के लिए सुरक्षित, सतत औऱ स्मार्ट जल प्रबन्धन, स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की प्रतिबद्धताएँ व्यक्त की है.
संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन का नेतृत्व करते हुए, विश्व जल दिवस पर 'यूथ4वाटर प्लस' और यूनिसेफ इंडिया ने, भारत में संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी में ओडिशा के गंजाम में गोपालपुर समुद्र तट पर बुधवार सुबह एक सफ़ाई अभियान का आयोजन किया. इसका मक़सद था, जलवायु परिवर्तन से निपटने और महासागरों की रक्षा के लिए युवाओं के बीच जागरूकता फैलाना.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से जल, साफ़-सफ़ाई व्यवस्था और स्वच्छता सेवाओं की बेहतर सुलभता में निवेश किए जाने की पुकार लगाई है. यूएन एजेंसियों ने पिछले पाँच दशकों में, जल से जुड़े मुद्दों पर अब तक के सबसे अहम 'यूएन जल सम्मेलन' के दौरान यह अपील जारी की है.
‘संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन’ बुधवार, 22 मार्च को आरम्भ हुआ है, और इसी सुबह, मैराथन धावक मीना गुली ने 200 मैराथन दौड़ने की अपनी मुहिम पूरी की है. पिछले एक वर्ष से जारी इस मुहिम का उद्देश्य वैश्विक जल संकट के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है. उन्होंने अपना अन्तिम चरण यूएन मुख्यालय में पूरा किया, जोकि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का आयोजन स्थल भी है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का एक नया विश्लेषण, 22 से 24 मार्च तक यूएन मुख्यालय में होने वाले ऐतिहासिक यूएन जल सम्मेलन के अवसर पर जारी किया गया है. इस नई रिपोर्ट के अनुसार, अफ़्रीका में स्थित 10 देशों में क़रीब 19 करोड़ बच्चे, आपस में गुँथे हुए तीन जल-सम्बन्धी विशाल जोखिमों का सामना कर रहे हैं. (वीडियो फ़ीचर)
भारत के उत्तरी प्रदेश उत्तराखंड में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, (UNDP) के सहयोग से सफ़ाई कर्मियों को प्लास्टिक री-सायकलिंग के बेहतर तौर-तरीक़ों में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे न केवल उनके जीवन व स्वास्थ्य की रक्षा हो रही है, बल्कि राज्य एक उत्कृष्ट चक्रीय अर्थव्यवस्था का निर्माण करने में मदद मिल रही है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) का एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि अफ़्रीका में स्थित 10 देशों में क़रीब 19 करोड़ बच्चे, आपस में गुँथे हुए तीन जल-सम्बन्धी विशाल जोखिमों का सामना कर रहे हैं: अपर्याप्त जल, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता; सम्बन्धित बीमारियाँ; और जलवायु संकट.