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स्तनपान

नेपाल के पहले मानव दूध बैंक में, एक माँ, अपना स्तन-दूध दान कर रही है.
© UNICEF/Rabik Upadhayay

स्तनपान कराने वाली माताओं की सुरक्षा के लिये त्वरित कार्रवाई की पुकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक प्रमुख वैज्ञानिक ने शिशु दुग्ध फ़ॉर्मूला कम्पनियों के शोषणकारी विपणन दाँव-पेचों के ख़िलाफ़ तेज़ी से कार्रवाई करने का आहवान करते हुए, बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा कि स्तनपान कराने वाली माताओं को तत्काल सहायता की आवश्यकता है.

© WFP Haiti/Theresa Piorr

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 5 अगस्त 2022

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • हमारा साझा एजेण्डा - OCA है - वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये ब्लूप्रिण्ट, कहना है यूएन प्रमुख का.
  • वैश्विक महंगाई के बीच ऊर्जा कम्पनियों द्वारा भारी मुनाफ़ा कमाने को बताया गया अनैतिक.
  • दुनिया भर में जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की क़ीमतों में कुछ गिरावट से राहत के संकेत.
  • दुनिया, बढ़ते तनावों के बीच, परमाणु विनाश के बहुत निकट, कहा यूएन प्रमुख ने.
  • नवजीवन की शुरुआत में, स्तनपान है शिशुओं के अच्छे स्वास्थ्य की आधारशिला, कहना है यूएन एजेंसियों का.
ऑडियो
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ग्वाटेमाला में एक महिला अपनी पुत्री को स्तनपान कराते हुए, जबकि उनके पति पुत्र को संभालते हुए.
© UNICEF/UN0590878/Willocq

स्तनपान: जीवन आरम्भ के लिये अभूतपूर्व रूप से अहम

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएन बाल कोष – यूनीसेफ़ के प्रमुखों ने सोमवार को कहा है कि नवजात शिशुओं को माँ का दूध पिलाने के साथ, नवजीवन की शुरुआत करना, अभूतपूर्व रूप से महत्वपूर्ण है.

रूस के मॉस्को में एक महिला ने अपने शिशु को गोद में लिया हुआ है.
© WHO/Sergey Volkov

शिशु दुग्ध पदार्थों की छलपूर्ण ऑनलाइन मार्केटिंग पर रोक की माँग

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक नए अध्ययन के अनुसार, शिशुओं के लिये फ़ॉर्मूला दुग्ध पदार्थ बनाने वाली कम्पनियाँ, गर्भवती महिलाओं व माताओं तक सीधी पहुँच बनाने के लिये, सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म व प्रभावशाली हस्तियों को धन का भुगतान कर रही है. इसके तहत, लक्षित ऑनलाइन सामग्री तैयार की व भेजी जाती है, जिसे विज्ञापन के तौर पर पहचान पाना अक्सर कठिन होता है. 

माँ ने अपने नवजात शिशु को गोद में लिया हुआ है.
© UNSPLASH/Holie Santos

शिशु फ़ॉर्मूला मार्केटिंग है आक्रामक व भ्रामक, यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर में माता-पिता, अभिभावक और गर्भवती महिलाएँ, बेबी फ़ॉर्मूला दुग्ध पदार्थों की आक्रामक मार्केटिंग का आसान निशाना बनने के दायरे में हैं.

फ़नाये हायलू का कहना है कि उनकी बेटी, बैट्टी एचआईवी-मुक्त पैदा हुई थी और अब आठ साल की है. वह सुझाव देती हैं कि हर माँ व हर गर्भवती महिला को एचआईवी परीक्षण करवाना चाहिये, जिससे माँ और बच्चे का जीवन बच सके.
UNAIDS

एचआईवी : 2020 में बच्चों में संक्रमण के डेढ़ लाख नए मामले, ‘रोकथाम थी सम्भव’

एचआईवी/एड्स के विरुद्ध लड़ाई का नेतृत्व करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – यूएनएड्स (UNAIDS) का कहना है कि वर्ष 2020 में, बच्चों में एचआईवी संक्रमण के क़रीब डेढ़ लाख नए मामले दर्ज किये गए, जिनमें से अधिकतर संक्रमण मामलों की रोकथाम की जा सकती थी.

भारत में एक महिला प्रसव कक्ष के बाहर अपने नवजात शिशु को स्तनपान करा रही है.
© UNICEF/Vinay Panjwani

बाल कुपोषण के उन्मूलन के लिये स्तनपान है बेहद अहम – यूएन

संयुक्त राष्ट्र के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने देशों की सरकारों से स्तनपान को बढ़ावा देने के लिये ज़रूरी माहौल बनाने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि कुपोषण के विरुद्ध वैश्विक प्रगति में तेज़ी लाने के लिये इस वर्ष के लिये गए संकल्पों के अनुरूप कार्रवाई की जानी होगी. 

© UNOCHA

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन 7 अगस्त 2020

7 अगस्त 2020 के इस बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
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लेबनान की राजधनी बेरूत में भीषण विस्फोट से सैकड़ों लोग हताहत, 
यूएन एजेंसियाँ तेज़ी से लगीं राहत कार्यों में
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संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने 
जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति पर जताई गहरी चिन्ता, 
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दासता, देह व्यापार और तस्करी सहित बाल मज़दूरी के ख़राब रूपों से 

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सर्बिया के बेलग्रेड स्थित एक अस्पताल में एक महिला अपने शिशु को स्तनपान कराते हुए. माँ के दूध को शिशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने के लिये बहुत कारगर बताया गया है.
UNICEF

स्तनपान और कोविड-19 के बीच सम्बन्ध नगण्य है – यूएन स्वास्थ्य एजेंसी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि स्तनपान कराने से कोविड-19 संक्रमण होने का ख़तरा नगण्य है और इस प्रकार का कोई भी मामला अब तक दर्ज नहीं किया गया है. साथ ही यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने स्तनपान को बढ़ावा देने और ज़रूरी समर्थन जुटाने की पुकार लगाई है. संगठन की ओर से यह अपील ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ के अवसर पर जारी की गई है जिसमें आगाह भी किया गया है कि माँ का दूध ना मिल पाने की वजह से हर वर्ष आठ लाख 20 हज़ार बच्चों की मौत होती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को 300 अरब डॉलर का नुक़सान होता है. 

यूनीसेफ़ भारत में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है.
UNICEF/UNI148848/Vishwanathan

नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान है सर्वोत्तम आहार

शनिवार, 1 अगस्त, को ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ की शुरुआत हुई है जिसके तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने एक साझा अपील जारी करके स्तनपान से होने वाले फ़ायदों और उसके सही तरीक़ों से जुड़ी अहम जानकारी महिलाओं तक पहुंचाने के लिये परामर्श सेवाएँ सुनिश्चित किये जाने की पुकार लगाई है. यूएन एजेंसी के मुताबिक नवजात शिशुओं को जन्म के बाद पहले छह महीनों में सिर्फ़ स्तनपान कराना चाहिये और उसके बाद भी लगभग दो साल तक स्तनपान जारी रखने के प्रयास करने चाहिये.