वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

समानता

नेपाल में एक महिला पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की पुकार लगाते हुए.
©World Bank/Stephan Bachenheimer

भारत: लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने पर लक्षित, सुप्रीम कोर्ट की नई हैंडबुक का स्वागत

भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने न्यायिक कार्यवाही में लैंगिक रूढ़िवादिता से बचने और लैंगिक सम्वेदनशीलता को बढ़ावा देने में मार्गदर्शन के लिए, सर्वोच्च न्यायालय ने द्वारा एक नई विवरण पुस्तिका (हैंडबुक) जारी किए जाने का स्वागत किया है.

पहली बार, 31 अगस्त 2021 को, अफ़्रीकी मूल के लोगों का अन्तरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया है.
PAHO

अफ़्रीकी मूल के लोगों के लिए, दूसरे संयुक्त राष्ट्र दशक की पुकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने यूएन महासभा से अफ़्रीकी मूल के लोगों के लिए दूसरे अन्तरराष्ट्रीय दशक की घोषणा किए जाने का आग्रह किया है, जिसे 2025 से शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया है. उन्होंने कहा कि नस्लवाद और अन्य प्रकार की असहिष्णुता से निपटने के लिए अभी और कार्रवाई की आवश्यकता है.

नेलसन मंडेला की एक कांस्य मूर्ति, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में, वर्ष 2018 में स्थापित की गई थी.
UN Photo/Cia Pak

'साहस व समर्पण की प्रतिमूर्ति’ मंडेला का जन्म दिवस जश्न’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, मंगलवार, 18 जुलाई को नेलसन मंडेला अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर अपने सन्देश में, एक बेहतर विश्व निर्माण के लिए कार्रवाई किए जाने का आहवान किया है.

म्याँमार की एक महिला अपने छोटे बच्चे के साथ, सुरक्षा की ख़ातिर थाईलैंड की तरफ़ जाने वाले रास्ते पर.
© UNOCHA/Siegfried Modola

म्याँमार में अत्याचार और दंडमुक्ति बन्द हों, टर्क

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने गुरूवार को मानवाधिकार परिषद को बताया है कि म्याँमार में शासन द्वारा आम लोगों के विरुद्ध, क्रूर हिंसा किया जाना और जीवनरक्षक मानवीय सहायता नहीं पहुँचने देना, दरअसल मानवता के लिए अपार असम्मान दर्शाता है.

 भारत में यूएनवीमेन ने विज्ञापनों में लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने के लिए एक नया अभियान शुरु किया है.
UN Women India/Unstereotype alliance

भारत: विज्ञापनों में लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देता एक नया अभियान

संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था - UNWomen और भारत में उद्योग भागीदारों ने मिलकर एक नया अभियान शुरू किया है, जिसके तहत विज्ञापनों में लैंगिक रूढ़िवादिता दूर करने के लिए, महिलाओं व पुरुषों को पारम्परिक भूमिकाओं में बांधने की मानसिकता को चुनौती दी गई है.

मानवाधिकार विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन व ऑफ़लाइन, बढ़ती नफ़रत, लोकतंत्र व मानवाधिकारों के लिये ख़तरा है.
Unsplash/Dan Edge

'हेट स्पीच': पूर्वाग्रह की सोच के चक्र को तोड़ना होगा

कोई भी समाज "हेट स्पीच" के नुक़सान से सुरक्षित नहीं है. नफ़रत भरी बोली, हिंसा को भड़काती है और समुदायों पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ता है. जब कोई जनसंहार होता है तो जिन लोगों को निशाना बनाया जाता है, वो आम लोग ही होते हैं. जनसंहार की रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष सलाहकार एलिस वैरीमु नेदेरितु का कहना है कि हमें एपने बच्चों को समझाना होगा और पूर्वाग्रह से ग्रसित सोच वाले सामाजिकरण के चक्र को, शिक्षा और ज्ञान के ज़रिए,  विभिन्न जातीय, नस्लीय, धार्मिक समुदायों में मित्र बनाकर, रोकना होगा. (वीडियो)

मलावी में रंगहीनता के लक्षणों के साथ एक 14 वर्षीय लड़का.
WFP

रंगहीनता जागरूकता दिवस: समावेशन पर ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र की एक मानवाधिकार विशेषज्ञ ने मंगलवार को कहा है कि अवर्णता यानि रंगहीनता (Albinism) के लक्षणों के साथ जीवन जीने वाले लोगों के व्यापक समावेशन से, उनका भयमुक्त व भेदभाव रहित जीवन सुनिश्चित करने में, ख़ासी मदद मिल सकती है.

अफ़्रीकी मूल के लोगों पर स्थाई फ़ोरम के दूसरे सत्र के दौरान, यूएन महासभागार में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम (30 मई 2023).
UN Photo/Loey Felipe

नस्लभेद: समाजों के इस गहरे दाग़ को जड़ से मिटाने की ज़रूरत

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष कसाबा कोरोसी ने मंगलवार को कहा है कि नस्लभेद एक वैश्विक समस्या है, और हर एक देश को, इसके विरुद्ध कड़ा रुख़ अपनाना होगा. उन्होंने दुनिया भर में अफ़्रीकी मूल के लोगों की सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए यूएन मंच की नवीनतम बैठक को सम्बोधित करते हुए ये बात कही है.

यमन में एक महिला, फ़ोन और कम्प्यूटर मरम्मत की एक दुकान पर काम करते हुए.
© ILO/Ahmad Al-Basha/Gabreez

डिजिटल खाई को पाटने की पुकार, विशाल अवसरों पर भी ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि डिजिटल क्रान्ति, टिकाऊ विकास को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए, विशाल अवसर पेश करती है, मगर अल्पतम विकसित देशों को भी ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए, उनकी और ज़्यादा मदद करने की ज़रूरत है.

ईरान की राजधानी तेहरान का एक आसमानी दृश्य.
© Unsplash/Mahyar Motebassem

ईरान: ‘सम्भवतः मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम, जवाबदेही ग़ायब’

ईरान में मानवाधिकार स्थिति पर, संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपोर्टेयर जावेद रहमान ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद में कहा है कि “देश में पिछले चार दशकों में सर्वाधिक गम्भीर मानवाधिकार उल्लंघन”, 16 सितम्बर 2022 को, पुलिस हिरासत में महसा अमीनी की मौत के बाद हुए हैं.