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स्कूली शिक्षा

सूडान में दो युवतियाँ सौर ऊर्जा से संचालित एक टैबलेट कम्प्यूटर पर शैक्षणिक जानकारी हासिल करते हुए.
© UNICEF/Florine Bos

करोड़ों बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित, 'टिकाऊ विकास के लिए शिक्षा में निवेश ज़रूरी'

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना जे. मोहम्मद ने आगाह किया है कि अनेक वादों और कुछ प्रगति के बावजूद, विश्व में अब भी 26 करोड़ से अधिक बच्चे और युवा, स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं. यूएन उप महासचिव ने ज़ोर देकर कहा कि पृथ्वी व आम लोगों की भलाई और एक टिकाऊ भविष्य के लिए, शिक्षा एक बेहद अहम दीर्घकालिक निवेश है.

स्कूली पढ़ाई रुक जाने के बाद एक अफ़ग़ान लड़की अपने पिता की मदद से घर पर पढ़ाई कर रही है.
© UNICEF/Munir Tanwee/Daf recor

अफ़ग़ानिस्तान: स्कूलों में लड़कियों की पढ़ाई पर रोक बरक़रार, 'सपने बिखरे'

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान प्रशासन से, नया स्कूल-सत्र आरम्भ होने पर माध्यमिक स्कूलों में लड़कियों की वापसी सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है. उन्होंने आगाह किया है कि स्कूलों में लड़कियों की अनुपस्थिति से उनके मानसिक स्वास्थ्य, उनके स्वास्थ्य-कल्याण और भविष्य पर भयावह असर हुआ है.

अफ़ग़ानिस्तान के कन्दहार प्रान्त का एक दृश्य.
Photo: UNAMA

अफ़ग़ानिस्तान: कन्दाहार की शिया मस्जिद पर जानलेवा आत्मघाती हमले की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र ने अफ़ग़ानिस्तान के कन्दाहार प्रान्त की सबसे बड़ी शिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ के दौरान हुए एक घातक आत्मघाती बम हमले की निन्दा की है. इस हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है और अनेक अन्य हताहत हुए हैं.  

अफ़ग़ानिस्तान में, 15 वर्ष से कम उम्र की कुल लड़कियों में, केवल 20 प्रतिशत ही साक्षर हैं.
© UNICEF/Frank Dejo

अफ़ग़ानिस्तान: ‘पीड़ित बच्चों को उनके हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता’

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने क्षोभ जताया है कि बच्चों को अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा और असुरक्षा की भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही है. मौजूदा हालात में उन्हें बेघर होने, स्कूलों व मित्रों से दूर होने के लिये मजबूर कर दिया है, साथ ही वे बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से भी वंचित हैं.

अफ़ग़ानिस्तान के दक्षिणी-पश्चिमी इलाक़े - कन्दाहार में, विस्थापितों के लिये बनाए गए एक शिविर में कुछ लड़कियाँ. तालेबान द्वारा महिलाओं व लड़कियों पर पाबन्दियाँ बढ़ाए जाने की ख़बरें हैं.
© UNICEF Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान: दो वर्षों में साढ़े पाँच हज़ार से ज़्यादा बच्चे हुए हताहत

'बच्चे और सशस्त्र संघर्ष' के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि अफ़ग़ानिस्तान में पिछले दो वर्षों के दौरान, हज़ारों लड़के-लड़कियाँ हताहत हुए हैं. यह रिपोर्ट सोमवार को ऐसे समय में जारी की गई है जब एक ही दिन पहले तालेबान ने देश में फिर से अपना प्रभुत्व स्थापित किया है. 

कोविड-19 के दौरान भारत के ओडिशा राज्य में आदिवासी बच्चों के लिये खुले में पढ़ाई की व्यवस्था की गई.
UNICEF India

भारत: शिक्षा में व्यवधान से निपटने के लिये यूएन एजेंसियों के सक्रिय प्रयास

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण दुनिया भर में, शिक्षण कार्य में व्यापक व्यवधान पैदा हुआ है, जिससे भारत समेत अन्य देशों में करोड़ों छात्रों की पढ़ाई-लिखाई पर भारी असर हुआ है. इसके मद्देनज़र, भारत में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए, स्कूल फिर से खोलने और शिक्षण कार्यक्रम जारी रखने के लिये सरकारी एजेंसियों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही हैं. इनमें ज़रूरी दिशा-निर्देश भी शामिल हैं.

कम्बोडिया के एक प्राइमरी स्कूल के फिर खुलने के बाद बच्चे मास्क पहन कर कक्षाओँ में जा रहे हैं.
UNICEF/Seyha Lychheang

कोविड-19: बच्चों पर असर को समझने के लिये और ज़्यादा शोध की ज़रूरत

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 से बच्चों और किशोरों के गम्भीर रूप से बीमार होने के जोखिम के कारणों की पड़ताल किये जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस के मुताबिक मोटे तौर पर बच्चे इस बीमारी के गम्भीर प्रभावों से अछूते रहे हैं लेकिन उन्हें अन्य प्रकार की अनेक पीड़ाओं का अनुभव करना पड़ा है.

आइवरी कोस्ट में स्कूल खुलने के बाद कक्षाओँ में छात्र ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र मास्क पहन रहे हैं.
© UNICEF/Frank Dejongh

नया शैक्षणिक सत्र – एक तिहाई छात्र ही लौट पाएँगे स्कूल 

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक सगंठन (UNESCO) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर विश्व भर में कुल डेढ़ अरब छात्रों में से दो-तिहाई छात्र स्कूल बन्द होने या कक्षाओं पर मँडराती अनिश्चितता से प्रभावित हैं. यूएन एजेंसी के मुताबिक इस वर्ष एक-तिहाई छात्रों के ही स्कूल लौटने की सम्भावना है और लड़कियों की शिक्षा पर सबसे ज़्यादा संकट मँडरा रहा है. 

केनया के नैरोबी में मथारे अनौपचारिक शिविर में माँ अपने दस वर्षीय बच्चा को पढ़ा रही है.
© UNICEF/Translieu/Nyaberi

कोविड-19: बाल शिक्षा के लिये अहम क्षण, निडर क़दम उठाने का आहवान 

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 ने शिक्षा के इतिहास में सबसे बड़ा व्यवधान पैदा किया है जिसके कारण 160 से ज़्यादा देशों में एक अरब से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को नया नीतिपत्र जारी करते हुए, मौजूदा शिक्षा संकट और गहराती विषमताओं से निपटने के लिये अपना चार सूत्री एजेण्डा सामने रखा है जिसमें स्कूलों में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने, निवेश बढ़ाने के साथ-साथ शिक्षा की नए सिरे से कल्पनाशीलता का आहवान किया गया है.