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सेना

बुर्कीना फ़ासो की राजधानी में, शान्ति को प्रोत्साहन देने वाला एक बिल बोर्ड.
IRIN/Chris Simpson

बुर्कीना फ़ासो: सशस्त्र ताक़त से, सत्ता पर क़ब्ज़े के किसी भी प्रयास की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुर्कीना फ़ासो में तेज़ी से बदलते घटनाक्रम पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जहाँ मीडिया ख़बरों के अनुसार, सैन्य अधिकारियों के एक समूह ने, उस व्यक्ति को सत्ता से बेदख़ल कर दिया है जिसने केवल 9 महीने पहले ही, एक विद्रोह के ज़रिये सत्ता पर क़ब्ज़ा किया था.

बु्र्कीना फ़ासो के उत्तरी इलाक़े में, एक सैनिक निगरानी करते हुए.
© Michele Cattani

बुर्कीना फ़ासो में सैन्य तख़्तापलट की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, पश्चिम अफ़्रीकी देश - बुर्कीना फ़ासो में रविवार को, सेना के कुछ वर्गों द्वारा तख़्तापलट किये जाने के बाद, वहाँ की स्थिति पर, गहरी चिन्ता के बीच, नज़र बनाए हुए हैं.

म्याँमार में, 1 फ़रवरी 2021 से, राजनैतिक अस्थिरता जारी है.
Unsplash/Saw Wunna

म्याँमार में, सैन्य नेतृत्व अपनी सत्ता की वैधता के लिये प्रयासरत

म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रेनर बर्गेनर ने कहा है कि देश में, सेना द्वारा छह महीने पहले, एक फ़रवरी को सत्ता हथियाने के बाद, अब ऐसा लगता है कि सैन्य नेतृत्व ने, वहाँ अपनी सत्ता को और ज़्यादा मज़बूत बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकार वार्ता के दौरान, ये बात कही.

यूनीसेफ़ के अनुसार, म्याँमार में सुरक्षा बलों ने कथित रूप से स्कूलों और विश्वविद्यालय परिसरों पर क़ब्ज़ा कर लिया है. ये तस्वीर देश के उत्तरी हिस्से में, एक स्कूल इमारत की है.
OCHA/Eva Modvig

म्याँमार: सुरक्षा बलों ने अनेक शैक्षिक परिसरों पर किया क़ब्ज़ा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने शुक्रवार को कहा है कि ख़बरों के अनुसार, म्याँमार में सुरक्षा बलों ने, देश भर में, 60 स्कूलों व विश्वविद्यालय परिसरों पर क़ब्ज़ा कर लिया है, जिससे संकट और भी ज़्यादा गहरा गया है.

म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.
Unsplash/Anjani Kumar

म्याँमार: यंगून में शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित छोड़ दिये जाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को, म्याँमार के यंगून शहर में उन सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित रिहा कर दिये जाने देने की माँग की है, जो सुरक्षा बलों की घेराबन्दी में फँस गए थे. ख़बरों के अनुसार, शहर के सानचाउंग इलाक़े में शान्तिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को, कई घण्टों तक इलाक़ा छोड़कर नहीं जाने दिया गया था. 

म्याँमार के यंगून शहर में, एक पगोड़ा के निकट से गुज़रता एक बौद्ध सन्त.
Unsplash/Anika Mikkelson

म्याँमार: 'लोकतन्त्र दरकिनार', देश के राजदूत ने की तख़्तापलट की निन्दा

म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रेंगेर बुर्गेनेर ने कहा है कि देश में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद, व्यापक स्तर पर प्रदर्शन, हिंसा और गिरफ़्तारियों का सिलसिला जारी है, देश की काउंसिलर आँग सान सू ची अब भी हिरासत में हैं, इन सभी हालात को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि “लोकतान्त्रिक प्रक्रियाएँ दरकिनार कर दी गई हैं.”  

म्याँमार में यंगून शहर का एक दृश्य.
Unsplash/Alexander Schimmeck

म्याँमार: रैली से पहले हिंसा की आशंका, मानवाधिकार विशेषज्ञ की कड़ी चेतावनी

म्याँमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर यूएन के विशेष रैपोर्टेयर टॉम एण्ड्रयूज़ ने बुधवार को यंगून में सैन्य शासन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों से पहले हिंसा की आशंका जताई है. स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कड़े शब्दों में कहा है कि म्याँमार ऐसे पड़ाव पर है जहाँ सेना, जनता के ख़िलाफ़ पहले से भी बड़े अपराधों को अंजाम दे सकती है. उन्होंने ध्यान दिलाया है कि स्थानीय लोगों की बुनियादी स्वतन्त्रता और मानवाधिकारों के दमन को तुरन्त बन्द किया जाना होगा. 

म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.
Unsplash/Anjani Kumar

म्याँमार में हालात पर चिन्ता, बुनियादी अधिकारों की रक्षा का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में हालात पर गहरी चिन्ता जताते हुए सेना और पुलिस से शान्तिपूर्ण सभा के अधिकार का पूर्ण सम्मान किये जाने और अत्यधिक बल प्रयोग से परहेज़ करने का आग्रह किया है. ख़बरों के अनुसार सेना द्वारा सत्ता हथिया लिये जाने के बाद देश में विरोध-प्रदर्शनों के जारी रहने के बीच म्याँमार के बड़े शहरों में बख़्तरबन्द गाड़ियों व सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. 

म्याँमार की राजनैतिक नेता आंग सान सू ची, संयुक्त राष्ट्र के हेग स्थित अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में पेश होते हुए (10 दिसम्बर 2019)
ICJ/Frank van Beek

म्याँमार: सेना द्वारा सत्ता नियन्त्रण के बाद, उसके विरुद्ध कड़ी अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की माँग

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने म्याँमार में सेना द्वारा देश की सत्ता पर नियन्त्रण किये जाने की भर्त्सना करते हुए चिन्ता जताई है कि ऐसा होने से एक बार फिर देश पर काला साया मंडरा रहा है. मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एण्ड्रयूज़ ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि ताज़ा घटनाक्रम की स्पष्ट और कड़े शब्दों में निन्दा किये जाने के साथ-साथ, प्रासंगिक कार्रवाई भी की जानी चाहिये. 

म्याँमार के राखीन प्रांत में घरेलू विस्थापन का शिकार एक मुस्लिम परिवार के बच्चे खेल रहे हैं.
© UNICEF/Nyan Zay Htet

म्याँमार में स्वतन्त्र व निष्पक्ष चुनाव की माँग

म्याँमार में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के नए स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ थॉमस एन्ड्रयूज़ ने कहा है कि देश में इस वर्ष नवम्बर में होने वाले चुनावों की निष्पक्षता और स्वतन्त्रता सुनिश्चित की जानी होगी.