वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सेहत

मलावी के एक भंडारगृह में, तम्बाकू पैक किए जाते हुए.
© ILO/Marcel Crozet

WHO: तम्बाकू खेती छोड़ें, खाद्य उत्पादन करें

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा है कि दुनिया भर में बढ़ते खाद्य अभाव और तम्बाकू सेवन से हर साल 80 लाख लोगों की मौत के मद्देनज़र, देशों को तम्बाकू की खेती को अनुदान बन्द करना होगा और खाद्य उत्पादन करने में किसानों की मदद करनी होगी.

इंडोनेशिया के एक इलाक़े में, निवासी, कोविड-19 का मुक़ाबला करने वाली वैक्सीन लगवाते हुए.
© UNICEF/Fauzan Ijazah

कोविड-19: महामारी के अन्त का काम पूरा करने के लिये, राजनैतिक गति बढ़ाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरेश सहित, संगठन के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को, मुख्यालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम में शिरकत की जिसमें कोविड-19 महामारी का अन्त करने की दिशा में हुई उत्साहजनक प्रगति को रेखांकित किया गया. अलबत्ता ये भी स्वीकार किया गया कि बेहद निर्बल पक्षों को पर्याप्त संरक्षण मुहैया कराने के लिये, अभी काफ़ी-कुछ काम किया जाना बाक़ी है.

कोलंबिया में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में एक बॉयोलोजिस्ट से प्रशिक्षण हासिल करते हुए एक शोध सहायक.
PAHO/Jane Dempster

कैंसर से एक दशक में 70 लाख जीवन बचाए जा सकेंगे, बशर्ते कि...

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि अगर निम्न व मध्यम आय वाले देशों में कैंसर की रोकथाम और उसके इलाज के लिए और ज़्यादा उपाय नहीं किए गए तो इन देशों में अगले 20 वर्षों के दौरान कैंसर के मामलों में 60 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो सकती है.

कोलंबिया के सैन निकोलस इलाक़े में एक महिला अपने एक चिकन फॉर्म की देखभाल करते हुए
© World Bank/Charlotte Kesl

ख़त्म हो रहा है एंटीबॉयोटिक्स दवाओं का असर

अगर इंसानों की आदतों और तथ्यों पर ग़ौर करें तो ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी. 21वीं सदी के आधा पूरा होने तक एशिया में ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं कि हर साल क़रीब पचास लाख लोगों की मौत एंटीबॉयोटिक्स दवाओं के बेअसर होने की वजह से होने लगेगी.

दुनिया भर में करोड़ों लोगों को शौचालय की सुविधा मयस्सर नहीं है. ये तस्वीर मयनमार के हक्का इलाक़े की है जहाँ यूनीसेफ़ की मदद से टॉयलेट्स बनाए गए हैं.
UNICEF/Kap Za Lyan

अरबों लोग अब भी टॉयलेट से वंचित

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतॉनियो गुटेरेश ने कहा है कि दुनिया भर में अब भी क़रीब दो अरब 30 करोड़ लोगों को बुनियादी स्‍वच्‍छता सुविधाएं सुलभ नहीं हैं और स्वच्छता को एजेंडा 2030 के तहत प्राथमिकता बनाया जाना ज़रूरी है.

UNICEF/UN022064/Ayene

मां के दूध की अनदेखी से हो सकता है नुक़सान

  • अमृत समान मां के दूध की अनदेखी से शिशु का जीवन पड़ता है ख़तरे में
  • इंसानों की तस्करी जैसा घिनौना अपराध इंसानियत के नाम पर है कलंक
  • यमन में सहायता गोदामों पर हो रहे हमलों से लाखों की जान ख़तरे में
  • लाखों लोगों को मदद पहुँचाने के लिए 12 करोड डॉलर की तुरन्त दरकार
  • केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य में तीन रूसी पत्रकारों की मौत की जाँच शुरू
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