शौच

मेडागास्कर के एक गाँव में ग्रामीणों ने तब तक शोचालयों का इस्तेमाल गंभीरता से शुरू नहीं किया जब तक उन्हें खुले स्थानों में शोच करने के ख़तरों से अवगत नहीं कराया गया. (मई 2019)
©WSSCC/Hiroyuki Saito

मेडागास्कर के ग्रामीणों ने ‘खुले में शौच’ के ख़तरों को समझा

ग्रामीणों के साथ चर्चा तड़के से ही शुरू हो जाती है.  स्वयंसेवकों को चॉक से ज़मीन पर अपने गांव का नक्शा तैयार करने को कहा जाता है. एक महिला के स्कैच से पता चला कि उस गाँव में 17 परिवारों के 65 लोग कुल 11 लाल मिट्टी के घरों में रहते हैं. वह बताती हैं कि वे सभी लोग केवल तीन शौचालयों से काम चलाते हैं, जो वहां काफी समय से हैं.

Photo: Giles Clarke

मुश्किल दौर में अंहिसा के सिद्धांत की कायम है प्रासंगिकता

  • महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर मनाया गया अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
  • अहिंसा से मिल सकता है समस्याओं का हल निकालने का रास्ता
  • अरबों लोगों को शौच के लिए जाना पड़ता है खुले में, भारत में ऐसा करते हैं एक अरब लोग 
  • नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र की नई मुख्यालय इमारत, जहां से सभी एजेंसियां करेंगी साथ काम
ऑडियो
8'24"