वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

साफ़-सफाई

भारत के मुम्बई शहर में, एक ऐसे स्थान पर शौचालय बने हैं जहाँ गन्दा पानी भी निकासी के बाद इकट्ठा है.
© UNICEF/Manpreet Romana

सर्वजन को समुचित स्वच्छता उपलब्ध कराने से, लोगों व ग्रह को अनेक लाभ

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने तमाम देशों से आग्रह किया है कि वो किसी भी व्यक्ति को पीछे नहीं छोड़ देने के अपने वादे पूरे करने के लिये काम करते रहें और सर्वजन को स्वास्थ्य और स्वच्छता मुहैया कराएँ.

पश्चिमोत्तर सीरिया में विस्थापितों के लिये बनाये गए शिविर में, एक बच्ची टैण्कर से जल भर रही है.
© UNICEF/Khaled Akacha

युद्ध प्रभावित देशों में स्वच्छ जल की क़िल्लत, हिंसा से ज़्यादा घातक

हिंसक संघर्ष से प्रभावित इलाक़ों में, जल आपूर्ति व साफ़-सफ़ाई सेवा केंद्रों पर हमलों और उससे जल सुलभता प्रभावित होने के कारण लाखों बच्चों के जीवन के लिये संकट पैदा हो रहा है. यह ख़तरा इन इलाक़ों में जारी हिंसा व लड़ाई से कहीं अधिक गम्भीर है. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कड़े शब्दों में कहा है कि जल आपूर्ति पर हमला, बच्चों पर हमला है.

मेडागास्कर में साफ़ पेयजल के लिये एक दिन में 14 किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता है.
© UNICEF/Safidy Andrianantenain

स्वच्छ जल व स्वच्छता का अभाव में अरबों लोग – एक ‘नैतिक विफलता’

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी अरबों लोगों के पास, साफ़ पेयजल व हाथ धोने के लिये बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, जोकि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की नैतिक विफलता को दर्शाता है. यूएन महासभा प्रमुख ने सर्वजन के लिये जल व स्वच्छता सुनिश्चित किये जाने के मुद्दे पर गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.

यूगाण्डा के एक स्वास्थ्य केन्द्र में एक कर्मचारी फ़र्श की सफ़ाई करते हुए. आबादियों को संक्रमणों और बीमारियों से बचाने के लिये साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता बहुत ज़रूरी है.
UNICEF/Michele Sibiloni

स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में पानी और स्वच्छता की कमी से अरबों ज़िन्दगियाँ जोखिम में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों और सुविधाओं में, पानी और स्वच्छता सेवाओं जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की कमी के कारण, लगभग 1 अरब 80 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और मरीज़ों के लिये, कोविड-19 महामारी और अन्य बीमारियों का जोखिम पैदा हो गया है.

रवाण्डा के बुरेरा ज़िले में एक राज-मिस्त्री एक शौचालय का निर्माण करते हुए. इस राज-मिस्त्री को यूनीसेफ़ और एक ग़ैर-सरकारी संगठन ने सुरक्षित व स्वच्छता सुनिश्चित करने वाले शौचालय बनाने के लिये प्रशिक्षित किया.
UNICEF/Kanobana

शौचालय दिवस: सभी को सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद स्वच्छता पक्की करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र दुनिया भर में स्वच्छता, साफ़-सफ़ाई व स्वस्थ आदतों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के इरादे से 19 नवम्बर को विश्व शौचालय दिवस मना रहा है ताकि सभी लोगों को स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई के साधनों की आसान उपलब्धता सुनिश्चितता की जा सके. दुनिया की कुल आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा, यानि लगभग 25 प्रतिशत आबादी को बुनियादी सुविधाएँ हासिल नहीं हैं.

कम्बोडिया के एक स्कूल में यूनीसेफ़ द्वारा उपलब्ध कराई गई एक जल सुविधा में हाथ धोते बच्चे.
© UNICEF/Antoine Raab

स्वच्छता के संकट का सामना करने के लिये बना एक कोष

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को एक ऐसा कोष शुरू किया है जिसके ज़रिये स्वच्छता, साफ़-सफ़ाई और लड़कियों व महिलाओं के मासिक धर्म के इर्द-गिर्द सदियों पुरानी हानिकारक अवधारणाएँ बदलने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा जिनसे इस समय दुनिया भर में 4 अरब से भी ज़्यादा लोग प्रभावित होते हैं.

ब्राज़ील बोआ विस्ता में यूनीसेफ़ ने हाथ धोने के लिे एक अनौपचारिक केंद्र को स्थापित किया है.
© UNICEF/Yareidy Perdomo

सर्वजन के लिये जल व स्वच्छता – त्वरित कार्रवाई के लिए नया फ़्रेमवर्क

वर्ष 2030 तक सभी के लिये जल और साफ़-सफ़ाई की सुलभता सुनिश्चित कराने के इरादे से गुरुवार को एक नई व्यवस्था शुरू की गई है. 'Global Acceleration Framework for SDG-6' नामक इस प्रणाली का उद्देश्य टिकाऊ विकास लक्ष्यों के 2030 एजेण्डा को हासिल करने के प्रयासों में तेज़ी लाना है और इसे 30 से ज़्यादा यूएन संस्थाओं और 40 अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने विकसित किया है.