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साँस

मंगोलिया के उलानबाटर में कोयला-चालित बिजली संयंत्रों में उत्सर्जन से वायु प्रदूषण
ADB/Ariel Javellana

दुनिया की लगभग पूरी आबादी, वायु प्रदूषण में साँस लेने को विवश

संयुक्त राष्ट्र के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने सोमवार को कहा है कि दुनिया भर की लगभग 99 प्रतिशत आबादी ऐसी प्रदूषित वायु में साँस ले रही है जो अन्तरराष्ट्रीय स्वीकृत सीमाओं से ज़्यादा प्रदूषित है. इससे उनके स्वास्थ्य पर गम्भीर नकारात्मक असर पड़ता है.

सूर्योदय का एक दृश्य. पृथ्वी की सलामती के लिये इनसानों को बहुत ज़िम्मेदारी दिखानी होगी.
WMO/Boris Palma

नीला आकाश विचार: वायु प्रदूषण के बार में कुछ अहम जानकारी

दुनिया भर में, कुल आबादी का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा, अपने दैनिक जीवन में, हर दिन, हानिकारक प्रदूषित हवा में साँस लेता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने, मौजूदा दौर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा क़रार दिया है. 7 सितम्बर को, ‘नीले आसमानों के  प्रथम अन्तरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस’ के अवसर पर, यूएन न्यूज़ की प्रस्तुति – कि ये स्थिति कितनी बुरी है और इसका सामना करने के लिये क्या किया जा रहा है.