सामाजिक न्याय

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोशष (UNFPA) की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में, लगभग आधी महिलाएँ अपने शरीरों पर ख़ुद के अधिकारों से वंचित हैं.
© UNICEF/Albert Gonzalez Farran

कामकाज व वंश के आधार पर भेदभाव चिन्ताजनक, समावेश पर बल

विश्व भर में, कामकाज और वंश के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव से 26 करोड़ लोग प्रभावित हैं. इनमें बोराकोमिन, दलित, उरु, ओसु, क़िलोओम्बो, रोमानी समेत अन्य समुदाय हैं. ये समुदाय समस्त विश्व आबादी के चार फ़ीसदी से भी कम हैं, जिनमें से अधिकांश, 21 करोड़ दक्षिण एशिया में रहते हैं. एक वीडियो रिपोर्ट...

पहले अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर, यूएन मुख्यालय में आयोजित फ़ोटो प्रदर्शनी के दौरान आर्चबिशप डेसमण्ड टूटू.
UN/P Filgueiras

यूएन प्रमुख ने 'शान्ति व न्याय के प्रतीक', आर्चबिशप टूटू के निधन पर जताया शोक

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश और यूएन के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने आर्चबिशप डेसमण्ड टूटू के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए, उन्हें बेआवाज़ के पक्ष में उठने वाली एक अविचल आवाज़ क़रार देते हुए अपने श्रृद्धासुमन अर्पित किये हैं. 

म्याँमार की मूल निवासी, चार बच्चों की माँ, फ़ातिमा, अब बांग्लादेश में रह रही हैं. वो एक चिकन माँस बेचने वाली दुकान में काम करती हैं और हर दिन लगभग 1 डॉलर 18 सेंट कमाती हैं.
WFP/Saikat Mojumder

सामाजिक न्याय दिवस: एक नज़र महिलाओं के साथ भेदभाव पर...

20 फ़रवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष, इस दिवस के साथ ही, दुनिया एक नए दशक में क़दम रख रही है, और इसका अर्थ है कि हमारे पास, टिकाऊ विकास लक्ष्यों का लैंगिक समानता पर वैश्विक लक्ष्य #5, हासिल करने के लिये केवल 10 वर्ष का समय बचा है. दुख के साथ कहना पड़ता है कि हमें अभी लम्बा रास्ता तय करना है. यहाँ तक कि भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकता पूरी करने के लिये भी, विश्व के लगभग दो तिहाई देशों में, ऐसी अधिक सम्भावना है कि पुरुषों की तुलना में ज़्यादा महिलाएँ, भूख और खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगी.