साइबर अपराध

एशिया और मध्य पूर्व में बच्चों व महिलाओं के लिये, मानव तस्करी का शिकार होने का जोखिम अधिक है.
© UNICEF/Shehzad Noorani

मानव तस्करी से मुक़ाबले के लिये महासभा ने जताई प्रतिबद्धता, घोषणापत्र पारित

संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने मानव तस्करी के ‘जघन्य अपराध’ से एकजुटतापूर्ण ढँग से निपटने के लिये, सोमवार को एक राजनैतिक घोषणापत्र पारित किया है. यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने इस सिलसिले में एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 ने निर्धनता, बेरोज़गारी और लिंग-आधारित हिंसा समेत उन समस्याओं को और गहरा किया है, जिनसे मानव तस्करी को बढ़ावा मिलता है.

आतंकवाद के बदलते रूपों के प्रति सतर्क रहने और पुख़्ता जवाबी कार्रवाई की ज़रूरत को रेखांकित किया गया है.
UNODC

आतंकवाद और संगठित अपराध के तार जुड़े - वैश्विक कार्रवाई की दरकार

सुरक्षा परिषद में आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच की कड़ियों पर गुरुवार को चर्चा हुई जिसमें विशेषज्ञों ने चिन्ता जताई कि आपराधिक व आतंकी गुटों में अवसरवादी सहयोग बढ़ रहा है, और वैश्विक महामारी कोविड-19 से उपडी व्यवस्थागत कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाने की कोशिश की जा रही है. विशेषज्ञों ने इस चुनौती से निपटने के लिये अन्तरराष्ट्रीय सन्धियों व क़ानूनी औज़ारों के असरदार उपयोग की अहमियत को रेखांकित किया है.

कंप्यूटर मॉनीटर पर कोड दर्शाए गए हैं.
Unsplash/Markus Spiske

अनेक देशों में निजता व डेटा सुरक्षा संबंधी क़ानूनों की कमी चिंताजनक

व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) के आँकड़े दर्शाते हैं कि दुनिया में लगभग एक तिहाई देशों में नागरिकों के ऑनलाइन डेटा व निजता की सुरक्षा के लिए क़ानून मौजूद नहीं हैं. वर्ष 2015 से 2020 तक डेटा संरक्षण और निजता संबंधी क़ानूनों को अपनाने वाले देशों में 11 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन इसके बावजूद महज़ 66 फ़ीसदी देशों में ही महत्वपूर्ण साइबर उपाय लागू किए गए हैं.