संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने, बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी इलाक़े में स्थित एक भीड़ भरे शरणार्थी शिविर में गुरूवार को विनाशकारी आग लगने के बाद बेसहारा बचे हज़ारों रोहिंज्या शरणार्थियों की मदद करने के लिये प्रयास तेज़ कर दिये हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने प्रमुख फ़िलिपो ग्रैण्डी ने बांग्लादेश सरकार द्वारा रोहिंज्या शरणार्थियों को देश के एक तटीय इलाक़े में स्थानान्तरित किया जाने पर चिन्ता व्यक्त की है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में 8 नवम्बर को होने वाले चुनाव को स्थानीय जनता के लिये एक अहम पड़ाव बताते हुए उम्मीद ज़ाहिर की है कि इससे देश में समावेशी टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. यूएन प्रमुख ने भरोसा जताया है कि सफलतापूर्वक चुनाव सम्पन्न होने से रोहिंज्या शरणार्थियों की सुरक्षित और गरिमामय ढँग से वापसी का रास्ता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने म्याँमार में मानवाधिकार हनन के मामलों और अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे सन्देश फैलने पर गहरी चिन्ता जताई है. मंगलवार को यूएन कार्यालय की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब म्याँमार में अगले महीने 8 नवम्बर को होने वाले आम चुनावों की तैयारियाँ चल रही हैं.
म्याँमार के विस्थापित रोहिंज्या समुदाय की मदद के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र की मेज़बानी में हुए एक दानदाता सम्मेलन में 60 करोड़ डॉलर की धनराशि के चन्दे का संकल्प लिया गया है. गुरुवार को यह सम्मेलन इस वादे के साथ समाप्त हो गया कि रोहिंज्या की पीड़ाओं का दीर्घकालीन समाधान निकालने के लिये सम्बद्ध देशों के साथ सम्वाद जारी रखा जाएगा.
म्याँमार में संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने उन दो लड़कों की जघन्य मौत पर गहरा शोक और सदमा प्रकट किया है जिन्हें उत्तरी प्रान्त राख़ीन में अक्टूबर के शुरुआती दिनों में सुरक्षा बलों ने कथित रूप में मानव ढाल (Human Shield) के तौर पर इस्तेमाल किया था.
म्याँमार के स्टेट काउन्सलर कार्यालय में मन्त्री ने कहा है कि बांग्लादेश में शरणार्थी के तौर पर रह रहे रोहिंज्या लोगों की म्याँमार वापसी का मुद्दा प्रभावी ढँग से सुलझाने के लिये दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ही एकमात्र रास्ता है. स्टेट काउन्सलर कार्यालय में मन्त्री ने मंगलवार को यूएन महासभा के 75वें सत्र की जनरल डिबेट को अपने वीडियो सन्देश में कहा कि उनकी सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को गम्भीरता से लेती है.
बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री शेख़ हसीना ने देश में रोहिंज्या शरणार्थियों की मदद के लिये मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता की पुकार लगाई है ताकि रोहिंज्या समुदाय के लोगों की म्याँमार वापसी सुनिश्चित हो सके. बांग्लादेश में इस समय दस लाख रोहिंज्या रह रहे हैं जो मुख्यत: मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और राष्ट्रविहीन हैं.
म्याँमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ थॉमस एण्ड्रयूज़ ने मंगलवार को कहा है कि देश के राख़ीन प्रान्त में गाँवों पर सुरक्षा बलों के हमले तुरन्त रोकने होंगे, और तुरन्त संघर्षविराम घोषित होना चाहिये.
अंडमान सागर में छह महीने से ज़्यादा समय तक फँसे रहने के बाद तीस से ज़्यादा रोहिंज्या शरणार्थियों की मौत होने की आशंका जताई गई है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने कहा है मुश्किल हालात से जूझ रहे लोगों को शरण देने के लिये देशों की सामूहिक अनिच्छा के परिणामस्वरूप यह घटना हुई है.