संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, यूनिसेफ ने बांग्लादेश सरकार की तरफ़ से इस पुष्टि का स्वागत किया कि रोहिंग्या शरणार्थियों को उनकी इच्छा के बिना म्यांमार वापस नहीं भेजा जाएगा जहां से उनके अधिकारों का उल्लंघन जारी रहने की खबरें आ रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के लिए शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि म्याँमार से सुरक्षा के लिए भागने को मजबूर होकर बांग्लादेश पहुँचे रोहिंज्या शरणार्थियों की स्वदेश वापसी उनकी इच्छानुसार ही होनी चाहिए. फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि म्याँमार में रोहिंज्या लोगों के मूल निवास स्थानों पर अब भी हालात सुरक्षित नहीं हैं जिससे कि उनकी सम्मानजक और टिकाऊ तरीक़े से वापसी हो सके.