वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

रोहिंज्या

वर्ष 2017 में, म्याँमार में व्यापक और भीषण हिंसा से बचने के लिए भागे, लगभग 10 लाख रोहिंज्या शरणार्थियों ने, बांग्लादेश में पनाह ली हुई है.
© UNOCHA/Vincent Tremeau

समुद्री यात्राओं में रोहिंज्या लोगों की मदद के लिए आपात सहायता की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ टॉम एंड्रयूज़ ने उन रोहिंज्या शरणार्थियों की जीवन-रक्षा के लिए, कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई है जो बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों परिस्थितियाँ लगातार ख़राब होने के कारण, इंडोनेशिया जाने के लिए जोखिम भरी समुद्री यात्राएँ करते हैं.

म्याँमार में टकराव जारी रहने के कारण, देश के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों की संख्या, 20 लाख से अधिक हो गई है (फ़ाइल चित्र).
© UNICEF/Brown

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, म्याँमार में टकराव के फैलाव पर जताई गम्भीर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, म्याँमार में टकराव के विस्तार पर गहरी चिन्ता व्यक्त कि है जोकि राख़ीन प्रान्त में भी फैल रहा है.

म्याँमार के राख़ीन प्रान्त में, विस्थापित जन, अपने अस्थाई आश्रयस्थलों की मरम्मत करते हुए.
© UNICEF/Naing Linn Soe

म्याँमार: ‘अमानवीयता का भयावह कुरूप जारी है’, टर्क

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने म्याँमार की स्याह स्थिति का एक और आकलन मंगलवार को जारी किया है जिसमें देश की सेना द्वारा अपने ही नागरिकों पर किए जा रहे अत्याचारों का विवरण दिया गया है.

म्याँमार की एक बस्ती का दृश्य.
Unsplash/Ajay Karpur

म्याँमार: मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने युद्धापराध मामलों पर जताई चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने मानवाधिकार परिषद को बताया है कि म्याँमार में उग्र होती हिंसा के बीच आम लोग, सैन्य नेतृत्व द्वारा अंजाम दिए जा रहे भयावह अपराधों की पीड़ा भुगत रहे हैं.

सितम्बर 2017 में, म्याँमार से भागकर, बंगाल की खाड़ी पार करके, बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार ज़िले में पहुँचे, रोहिंज्या शरणार्थी,
UNICEF/Patrick Brown

म्याँमार: विस्थापन के छह साल बाद भी, रोहिंज्या शरणार्थी न्याय की तलाश में

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि वर्ष 2017 में म्याँमार में सुरक्षा बलों के अभियान के दौरान, हज़ारों रोहिंज्या लोगों को उनके घरों से बेदख़ल करने के लिए ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी होगी. रोहिंज्या समुदाय के विस्थापन को जातीय सफ़ाए के एक सटीक उदाहरण के रूप में परिभाषित किया गया है. 

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार के तट पर रोहिंज्या शरणार्थियों को सुरक्षित उतारा जा रहा है. (फ़ाइल)
© UNICEF/Patrick Brown

रोहिंज्या शरणार्थियों के लिए सतत समर्थन व संकट के राजनैतिक समाधान का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि बांग्लादेश में रोहिंज्या शरणार्थियों को मानवीय सहायता जारी रखने के लिए वित्तीय समर्थन की निरन्तरता सुनिश्चित की जानी होगी. साथ ही, मौजूदा संकट का समाधान ढूंढने के इरादे से राजनैतिक समर्थन का नए सिरे से संकल्प लिए जाने पर बल दिया गया है. 

म्याँमार की सेना ने, फ़रवरी 2021 में, लोकतांत्रिक सरकार का तख़्तापलट करके, सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया था.
IRIN/Steve Sandford

‘म्याँमार में, निर्लज युद्धापराध, खुलेआम जारी’

म्याँमार के लिए स्वतंत्र जाँच प्रणाली (IIMM) ने देश में सेना और उससे सम्बद्ध मिलिशिया के हाथों, लगातार और धड़ल्ले से युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने के अकाट्य साक्ष्य उजागर किए हैं.

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार शरणार्थी शिविर में तूफ़ान मोका से बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित हुए थे.
© UNICEF/Sultan Mahmud Mukut

बांग्लादेश: रोहिंज्या बच्चों की शिक्षा की मुहिम

विस्थापन समस्याओंशिक्षण केन्द्रों में आग लगने और चक्रवात मोका के बावजूदस्कूल खुलने के पहले दिन, बांग्लादेश के रोहिंज्या शरणार्थी शिविरों की कक्षाएँ उत्साहित बच्चों से भरी नज़र आईं. (वीडियो)

बांग्लादेश में रह रहे रोहिंज्या शरणार्थी परिवारों को विश्व खाद्य कार्यक्रम से महीने का राशन मिलता है.
© WFP/Sayed Asif Mahmud

बांग्लादेश: खाद्य सहायता में कटौतियों से, रोहिंज्या समुदाय के समक्ष गम्भीर चुनौतियाँ

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने आगाह किया है कि बांग्लादेश के शिविरों में रह रहे रोहिंज्या शरणार्थियों के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) से मिलने वाली खाद्य राहत, सहायता का एक भरोसेमन्द स्रोत रही है, मगर दानदाताओं से प्राप्त होने वाली धनराशि के अभाव के कारण, तीन महीनों में दूसरी बार उनकी रसद में कटौती का निर्णय लिया गया. इन परिस्थितियों में उनके लिए भरपेट भोजन की व्यवस्था ना हो पाने के कारण कुपोषण की समस्या गहराने की आशंका है और समुदाय में नाउम्मीदी उपज रही है.

बांग्लादेश के टेकनाफ़ में शरणार्थियों के लिए बनाए गए एक अस्थाई घर में एक रोहिंज्या परिवार.
© UNICEF/Suman Paul Himu

रोहिंज्या शरणार्थियों को म्याँमार वापिस भेजने की योजना तुरन्त स्थगित करने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने गुरूवार को कहा कि बांग्लादेश से रोहिंज्या शरणार्थियों को वापिस म्याँमार भेजे जाने की प्रायोगिक परियोजना (pilot project) को तुरन्त स्थगित किया जाना होगा.