रोहिन्जया

जबरन विस्थापन का शिकार सात करोड़ 95 लाख लोगों में तीन करोड़ से ज़्यादा बच्चे हैं.
©UNHCR/Vincent Tremeau

विश्व भर में क़रीब आठ करोड़ लोग जबरन विस्थापित

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) की नई रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष 2019 में जबरन विस्थापन का शिकार लोगों की सँख्या बढ़कर सात करोड़ 95 लाख से भी ज़्यादा हो गई. युद्ध, हिंसा, यातना और आपात हालात के कारण पिछले एक दशक में यह सँख्या लगभग दोगुनी हो गई है. 20 जून को ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ से ठीक पहले जारी इस रिपोर्ट में यूएन एजेंसी ने विस्थापितों की मदद के लिए सरकारों से पहले से कहीं ज़्यादा प्रयास करने का आहवान किया है.     

वर्ष 2017 में म्याँमार में भड़की हिन्सा से साढ़े आठ लाख से ज़्यादा रोहिन्जया को सीमा पार बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ी.(फ़ाइल)
UNICEF/Brown

समुद्र में फँसे रोहिंज्या समुदाय के लोगों को बचाने की पुकार

सुपर सायक्लोन ‘अम्फन’ ने बंगाल की खाड़ी और अन्डमान सागर में चक्रवाती तूफ़ानों के उग्र मौसम के आगमन का संकेत दे दिया है. आने वाले दिनों में मौसम की चुनौतियों के मद्देनज़र अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने समुद्र में फँसे सैकड़ों रोहिंज्या शरणार्थियों की व्यथा पर चिन्ता ज़ाहिर की है. यूएन एजेंसी का अनुमान है कि 500 लोग अब भी समुद्री मार्ग में फँसे हुए हैं और अपने नियत गंतव्य स्थान तक नहीं पहुँच पा रहे हैं.