पुनर्वास

योरोप व मध्य एशिया में क़रीब 40 करोड़ लोगों को पुनर्वास देखभाल सेवाओं की आवश्यकता है.
© WHO

योरोपीय क्षेत्र: बड़ी ज़रूरतमन्द आबादी के लिए पुनर्वास स्वास्थ्य देखभाल का अभाव

योरोपीय क्षेत्र के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यालय ने चेतावनी जारी की है कि योरोपीय क्षेत्र में 39 करोड़ से अधिक लोगों, यानि क़रीब आधी आबादी को, स्वास्थ्य अवस्थाओं के कारण पुनर्वास देखभाल की आवश्यकता है, मगर अधिकाँश लोगों को यह उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के उत्तरी किवू में, पीड़ितों की सहायता के लिये ट्रस्ट कोष के समर्थन के माध्यम से, डोरिका - महिलाओं के यौन हिंसा पीड़ितों के समूह का हिस्सा बनीं, और अब स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिये माइक्रो-क्रेडिट ऋण प्राप्त कर रही हैं
© Finbarr O’Reilly

यौन शोषण पीड़ितों में, कौशल विकास के ज़रिये आशा का संचार

यूएन कर्मचारियों द्वारा यौन शोषण व दुराचार के पीड़ित जन, अपनी ज़िन्दगियाँ बदल रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने 2016 में एक ट्रस्ट कोष स्थापित किया था जो यौन शोषण व दुराचार के पीड़ितों  को, आय सृजित करने वाली गतिविधियों और अन्य तरह की सहायता के लिये धन मुहैया कराता है. इन गतिविधियों से, पीड़ितों को एक टिकाऊ आर्थिक सशक्तिकरण और स्वतंत्रता के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद मिलती है. वो समुदायों को भी और ज़्यादा सहनशील बनाने में मदद करते हैं. एक वीडियो रिपोर्ट...

संयुक्त राष्ट्र महासचिव शनिवार को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन इलाक़े में सूज़न अल शम्मारी से मिले.
UN Photo/Eskinder Debebe

यूएन महासचिव की न्यूयॉर्क में शरणार्थियों से भेंट, विकसित देशों से समर्थन का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ के सिलसिले में, न्यूयॉर्क में इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान के शरणार्थियों से शनिवार को मुलाक़ात की और उनके अनुभव सुने. यह अन्तरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 20 जून को मनाया जाता है.

फ़लस्तीन में, स्वेच्छा कर्मी, बुज़ुर्ग शरणार्थियों को, कोविड-19 वैक्सीन के लिये, पंजीकरण कराने को प्रोत्साहित करते हुए.
Fatima Abdel Jawad

महामारी के दौर में, शरणार्थियों के पुनर्वास की संख्या में बढ़ोत्तरी की प्रतीक्षा

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - UNHCR) और विश्व बैंक की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से सीमाओं पर लगाई गई पाबन्दियों के कारण, सुरक्षित मेज़बान देशों में आश्रय दिये गए शरणार्थियों की संख्या में, तेज़ गिरावट दर्ज की गई है. इन हालात के कारण, निर्बल परिस्थितियों वाले लोगों के पुनर्वास में बाधाएँ बरक़रार हैं.

लाइबेरिया के मोनरोविया में एक मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल में एक मरीज़ का दृश्य.
World Bank/Dominic Chavez

मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों को समझने और निपटने के तरीक़ों में 'बदलाव लाने होंगे' 

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने सदस्य देशों, नागरिक समाज, मनोवैज्ञानिक संगठनों और विश्व स्वास्थ्य संगठन से आग्रह किया है कि मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों को समझने और उनसे निपटने के नज़रिये में बदलाव लाना होगा. विशेष रैपोर्टेयर डेनियस पूरस ने कहा कि मानसिक स्वास्थ देखभाल के मौजूदा मॉडल में दवाओं पर निर्भरता और मानसिक स्वास्थ्य मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों को ख़तरनाक क़रार दिये जाने या उनकी मर्ज़ी के बिना ही उनका इलाज किये जाने पर ज़्यादा ज़ोर है जिससे अलग हटना होगा. 

एक सीरियाई व्यक्ति इराक़ के दुहोक में बरदरश शिविर में अपने बच्चों के साथ. ये तस्वीर इस परिवार के यहाँ पहुँचने के एक दिन बाद ली गई.
© UNHCR/Hossein Fatemi

शरणार्थी पुनर्वास: अभी कम हैं मददगार हाथ!

दुनिया भर में वैसे तो लगभग 14 लाख शरणार्थी ऐसे हैं जिन्हें पुनर्वास की तुरंत ज़रूरत है मगर केवल 63 हज़ार 696 को ही वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के ज़रिए फिर से ज़िन्दगी शुरू करने का मौक़ा मिला. ये शरणार्थियों की कुल संख्या का केवल साढ़े चार प्रतिशत हिस्सा है. कारण है कि दुनिया भर में सरकारों की तरफ़ से इन शरणार्थियों को पुनर्वास की समुचित पेशकश नहीं हो रही है.

पूर्वी जर्मनी में एक सीरियाई शरणार्थी हमज़ा अल इमाम (बाएँ) मास्टर बेकर से ट्रेनिंग हासिल करते हुए. (4 दिसंबर 2018)
© UNHCR/Gordon Welters

2020 तक 14 लाख शरणार्थियों को आसरे की ज़रूरत होगी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी - यूएनएचसीआर ने कहा है कि 60 से अधिक मेज़बान देशों में फैले 14 लाख से अधिक विस्थापितों को साल 2020 तक तत्काल रूप में पुनर्वास की ज़रूरत पड़ेगी. साथ ही यूएनएचसीआर ने अतिसंवेदनशील होने के कारण एलजीबीटीआई (LGBTI) शरणार्थियों को और ज़्यादा सुरक्षा देने की मांग की.