प्रगति

UN News/Anshu Sharma

भारत: डिजिटल चुनाव अभियान की तैयारी

भारत में ओडिशा राज्य की जेमामणि सोरेन, एक गृहिणी, एक माँ और ठाकुरमुंडा ग्राम पंचायत की पूर्व- मुखिया हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा को गुप्त रूप से दोबारा शुरू करके, 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारी की. शिक्षा जारी रखने के लिए उन्होंने सक्रिय रूप से व्हाट्सएप और यूट्यूब मंचों का उपयोग करना सीखा. अपने डिजिटल कौशल के बारे में आश्वस्त जेमामणि सोरेन, अब 2027 के पंचायत चुनावों के लिए डिजिटल तरीक़े से प्रचार करना चाहती हैं.

उनसे एक संक्षिप्त बातचीत, हमारी सहयोगी अंशु शर्मा के साथ...

ऑडियो
33'49"
टिकाऊ विकास से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान तलाश करने के लिये, सीरियाई युवाओं को प्रशिक्षण देता एक सत्र.
Basel Almadani

अपराध का सामना करने में, युवजन के साहस व संकल्प की दरकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने अपराध का मुक़ाबला करने के समाधानों को रेखांकित करते हुए, सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा है कि युवजन को अक्सर अनुपात से ज़्यादा अपराध करने वालों के रूप में देखा जाता है, जबकि युवजन ही अक्सर सबसे कमज़ोर हालात वाले होते हैं.

वनुआतू के ऐपी द्वीप में कुछ बच्चे खेलते हुए. पश्चिमी प्रशान्त स्थित इस छोटे से देश में लगभग 3 लाख लोग बसते हैं.
UNICEF/Jason Chute

एशिया-प्रशान्त देशों से, इनसानों व पृथ्वी को प्राथमिकता देने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने एशिया व प्रशान्त क्षेत्र के देशों का आहवान किया है कि वो कोविड-19 महामारी से उबरने के अपने प्रयास व रणनीति, पुराने पड़ चुके और अरक्षणीय आर्थिक ढाँचों पर आधारित ना करें. उन्होंने साथ ही ये पुकार भी लगाई  है कि विश्व की सबसे ज़्यादा आबादी वाले इस क्षेत्र में, पर्यावरण का संरक्षण हो और सभी को अवसर मिलें.

म्याँमार की मूल निवासी, चार बच्चों की माँ, फ़ातिमा, अब बांग्लादेश में रह रही हैं. वो एक चिकन माँस बेचने वाली दुकान में काम करती हैं और हर दिन लगभग 1 डॉलर 18 सेंट कमाती हैं.
WFP/Saikat Mojumder

सामाजिक न्याय दिवस: एक नज़र महिलाओं के साथ भेदभाव पर...

20 फ़रवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष, इस दिवस के साथ ही, दुनिया एक नए दशक में क़दम रख रही है, और इसका अर्थ है कि हमारे पास, टिकाऊ विकास लक्ष्यों का लैंगिक समानता पर वैश्विक लक्ष्य #5, हासिल करने के लिये केवल 10 वर्ष का समय बचा है. दुख के साथ कहना पड़ता है कि हमें अभी लम्बा रास्ता तय करना है. यहाँ तक कि भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकता पूरी करने के लिये भी, विश्व के लगभग दो तिहाई देशों में, ऐसी अधिक सम्भावना है कि पुरुषों की तुलना में ज़्यादा महिलाएँ, भूख और खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगी.

दारफ़ूर में यूएन सहायता मिशन में तैनात पाकिस्तान की एक पुलिस अधिकारी फ़रख़न्दा इक़बाल (दाएँ) सूडान की एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ गले मिलते हुए. ये समारोह अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया. (फ़ाइल फ़ोटो)
UNAMID/Albert Gonzalez Farran

संयुक्त राष्ट्र कैसे करता है संघर्ष रोकथाम व निवारण

जब सदस्य देशों ने 75 वर्ष पहले यूएन चार्टर पर हस्ताक्षर किये थे, इसका मक़सद आने वाली पीढ़ियों को तीसरे विश्व युद्ध से बचाना था. इसका मक़सद संघर्ष टालना व रोकना भी था. इसलिये संयुक्त राष्ट्र के लिये संघर्ष निवारण अब भी एक केन्द्रीय प्राथमिकता है. फिर भी, सम्बन्ध पक्षों को शान्ति के लिये राज़ी करना बहुत कठिन काम है, ख़ासतौर से तब, जब वो शान्ति नहीं चाहते हों.

चाड की बोल नामक बस्ती में एक स्कूल से बाहर निकलती किशोरियाँ
UN Photo/Eskinder Debebe

सरकारी शिक्षा ख़र्च में 'शर्मनाक विषमताओं" को दूर करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ की एक ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि ग़रीब परिवारों की एक तिहाई किशोरी लड़कियों को कभी स्कूली शिक्षा की सुविधा हासिल नहीं हुई और शिक्षा पर ख़र्च धनी परिवारों की तरफ़ भारी रूप में झुका हुआ है.

मेडागास्कर में कुछ महिलाएं सब्ज़ियों वाले खेत में काम करती हुईं. इनके खेतों को बहुत छोटे स्तर पर मुहैया कराई गई सिंचाई व्यवस्था से पानी मिलता है. इस परियोजना को विश्व खाद्य कार्यक्रम से सहायता मिलती है.
WFP/Giulio d'Adamo

जलवायु संकट से जीवन की गुणवत्ता प्रभावित, बढ़ रहा है असंतोष

जलवायु संकट, दुनिया भर में लगातार जारी गंभीर विषमताएँ, खाद्य असुरक्षा के बढ़ते स्तर और कुपोषण जैसी स्थितियाँ बहुत से समाजों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही हैं जिनके कारण असंतोष भी बढ़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र की विश्व आर्थिक स्थिति व संभावनाओं पर वर्ष 2020 की रिपोर्ट में ये आकलन पेश किया गया है. रिपोर्ट के लेखकों ने संकट का सामना करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलाव करने का आहवान किया है.  

यूक्रेन की मुद्रा का एक दृश्य. अनेक देशों में भ्रष्टाचार ने गहरी जड़ें जमा ली हैं जो समावेशी विकास के रास्ते में रुकावट खड़ी करता है.
UNDP Ukraine

भ्रष्टाचार का दानव लील रहा है विकास की संभावनाएँ, एकजुटता की ज़रूरत

विश्व भर में हर साल खरबों डॉलर की रक़म या तो रिश्वतख़ोरी या फिर भ्रष्ट तरीकों की भेंट चढ़ जाती है जिससे क़ानून के शासन की अहमियत तो कम होती ही है, साथ ही मादक पदार्थों, हथियारों और लोगों की अवैध तस्करी को भी बढ़ावा मिलता है. हर साल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने वाली खरबों डॉलर की ये रक़म वैश्विक घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 5 फ़ीसदी के बराबर है. भ्रष्टाचार से एक बेहतर दुनिया बनाने के प्रयासों के रास्ते में भारी रुकावट पैदा होती है.

मोज़ाम्बीक़ के बेइरा इलाक़े में इडाई तूफ़ान द्वारा हुई तबाही. (25 जून 2019)
UN Photo/Eskinder Debebe

गहराई से जुड़े हैं आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु कार्रवाई के तार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु आपदा के नुक़सानों के ख़िलाफ़ मज़बूती हासिल करने के बीच बहुत दमदार आर्थिक दलील है. महासचिव ने आपदा जोखिम प्रबंधन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर ये संदेश दिया है. ये दिवस सोमवार 14 अक्तूबर मनाया जा रहा है.