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प्रदर्शनी

"ट्रोन्को" से व्यक्तियों को ग़ुलामों के रूप में नियंत्रित किया जाता था.
UN News/Eileen Travers

'डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियाँ' प्रदर्शनी

"दासता: डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियाँ" नामक एक प्रदर्शनी, यूएन मुख्यालय में 23 फ़रवरी 2023 को शुरू हुई है, जोकि ऐसे 10 लोगों की कहानियाँ प्रदर्शित करती है जो ग़ुलाम थे, उन लोगों की कहानियाँ जो ग़ुलामी की व्यवस्था से लाभान्वित हुए, और उनकी कहानियाँ जिन्होंने इस प्रथा के ख़िलाफ़ आवाज उठाई. एक महीने तक चलने वाली ये प्रदर्शनी, 17वीं से 19वीं सदी तक ब्राज़ील, सूरीनाम और कैरीबियाई के साथ-साथ दक्षिण अफ़्रीका, एशिया और नैदरलैंड्स में डच औपनिवेशिक युग में दासता पर केन्द्रित है. (वीडियो फ़ीचर)

 ऐम्स्टेर्डम के प्रसिद्ध रिज़्क्स संग्रहालय की दासता स्मरण प्रदर्शनी में डच औपनिवेशिक दासता की दस सच्ची कहानियों
© Richard Koek

दासता पर एक अभूतपूर्व प्रदर्शनी, नई पीढ़ी के लिए 'मानवता की उम्मीद’

चावल का एक दाना, एक सुनहरा पट्टा, और टख़नों व गर्दन को फँसाने के लिए तीन मीटर लम्बी, लकड़ी की पट्टी. ये सब, दासता पर उस दर्द को बयान करने वाली एक अनूठी प्रदर्शनी का हिस्सा हैं, जो 23 फ़रवरी (2023) को, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शुरू हुई है.

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यूएन-भारत सम्बन्धों की कहानी – डाक-टिकटों की ज़ुबानी

‘भारत और संयुक्त राष्ट्रः डाक इतिहास’ नामक वर्चुअल प्रदर्शनी के ज़रिये विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश - भारत और बहुपक्षीय संगठन के बीच के सम्बन्धों के इतिहास की झलक पेश की गई है. यह प्रदर्शनी UN India की वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

 

इस प्रदर्शनी में संयुक्त राष्ट्र और भारत से सम्बन्धित विषयों पर, भारतीय डाक विभाग और संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन द्वारा जारी 53 डाक टिकटों के इतिहास और इन्हें जारी किये जाने की पृष्ठभूमि ढंग से पेश की गई है. इसी विषय पर अंशु शर्मा की एक रिपोर्ट...
 

ऑडियो
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यूएन दिवस पर ‘भारत और संयुक्त राष्ट्रः डाक इतिहास’ नामक वर्चुअल प्रदर्शनी की शुरुआत.
UN India

यूएन75: भारत-संयुक्त राष्ट्र डाक इतिहास को बयाँ करती वर्चुअल प्रदर्शनी

शनिवार, 24 अक्टूबर 2020, को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में भारत और संयुक्त राष्ट्र के डाक-टिकटों की एक वर्चुअल प्रदर्शनी शुरू की गई है. इस प्रदर्शनी में संयुक्त राष्ट्र और भारत से सम्बन्धित विषयों पर भारतीय डाक और संयुक्त राष्ट्र डाक प्रशासन द्वारा जारी 53 डाक टिकटों के इतिहास और ये टिकट जारी किये जाने की पृष्ठभूमि दिलचस्प ढंग से पेश की गई हैं. इससे पहले शुक्रवार को भारत ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जोकि संयुक्त राष्ट्र और भारत के साझा मूल्यों और विशेष सम्बन्धों को प्रदर्शित करता है.