UNHCR: काराबाख़ क्षेत्र से शरणार्थियों के पलायन पर चिन्ता
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को, काराबाख़ इलाक़े में हाल के संघर्ष के कारण भारी संख्या में नागरिकों के आर्मीनिया पलायन करने की घटना पर चिन्ता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने मंगलवार को, काराबाख़ इलाक़े में हाल के संघर्ष के कारण भारी संख्या में नागरिकों के आर्मीनिया पलायन करने की घटना पर चिन्ता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कर्मियों ने, सूडान में युद्ध जारी रहने के मद्देनज़र, शुक्रवार को आगाह करते हुए कहा है कि देश में सुरक्षा की ख़ातिर पलायन करने वाले लोगों की संख्या, 10 लाख से भी ज़्यादा हो गई है.
संयुक्त राष्ट्र ने 75 साल पहले हुई उस घटना को अपने इतिहास में सोमवार को पहली बार याद किया, जिसमें फ़लस्तीनियों को उस भूमि से सामूहिक पलायन करना पड़ा था, जिसे आगे चलकर इसराइल के रूप में जाना गया. इस घटना के कारण, रातों-रात लगभग सात लाख फ़लस्तीनी जन, शरणार्थियों में तब्दील हो गए थे.
म्याँमार में वर्ष 2017 के दौरान सेना के हिंसक व क्रूर दमन से जान बचाकर भागे और बांग्लादेश में पनाह लेने पहुँचे लगभग 7 लाख रोहिंज्या शरणार्थियों की व्यथा को, गुरूवार को पाँच साल हो गए हैं. यूएन प्रमुख ने इस अवसर पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, रोहिंज्या लोगों की तकलीफ़ों को दूर करने में मदद के लिये, वृहद, टिकाऊ और समावेशी समाधान तलाश करने का आहवान किया है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने कहा है कि ज़्यादा लोगों को हिंसा, असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण होने वाले प्राकृतिक हादसों से बचने के लिये भागना पड़ रहा है, तो दुनिया भर में, जबरन विस्थापित होने वाले लोगों की संख्या आठ करोड़ 40 लाख से भी ज़्यादा हो गई है.
मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (Central African Republic) में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों के काफ़िले पर यूनिटी फ़ॉर पीस इन सैन्ट्रल अफ़्रीका (यूपीसी) और बलाका-विरोधी सशस्त्र गुटों के लड़ाकों ने घात लगाकर हमला किया है जिसमें दो शान्तिरक्षकों की मौत हो गई. यूएन मिशन ने इस हमले की कड़ी निन्दा करते हुए दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है. जनवरी 2021 में हिंसा के कारण अब तक नौ शान्तिरक्षकों की मौत हो चुकी है.