वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

प्लास्टिक प्रदूषण

केनया के वाटामु मे स्थानीय लोग, एक स्थानीय संगठन के साथ मिलकर तटीय इलाक़ों से प्लास्टिक हटा रहे हैं.
UNEP/Cyril Villemain

प्लास्टिक प्रदूषण की उफनती लहर से, मानवाधिकारों के लिए जोखिम - यूएन विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के दो स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने प्लास्टिक प्रदूषण की 'उफनती, विषाक्त' लहर से निपटने के लिए कारगर उपाय अपनाए जाने का आग्रह किया है. उन्होंने चिन्ता जताते हुए कहा है कि प्लास्टिक प्रदूषण की चुनौती से मानवाधिकारों के लिए ख़तरा उत्पन्न हो रहा है.

विश्व भर में समुद्री तटों और महासागर की गहराइयों में प्लास्टिक प्रदूषण की भरमार है.
Unsplash/Naja Bertolt Jensen

प्लास्टिक प्रदूषण में कमी लाने पर केन्द्रित, नया यूएन रोडमैप

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा टैक्नॉलॉजी के उपयोग से और नीतियों, बाज़ारों व उत्पादों में बड़े बदलावों के ज़रिए, वर्ष 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण में 80 प्रतिशत तक की कमी लाना सम्भव है..

केनया के नैरोबी शहर में, प्लास्टिक का कूड़ा भण्डार जहाँ, ज़्यादातर कचरा, प्लास्टिक है.
© UNEP

'शून्य अपशिष्ट दिवस': वैश्विक प्रदूषण संकट से निपटने की कार्रवाई में तेज़ी लाने का अवसर

कूड़े-कचरे से मानव स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर बद से बदतर हो रहे प्रभावों के मद्देनज़र, गुरूवार, 30 मार्च को पहला 'अन्तरराष्ट्रीय शू्न्य अपशिष्ट दिवस' मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य कचरे की रोकथाम करने, उसे कम करने के लिए सर्वजन को प्रोत्साहित करना है, ताकि एक चक्रीय अर्थव्यवस्था (circular economy) की ओर अग्रसर हुआ जा सके.

माली में बामाको के बाहर एक ग्रीनहाउस में फल और सब्जियां उगाई जाती हैं.
World Bank/Dominic Chavez

मिट्टी में ख़तरनाक ढँग से जमा हो रही है प्लास्टिक, UNEP की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की सोमवार को प्रकाशित एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में खेती-बाड़ी में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक, कृषि-भूमि में ख़तरनाक ढँग से जमा हो रही है, जोकि चिन्ताजनक है.

टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज, दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने के लिये, यूनेप का एक वैश्विक युवा आन्दोलन है.
Sneha Shahi

टाइड टर्नर चुनौती: छह युवा प्लास्टिक प्रदूषण कार्यकर्ताओं की सक्रियता

प्लास्टिक प्रदूषण पर स्रोत से समुद्र तक केन्द्रित 'टाइड टर्नर्स चैलेंज’, संयुक्त राष्ट्र की अब तक की सबसे बड़ी युवा-प्रमुख वैश्विक प्लास्टिक पहल है, जिसमें 32 देशों में 50 हज़ार से अधिक युवजन, दुनिया भर में प्लस्टिक प्रदूषण से निपटने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.

समुद्री तटों पर व महासागर की गहराई में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक, काग़ज़, लकड़ी, धातु और अन्य पदार्थ घुल गए हैं.
UN News/Laura Quinones

वर्ष 2030 तक, प्लास्टिक प्रदूषण दोगुना होने की राह पर - UNEP

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक नई रिपोर्ट में महासागरों और अन्य जल क्षेत्रों में प्लास्टिक प्रदूषण की तेज़ी से बढ़ती मात्रा पर चिन्ता जताई गई है, जिसके वर्ष 2030 तक दोगुना हो जाने का अनुमान है. यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से 10 दिन पहले जारी इस रिपोर्ट में प्लास्टिक को भी एक जलवायु समस्या क़रार दिया गया है.   

समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण, समुद्री जैवविविधता के साथ-साथ तटीय समुदायों के लिये भी ख़तरा पैदा करता है.
UNEP GRID Arendal/Lawrence Hislop

समुद्रों में प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिये ई-लर्निंग पाठ्यक्रम

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UNESCAP) ने अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, समुद्रों में प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिये, एक विज्ञान-आधारित ई-लर्निंग पाठ्यक्रम शुरू किया है. मंगलवार, 8 जून, को  'विश्व महासागर दिवस' के अवसर पर पेश इस पाठ्यक्रम के ज़रिये उन अत्याधुनिक टैक्नॉलॉजी और तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी, जिनकी सहायता से शहरी और समुद्री पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे को मापने के साथ-साथ उसकी निगरानी की जा सकती है.

भारत के मुंबई शहर के समुद्री किनारों पर प्लास्टिक कचरा बिखरा पड़ा है जो वन्यजीवों के लिए बेहद नुक़सानदेह है.
UN Environment Programme

प्लास्टिक के प्रकोप से निपटने की मुहिम में युवाओं का साथ

एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक (Single use plastic) और उसके दुष्प्रभावों से पर्यावरण को भारी नुक़सान पहुँचता है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक पहल प्लास्टिक प्रदूषण पर रोक लगाने के इरादे से दुनिया के अनेक देशों में युवाओं को इसके ख़तरों के प्रति जागरूक बनाने पर केन्द्रित है. इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए स्कूलों, समुदायों और व्यवसायों को प्लास्टिक के इस्तेमाल पर निर्भरता घटाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

कनाडा के टोरंटो में एक फ़ैक्टरी परिसर में चिमनियों से निकलता धुआँ. (फ़ाइल)
UN Photo/Kibae Park

भोपाल जैसी त्रासदियों की रोकथाम के लिए 'मानवाधिकारों पर काम करे' रसायन उद्योग जगत

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ मानवाधिकार विशेषज्ञ बास्कुट तुनचक ने कहा है कि भारत में पिछले सप्ताह एक रासायनिक संयन्त्र (कैमिकल प्लान्ट) में घातक गैस का रिसाव होना रसायन उद्योग जगत को नीन्द से जगा देने वाली घण्टी है. उन्होंने आगाह किया है कि मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए व्यवसायों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी. 7 मई को आन्ध्र प्रदेश राज्य के विशाखापट्टनम शहर के पास स्थित एक रसायन फ़ैक्ट्री से स्टायरीन गैस रिस जाने से 12 लोगों की मौत हो गई थी और एक हज़ार से ज़्यादा लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी.