यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 13 नवम्बर 2020
इस बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
इस बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
न्यूमोनिया एक गम्भीर स्वास्थ्य चुनौती है जिससे हर साल पाँच साल से कम उम्र के लगभग आठ लाख बच्चों की मौत होती है, लेकिन वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी ने इस घातक संक्रमण से निपटने के प्रयासों को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है.12 नवम्बर को ‘विश्व न्यूमोनिया दिवस’ पर संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने आगाह किया है कि न्यूमोनिया संक्रमण के गम्भीर मामलों में हर साल 42 लाख से ज़्यादा बच्चों को ऑक्सीजन की ज़रूरत होती है जिसे पूरा किया जाना होगा.
न्यूमोनिया के ख़िलाफ़ लड़ाई में प्रयासों को ज़्यादा मज़बूत बनाकर अगले दशक में 90 लाख बच्चों की मौतों को टाला जा सकता है. स्पेन के बार्सिलोना शहर में ‘बालावस्था में न्यूमोनिया’ विषय पर आयोजित वैश्विक फ़ोरम से ठीक पहले जारी एक नए विश्लेषण में यह बात सामने आई है. वर्ष 2018 में न्यूमोनिया से आठ लाख बच्चों की मौत हुई यानी हर 39 सेकेंड में एक बच्चे की मौत.
न्यूमोनिया एक ऐसी बीमारी है जिसकी आसानी से रोकथाम की जा सकती है. इसके बावजूद विश्व में किसी अन्य बीमारी की तुलना में बच्चों की सबसे ज़्यादा मौतें इसी बीमारी से हो रही हैं – हर 39 सेकेंड में एक मौत. संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने मंगलवार को ‘विश्व न्यूमोनिया दिवस’ पर चेतावनी जारी की है कि इन सर्वविदित तथ्यों के बावजूद बच्चों के जीवन की रक्षा के लिए पर्याप्त धनराशि का अभाव है.