वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

मुद्रास्फीति

विश्व खाद्य कार्यक्रम का RC Vanessa जहाज़ संयुक्त समन्वय केन्द्र के निरीक्षण की प्रतीक्षा कर रहा है.
UN Photo/Levent Kulu

काला सागर अनाज निर्यात पहल का एक वर्ष: अहम तथ्य व आँकड़े

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार, पिछले एक साल से, काला सागर अनाज निर्यात पहल के ज़रिए लाखों टन अनाज व अन्य खाद्य वस्तुओं को यूक्रेनी बन्दरगाहों से अन्य देशों के लिए रवानगी सम्भव हुई है, जिससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मज़बूती मिली है. संयुक्त राष्ट्र के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप हुई इस पहल पर रूस, तुर्कीये और यूक्रेन ने अपने हस्ताक्षर किए थे.

नामीबिया की एक यूरेनियम खदान में, एक विशाल ट्रक के पहिये की मरम्मत करता एक कर्मचारी.
World Bank/John Hogg

वैश्विक संकटों के बीच, आर्थिक प्रगति लम्बे समय तक धीमी रहने का जोखिम

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UNDESA) का एक नया आकलन दर्शाता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मज़बूत सुधार की सम्भावनाएँ फ़िलहाल क्षीण हैं, जिसकी वजह मुद्रास्फीति, ब्याज़ दरों में वृद्धि और गहराती अनिश्चितता बताई गई है. मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वित्त पोषण में आवश्यकता और उपलब्धता की खाई बढ़ने, निवेश के कमज़ोर होने और क़र्ज़ के बढ़ते बोझ के कारण, टिकाऊ विकास पर प्रगति पटरी से उतर सकती है.

24 मार्च 2021 को मेडागास्कर के मनंतांतली में, 17 वर्षीय मिजा अंजारसोआ खिड़की से बाहर देखती है। वह सोनियराना जनरल एजुकेशन कॉलेज में "कैच-अप क्लास" कार्यक्रम का हिस्सा हैं और दाई बनने की इच्छा रखती हैं.
© UNICEF/Rindra Ramasomanana

2023: बाल कल्याण को प्रभावित करने वाले आठ बड़े रुझान

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने मंगलवार को अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें आपस में गुँथे हुए, सिलसिलेवार संकट और ऐसे अहम रुझान साझा किये गए हैं, जिनका इस वर्ष बच्चों पर सीधा असर होने की आशंका है.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने न्यूयॉर्क में यूएन महासभा के 77वें सत्र को सम्बोधित किया.
UN Photo/Laura Jarriel

बांग्लादेश: रोहिंज्या समुदाय की मौजूदगी से उपजी चुनौतियाँ, संयुक्त राष्ट्र से समर्थन का आग्रह

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने कहा है कि म्याँमार के साथ द्विपक्षीय बैठकों व बातचीत के बावजूद, रोहिंज्या विस्थापितों में से एक भी व्यक्ति की अभी तक अपने पैतृक घरों तक वापसी सम्भव नहीं हो पाई है. प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने शुक्रवार को यूएन महासभा के 77वें सत्र के दौरान उच्चस्तरीय जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए चिन्ता जताई कि बांग्लादेश में रोहिंज्या समुदाय की मौजूदगी से गम्भीर चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं और इस संकट को सुलझाने के लिये यूएन के समर्थन की दरकार है.

लेबनान में अभूतपूर्व संकट के कारण बड़ी संख्या में परिवार अपनी बुनियादी ज़रूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
© UNICEF/Fouad Choufany

लेबनान: बदहाल सामाजिक-आर्थिक हालात, 'नाज़ुक डोर से बंधा' आम लोगों का जीवन

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र की रैज़ीडेण्ट कोऑर्डिनेटर और मानवीय राहत मामलों की समन्वयक नजत रोश्दी ने कहा है कि स्थानीय आबादी की आजीविकाएँ बर्बाद व आशाएँ धूमिल हो चुकी हैं और देश एक नाज़ुक डोर से लटक रहा है. उन्होंने देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों के मद्देनज़र और बिगड़ती स्थिति से निपटने के लिये, आपात राहत योजना की अवधि बढ़ाए जाने की घोषणा की है.