महिलाओँ के ख़िलाफ़ हिंसा

यूएन अधिकारियों का मानना है कि लिंग आधारित हिंसा की छाया कोविड-19 महामारी के पीछे छिपी है.
UNDP

मानवीय आपात स्थितियों में लिंग आधारित हिंसा रोकने के लिये कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने यूएन महासभा के 76वें सत्र के दौरान, हाशिये पर मुलाक़ात की और दुनिया भर में जबरन विस्थापन जैसी मानवीय आपात स्थितियों में वृद्धि के दौरान होने वाली लिंग आधारित हिंसा (GBV) के ख़िलाफ़ मज़बूत कार्रवाई का आहवान किया. 

यूक्रेन के संघर्ष ग्रस्त पूर्वी हिस्से में रहने वाली एक 15 वर्षीय लड़की की माँ का आमदनी वाला रोज़गार ख़त्म हो गया तो उसके सौतेले पिता ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. लड़की को हैल्पलाइन से मदद मांगनी पड़ी.
UNICEF/Aleksey Filippov

दुनिया में हर तीन में से एक महिला, हिंसा पीड़ित

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और साझीदार संगठनों का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, युवा उम्र से ही शुरू हो जाती है और बुरी तरह व गहराई से जड़ें जमाए हुए है. इस रिपोर्ट को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर, अब तक का सबसे विस्तृत अध्ययन बताया गया है, जिसके अनुसार, अपने जीवनकाल में, हर तीन में से एक महिला यानि लगभग 73 करोड़ 60 लाख महिलाओं को, शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है, और इस आँकड़े में पिछले एक दशक में कोई ख़ास बदलाव नहीं आया है.