महिला सशक्तिकरण

बिनती, ओडिशा के रायगढ़ ज़िले में समुदाय की महिलाओं व लड़कियों को सम्बोधित कर रही हैं.
UNFPA India

भारत: किशोरवय लड़कियों के सशक्तिकरण से बदलाव की बयार

भारत में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA), अपने साझीदारों के साथ मिलकर, विभिन्न प्रदेशों में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों के माध्यम से, युवाओं को शिक्षा के ज़रिये अपनी क्षमता का ऐहसास कराने और रूढ़िवादी सामाजिक प्रथाओं के विरुद्ध आवाज़ उठाकर, स्थानीय ग्रामीण समुदायों में बदलाव लाने के लिये प्रयास कर रहा है. 

भारत के अहमदाबाद शहर की एक झुग्गी बस्ती में मॉड रूफ टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल.
Mahila Housing SEWA Trust

टिकाऊ व जलवायु सहन-सक्षम भविष्य, महिलाओं की अगुवाई में प्रयास

भारत के ग़ैर-सरकारी संगठन ‘महिला हाउसिंग सेवा ट्रस्ट’ (MHT) की निदेशक बीजल ब्रह्मभट्ट का कहना है कि महिलाओं के लिये पर्यावरणीय क्षरण, ताप लहरों समेत जलवायु परिवर्तन के अन्य नकारात्मक प्रभावों का जोखिम अधिक होता है. इसलिये इन चुनौतियों से निपटने के कारगर व न्यायसंगत उपायों के लिये यह ज़रूरी है कि महिलाओं की आवश्यकताओं व उनके नज़रियों का भी ध्यान रखा जाए. 

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले में गौसपुर गाँव की महिलाएँ, जो ‘टेक-होम’ पौष्टिक राशन के उत्पादन में लगी हैं.
WFP India/Parvinder Singh

भारत: पोषण के साथ महिला सशक्तिकरण

भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने महिला सशक्तिकरण के लिये एक अनूठी परिवर्तनकारी पहल शुरू की है, जिसके तहत ‘टेक-होम’ राशन उत्पादन इकाइयों के संचालन में स्थानीय समुदाय की महिलाओं को शामिल किया जा रहा है. इसी पर पहल पर, भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के संचार प्रमुख, परविन्दर सिंह का ब्लॉग.

इण्डोनेशिया के बोन ज़िले में बाल संरक्षण मामलों की यूनीसेफ़ प्रमुख मिलेन किडाने.
© UNICEF/UN0602687/Wilander

यूएन में पूर्ण लैंगिक समता प्राप्त करने की दिशा में ठोस प्रगति, महासचिव

मानवाधिकारों पर आधारित और नए सिरे से पुनर्जीवित एक सामाजिक अनुबन्ध के लिये लैंगिक समानता व महिलाओं के अधिकार, दोनों अति-आवश्यक हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को महिला नेतृत्वकर्ताओं को बढ़ावा देने के इरादे से आयोजित एक चर्चा के दौरान यह बात कही है.

हावा गेम्स दाहाब गेबजेन्दा को एक लैंगिक विशेषज्ञ के रूप में कार्य करने का गहन अनुभव है.
Maimana El Hassan

टिकाऊ भविष्य के लिये महिलाओं को अग्रणी भूमिका निभानी होगी, यूएन प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को ‘महिलाओं के दर्जे पर आयोग’ के 66वें सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा है कि विश्व के टिकाऊ भविष्य के लिये यह ज़रूरी है कि मार्गदर्शक के तौर पर महिलाओं व लड़कियों को कार्रवाई के केन्द्र में रखा जाए.

लिंग-आधारित हिंसा के विरोध में, तंज़ानिया के दार एस सलाम में स्कूली छात्राएँ एक मार्च निकालते हुए.
UN Women Tanzania/Deepika Nath

महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध हिंसा - कोरोनावायरस संकट के दौरान बढ़ी चुनौतियाँ

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने ‘महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का उन्मूलन करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के सिलसिले में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, लिंग-आधारित हिंसा को एक वैश्विक संकट क़रार दिया है. हर वर्ष 25 नवम्बर को मनाए जाने वाले इस दिवस से ठीक पहले जारी एक रिपोर्ट दर्शाती है कि कोविड-19 के दौरान घरों व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर असर हुआ है. 

कॉप26 सम्मेलन सभागार में सीरिया की एक शरणार्थी लड़की को दर्शाती अमाल नामक कठपुतली और समोआ की जलवायु कार्यकर्ता ब्रियेना फ़्रुएन.
UN News/Laura Quinones

कॉप26: जलवायु संकट से सर्वाधिक प्रभावितों में महिलाएँ, चुकाती हैं एक बड़ी क़ीमत

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में कॉप26 सम्मेलन के दौरान मंगलवार को, जलवायु परिवर्तन से महिलाओं पर होने वाले असर व जलवायु कार्रवाई में उनकी ज़रूरतों को समाहित किये जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई. प्राकृतिक संसाधनों की देखरेख में महिलाओं व लड़कियों के ज्ञान की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है, और उनमें निवेश के ज़रिये, पूर्ण समुदायों तक लाभ पहुँचाया जा सकता है. इस बीच, एक नया विश्लेषण दर्शाता है कि कॉप26 में विश्व नेताओं की घोषणाओं के बावजूद, दुनिया विनाशकारी तापमान वृद्धि की ओर बढ़ रही है.

रूस की सुपरमॉडल और जन सरोकारों से जुड़ीं नतालिया वोदियानोवा.
UNFPA

सुपरमॉडल नतालिया वोदियानोवा - महिला स्वास्थ्य व सशक्तिकरण के लिये नई पैरोकार

यौन एवँ प्रजनन स्वास्थ्य मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (UNFPA) ने सुपरमॉडल और सामाजिक सरोकारों से जुड़ीं, नतालिया वोदियानोवा को अपनी नई सदभावना दूत नियुक्त किया है. यूएन जनसंख्या कोष ने कहा है कि नतालिया की मदद से महिलाओं व लड़कियों को सशक्त बनाने और माहवारी से जुड़ी वर्जनाओं का मुक़ाबला करने का प्रयास किया जाएगा.  

यूएन अधिकारियों का मानना है कि लिंग आधारित हिंसा की छाया कोविड-19 महामारी के पीछे छिपी है.
UNDP

कोविड-19 के दौरान घरेलू हिंसा बढ़ोत्तरी से निपटने के लिये यूएन एजेंसियों के सक्रिय प्रयास

वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में बढोत्तरी दर्ज की गई और सख़्त पाबन्दियों के कारण सहायता सेवाओं की उपलब्धता भी सीमित रही है. भारत में संयुक्त राष्ट्र घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को सहारा देने वाले संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है और उन्हें हरसम्भव सहायता उपलब्ध कराने के लिये प्रयासरत है. एक रिपोर्ट... 

बांग्लादेश में कोरेल बॉन बाज़ार सामुदायिक केन्द्र के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के दौरान स्थानीय परिवारों की मदद की है.
© UN-Habitat/Kirsten Milhahn

कोविड-19: आपसी सम्बन्धों पर प्रभाव

स्वास्थ्य संकट की स्थिति में, स्कूल, सामाजिक संस्थाओं और प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच खो देने के कारण, ख़ासतौर पर लड़कियों को बाल-विवाह और कम उम्र में गर्भवती होने के जोखिम का सामना करना पड़ता है.

बांग्लादेश की 15 साल की त्रिशा कहती हैं, "मैं एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था चाहती हूँ, जहाँ महिलाएँ और बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित हों. बाल विवाह हमारे समाज के लिये एक अभिशाप है. जब कोई लड़की बाल विवाह का शिकार होती है, तो वह शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित होती है.”

यह वीडियो, लड़कियों ने ख़ुद बनाकर, अपने विचार, अपने शब्दों में, व्यक्त किये हैं. (वीडियो देखें)...