वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

मेडागास्कर

मेडागास्कर में चक्रवाती तूफ़ान से तबाही के बाद एक महिला अपने बच्चों के साथ, क्षतिग्रस्त घर के बाहर.
© WFP

जलवायु कार्रवाई के अभाव में, चरम मौसम घटनाओं से बढ़ेंगी मानवीय ज़रूरतें

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि मेडागास्कर में चरम मौसम घटनाओं का असर, एक उदाहरण है कि कारगर जलवायु कार्रवाई के अभाव में, आने वाले समय में दुनिया को किस तरह बढ़ती मानवीय आवश्यकताओं का सामना करना पड़ सकता है.

ज़िम्बाब्वे में एक नदी के नज़दीक एकत्र हुई महिलाएँ.
© Brent Stirton/Getty Images for FAO

टिकाऊ विकास में स्फूर्ति भरने के लिये, साझा यूएन कोष का विस्तार

टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र के साझा एसडीजी कोष ने अपनी निवेश सूची (portfolio) में 'ऐतिहासिक विस्तार' की घोषणा करते हुए, विश्व भर में पाँच नए बाज़ारों का रुख़ किया है. इसके तहत, एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति को साकार करने के लिये, क़रीब साढ़े पाँच करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा. 

मेडागास्कर की युवा जलवायु कार्यकर्ता मैरी क्रिस्टीना कोलो
© Rakotondrazafy A. M. Ny Aina

मैडागास्कर की युवा कार्यकर्ता का नज़रिया - युवा ख़ामोश नहीं बैठेंगे

मैडागास्कर की एक युवा कार्यकर्ता मैरी क्रिस्टीना कोलो का कहना है कि दुनिया भर के युवजन, अब वैश्विक जलवायु संकट के बारे में ख़ामोश नहीं बैठेंगे.

मेडागास्कर के दक्षिणी हिस्से में लगातार सूखा पड़ने, कोविड-19 और अशान्ति के हालात ने, पहले से ही मौजूद खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के हालात को और नाज़ुक बना दिया है.
WFP/Tsiory Andriantsoarana

मेडागास्कर में सूखा के कारण, लोग कीड़े-मकौड़े खाने तक को मजबूर

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने शुक्रवार को कहा है कि मेडागास्कर के दक्षिणी हिस्से में कई वर्षों से सूखा पड़ने के कारण भुखमरी लगातार बढ़ रही है, जिससे क्षेत्र की लगभग आधी आबादी यानि लगभग 15 लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इन हालात ने बहुत परिवारों को कीड़े-मकौड़े तक खाने को विवश कर दिया है.

मेडागास्कर के एक गाँव में ग्रामीणों ने तब तक शोचालयों का इस्तेमाल गंभीरता से शुरू नहीं किया जब तक उन्हें खुले स्थानों में शोच करने के ख़तरों से अवगत नहीं कराया गया. (मई 2019)
©WSSCC/Hiroyuki Saito

मेडागास्कर के ग्रामीणों ने ‘खुले में शौच’ के ख़तरों को समझा

ग्रामीणों के साथ चर्चा तड़के से ही शुरू हो जाती है.  स्वयंसेवकों को चॉक से ज़मीन पर अपने गांव का नक्शा तैयार करने को कहा जाता है. एक महिला के स्कैच से पता चला कि उस गाँव में 17 परिवारों के 65 लोग कुल 11 लाल मिट्टी के घरों में रहते हैं. वह बताती हैं कि वे सभी लोग केवल तीन शौचालयों से काम चलाते हैं, जो वहां काफी समय से हैं.