मानवाधिकार हनन

डीपीआरके की राजधानी प्योंगयांग में बच्चे और वयस्क, एक ऊँची इमारत के पास से गुज़र रहे हैं.
UNICEF/Jeremy Horner

डीपीआर कोरिया: जबरन गुमशुदगी के पीड़ितों को सच जानने, न्याय पाने का अधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की एक नई रिपोर्ट में कोरिया लोकतांत्रिक जन गणराज्य (डीपीआरके) में जबरन गुमशुदगी के और अगवा किए गए पीड़ितों की व्यथा को बयां किया गया है. रिपोर्ट में सच्चाई, न्याय, हर्जाने और ऐसा फिर ना होने देने की गारंटी के लिए नए सिरे से प्रयासों की पुकार लगाई गई है.

तंज़ानिया के ज़जीबार में दास प्रथा के पीड़ितों के स्मरण में एक स्मारक.
UN/Israa Hamad

नस्लवाद के विरुद्ध लड़ाई में, दासता के 'भयावह अतीत' को समझा जाना ज़रूरी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि नस्लवाद की क्रूरतापूर्ण विरासत के विरुद्ध लड़ाई में, शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है. यूएन प्रमुख ने हर वर्ष, 25 मार्च को मनाए जाने वाले ‘पार-अटलांटिक दास व्यापार और उसके पीड़ितों स्मरण में अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ के सिलसिले में यूएन महासभा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही है.

लीबिया के एक हिरासत केन्द्र में कुछ प्रवासी बैठे हैं. (फ़ाइल)
© UNICEF/Alessio Romenzi

लीबिया: मानवता के विरुद्ध अपराधों को दिया गया अंजाम, यूएन मिशन की रिपोर्ट

लीबिया के लिए गठित संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र तथ्य-खोज मिशन ने अपनी अन्तिम रिपोर्ट में चिन्ता जताई है कि देश में मानवाधिकारों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, और सरकारी सुरक्षा बलों व सशस्त्र गुटों द्वारा विविध प्रकार के युद्धापराधों व मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने की आशंका है.

म्याँमार के काचीन प्रान्त में एक विस्थापित बच्चा.
OCHA/P. Peron

म्याँमार: मानवाधिकार हनन और ‘स्तब्धकारी हिंसा’ से धूमिल हो रही आशा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) ने मानवाधिकार परिषद को बताया है कि म्याँमार में सैन्य बलों द्वारा अपने ही देश के लोगों के विरुद्ध, मनमाने ढंग से घातक हिंसा का इस्तेमाल जारी है, और यह बढ़ते मानवीय संकट व बद से बदतर होती आर्थिक स्थिति के बीच हो रहा है.

हिरासत केन्द्र के इर्द-गिर्द कंटीले तारों की बाड़ लगाई गई है.
Unsplash/Hédi Benyounes

लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखे जाने पर विराम लगाने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने विश्व भर के देशों की सरकारों से आग्रह करते हुए कहा है कि लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखे जाने की घटनाओं पर सदैव के लिये रोक लगाने की दरकार है.

क़तर में एक निर्माण स्थल पर प्रवासी कामगार.
© ILO/Apex Image

प्रवासी कामगारों के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित किये जाने पर बल

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR), ने ‘अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ से ठीक पहले शुक्रवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में देशों से प्रवासी कामगारों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिये और अधिक प्रयासों की पुकार लगाई है.  

ईरान की तथाकथित नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद स्वीडन के स्टॉकहोम में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए.
Unsplash/Artin Bakhan

ईरान: शान्तिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर दमनात्मक कार्रवाई, स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय जाँच की मांग

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ईरान में महसा अमीनी नामक महिला की मौत के बाद भड़के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों की दमनात्मक कार्रवाई और उसमें प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की निन्दा की है, और इन घटनाओं की विस्तृत व स्वतंत्र जाँच कराए जाने की मांग की है. महसा अमीनी को कथित तौर पर सही तरीक़े से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में  गिरफ़्तार किया गया था और फिर पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत हो गई थी.  

म्याँमार में आर्थिक व राजनैतिक संकट के बीच, बाल अधिकारों के लिये संकट गम्भीर रूप धारण कर रहा है.
World Bank/Tom Cheatham

म्याँमार: बच्चों के लिये गहराता संकट, यूएन समिति की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समिति ने जिनीवा में बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि म्याँमार में संकटग्रस्त परिस्थितियों में जीवन गुज़ारने को मजबूर बच्चों की एक पूरी पीढ़ी की, जल्द से जल्द रक्षा सुनिश्चित की जानी होगी. समिति ने देश में मौजूदा हालात से त्रस्त बच्चों को राहत प्रदान करने के लिये, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

मनोरंजन व स्वास्थ्य के लिये शारीरिक गतिविधियों का सहारा लेने के बजाय, बच्चे डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल ज़्यादा कर रहे हैं.
© UNICEF/UN014974/Estey

ग़लत व झूठी जानकारियों के उभार से, दरक रहा है आम लोगों का भरोसा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने सचेत किया है कि विश्व भर में समाजों को व्यवस्थागत विषमता समेत अनेक वैश्विक व्याधियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके कारण जानबूझकर ग़लत जानकारी व झूठ फैलाए जाने की प्रवृत्ति भी उभर रही है.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात में एक खाद्य वितरण केन्द्र पर, कुछ महिलाएँ खाद्य सामग्री प्राप्त करते हुए.
© UNICEF/Sayed Bidel

अफ़ग़ान प्रशासन से गम्भीर मानवाधिकार चुनौतियों से निपटने का आग्रह

अफ़ग़ानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ रिचर्ड बैनेट ने देश में मानवाधिकारों के लिये उत्पन्न गम्भीर चुनौतियों और आर्थिक व मानवीय संकट पर चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने तालेबान प्रशासन से कथनी और करनी के बीच की दूरी ख़त्म करके, एक ऐसा रास्ता अपनाने का आग्रह किया है जिससे महिलाओं व लड़कियों समेत सभी अफ़ग़ान नागरिकों के लिये स्थिरता व स्वतंत्रता सुनिश्चित की जा सके.