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लैंगिक असमानता

भारत के प्राथमिक विद्यालय में किशोरियाँ कम्प्यूटर कौशल सीख रही हैं.
© UNICEF/Srikanth Kolari

निम्न आय अर्थव्यवस्थाओं में 90 प्रतिशत किशोर लड़कियाँ इंटरनेट से वंचित

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने 'सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में लड़कियों के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस' पर एक नई रिपोर्ट में सचेत किया है कि कम आय वाले देशों में लगभग 90 प्रतिशत किशोर लड़कियाँ और युवा महिलाएँ इंटरनेट का उपयोग नहीं करती हैं. वहीं, उनके समकक्ष युवा पुरुषों के ऑनलाइन होने की सम्भावना दोगुनी होती है.

प्रौद्योगिकी के प्रयोग और कोशल निर्माण के ज़रिए, महिलाओं के सशक्तिकरण व प्रगति पर, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने, यूएन मुख्यालय में 16 मार्च 2023 को एक कार्यक्रम आयोजित किया.
Permanent Mission of India to the UN

CSW67: प्रौद्योगिकी और कौशल विकास के ज़रिए महिला सशक्तिकरण पर ज़ोर

महिला कल्याण और प्रगति के लिए प्रयासरत संयुक्त राष्ट्र संस्था – यूएन वीमैन की मुखिया सीमा बहाउस ने कहा है कि डिजिटल विभाजन निर्धनता का एक नया रूप बन गया है, जिसमें लाखों लोगों के लिए लैंगिक असमानता भी छिपी हुई है.

इक्वाडोर की राजधानी क्वीटो में एक महिला, लैंगिक हिंसा के विरोध में निकाले गये मार्च में हिस्सा ले रही है.
© UN Women/Johis Alarcón

जलवायु परिवर्तन, महिलाओं व लड़कियों के विरुद्ध हिंसा का जोखिम बढ़ने की एक वजह

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने बुधवार को चेतावनी जारी की है कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण के कारण, विश्व भर में महिलाओं व लड़कियों के प्रति हिंसा का जोखिम बढ़ रहा है.

इंडोनेशिया के मध्य जावा प्रांत में एक 14 वर्षीय लड़की घर पर एक स्कूल असाइनमेंट पर काम करती है.
UNICEF/Jiro Ose

भेदभाव और लैंगिक रूढ़ियों के कारण, गणित में लड़कों से पिछड़ती लड़कियाँ

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने बुधवार को जारी अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी की है कि दुनिया भर में लड़कियाँ, गणित विषय में लड़कों से पिछड़ रही हैं. विशेषज्ञों ने चिन्ता जताई है कि लिंग के आधार पर भेदभाव और लैंगिक रूढ़िवादिता समेत अन्य कारणों से ये अन्तर बढ़ रहा है.

सेनेगल में एक महिला सामूहिक प्रक्रिया सार्डिनेला
संयुक्त राष्ट्र महिला/ब्रूनोडेमोक

निवेश नहीं हुआ तो, लैंगिक समानता प्राप्ति में लग सकते हैं 300 साल

महिला सशक्तिकरण के लिये प्रयासरत यूएन संस्था (UN Women) और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA) ने बुधवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जो दर्शाती है कि यदि पूर्ण लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में प्रगति की मौजूदा रफ़्तार ही जारी रही, तो इस लक्ष्य को पाने में क़रीब 300 साल लग सकते हैं.

शान्ति, लोकतन्त्र और टिकाऊ विकास हासिल करने के लिये लैंगिक समानता और स्वतन्त्र अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण हैं.
UN Photo/Fardowsa Hussein

'लिंगभेद और स्त्री-द्वेष' में वृद्धि; महिलाओं की आज़ादी का दमन

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने यूएन महासभा को बताया है कि महिलाओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन या उस पर नियंत्रण बढ़ाने के लिये लिंग आधारित हिंसा, अभद्र भाषा और दुष्प्रचार का व्यापक रूप से, ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रयोग किया जा रहा है.